दिमाग बीमारी और उपचार

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण, कारण और उपचार

Brain tumor symptoms and treatment in hindi.

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण, कारण और उपचार - Brain tumor information in hindi

यूं तो सिरदर्द का होना एक आम सी बात हो गई है, लेकिन ध्यान रहें अगर यह समस्या बहुत अधिक है तो यह ब्रेन ट्यूमर का एक प्रमुख लक्षण भी हो सकता है। इस खतरनाक बीमारी की पहचान अगर पहले ना हुई तो इंसान अंदर-ही-अंदर मौत की ओर चले जाता है। इस एडवांस दुनिया में सजर्री इसका प्रमुख इलाज है।

दिमाग की गिल्टी जिसे हम ब्रेन ट्यूमर भी कहते हैं, इसके लक्षण तब दिखने शुरू हो जाते हैं जब उसके द्वारा ली गई जगह दिमाग पर दबाव डालना शुरू करती है या फिर वह जिस क्षेत्र में पनप रहा हो वहां के कार्य करने की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न कर रहा हो। ध्यान रहें, अगर समय रहते इसका इलाज नहीं कराया गया तो यह जानलेवा साबित हो सकती है।

ब्रेन ट्यूमर क्या है

ब्रेन ट्यूमर क्या है

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण और उपचार के बारे में जानने से पहले आइए जानते हैं कि ब्रेन ट्यूमर क्या है? ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क में असामान्य कोशिकाओं का एक संग्रह या द्रव्यमान है। आपकी स्कल, जो आपके मस्तिष्क को घेरती है, बहुत कठोर है। इस तरह के सीमित स्थान में कोई भी वृद्धि समस्याओं का कारण बन सकती है।

ट्यूमर कैंसरयुक्त (घातक) या गैर-कैंसर (सौम्य) हो सकता है। जब सौम्य या घातक ट्यूमर ग्रो करते हैं, तो वे आपकी स्कल के अंदर दबाव बढ़ा देते हैं। यह मस्तिष्क में क्षति पैदा कर सकता है, और यह जीवन को खतरे में डाल सकता है।

ब्रेन ट्यूमर को प्राथमिक या माध्यमिक श्रेणी के रूप में वर्गीकृत किया गया है। प्राथमिक ब्रेन ट्यूमर आपके मस्तिष्क में उत्पन्न होता है। कई प्राथमिक ब्रेन ट्यूमर सौम्य होते हैं। एक माध्यमिक मस्तिष्क ट्यूमर, जिसे मेटास्टैटिक मस्तिष्क ट्यूमर के रूप में भी जाना जाता है, तब होता है जब कैंसर की कोशिका आपके मस्तिष्क में किसी अन्य अंग से जैसे आपके फेफड़े या स्तन फैल जाती है।

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण 

brain tumor ke lakshan in details, ब्रेन ट्यूमर के लक्षण

  • हमेशा सिर दर्द की शिकायत रहना और उल्टी होना
  • चलते समय लडखड़ा जाना
  • याददाश्त कमजोर होना
  • स्वभाव में बदलाव दिखना
  • दौरे पड़ना
  • बोलने, सुनने या दिखने में परेशानी होना
  • जी मचलाना
  • डर लगना
  • गले में अकड़न होना
  • चेहरे के कुछ भागों में कमजोरी महसूस होना और वजन एकाएक बढ़ जाना

ऊपर दिए गए ब्रेन ट्यूमर के लक्षणों को नजरअंदाज करना होगी बेवकूफी

जैसा कि आपको पता है कि ब्रेन ट्यूमर दिमाग में होनेवाली गांठ है, जो कैंसर भी हो सकती है और नॉन कैंसर भी। आज इस एडवांस चिकित्सा के क्षेत्र में हुई तकनीकी विकास के कारण विभिन्न जांचों की सहायता से इस बीमारी की सही स्थिति का अनुमान बड़ी आसानी से लगाया जा सकता है, साथ ही सर्जरी की आधुनिक विधियों से इसका पूरा उपचार भी संभव है।

क्या है ब्रेन ट्यूमर होने का कारण

बड़ी और गंभीर बीमारी ब्रेन ट्यूमर विशेष प्रकार के विषाणु के संक्रमण से हो सकता है या प्रदूषित पदार्थों का श्वसन क्रिया के साथ प्रवेश करना भी रोग की उत्पत्ति का कारण हो सकता है।

ट्रीटमेंट के हैं कई ऑप्शन

आपको बता दें कि ब्रेन ट्यूमर के इलाज के लिए कई ऑप्शन हैं। डॉक्टर यह मरीज को देखकर ही निर्णय लेते हैं कि उनके लिए कौन-सा ट्रीटमेंट बेस्ट होगा। रोग के आधार पर भी ट्रीटमेंट चुना जाता है, जैसे ट्यूमर बिनाइन है या मेलिगेंट… बढ़ने के चांस कितने ज्यादा हैं… कितने समय से है… ट्यूमर किस जगह पर है… साइज कितना है… उम्र और सेहत कैसी है आदि। कई बार दो ट्रीटमेंट एक साथ भी किए जाते हैं, ताकि ट्यूमर से जल्द निजात आपको मिल सके। आमतौर पर ट्रीटमेंट सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी और कीमोथेरेपी से भी किया जाता है।

ब्रेन कैंसर का उपचार

ब्रेन कैंसर का उपचार

ब्रेन कैंसर के उपचार में सर्जरी, रेडिएशन, थेरेपी और कीमोथेरेपी शामिल है। ज्यादातर मामलों में, इनमें से एक से अधिक तरीकों का भी प्रयोग किया जा सकता है। ब्रेन कैंसर का उपचार कुछ इस प्रकार से है :-

सर्जरी

बहुत से लोग हैं जिन्हें ट्यूमर होता है और उसे निकालने के लिए सर्जरी करनी पड़ती है। यदि आपका ट्यूमर, ग्रेड 1 में हो, तो ऐसी स्थिति में आपके ट्यूमर की सर्जरी के माध्यम से निकाला जा सकता है। यदि आपके ट्यूमर को सर्जरी के माध्यम से न निकाला जा सके, तो कम से कम आपके ट्यूमर के आकार और लक्षणों को कम किया जा सकता है।

रेडिएशन थेपेरी

कई ऐसे लोग हैं जिनका ट्यूमर सर्जरी के माध्यम से नहीं निकलता या उसकी कुछ कोशिकाएं सर्जरी के बाद भी रह जाती है, तो उनके लिए रेडिएशन थेपेरी का इस्तेमाल किया जाता है।

कीमोथेरेपी

कीमोथेरेपी का प्रयोग कैंसर सेल को खत्म करने के लिए किया जाता है। कैंसर को खत्म करने के लिए कीमोथेरेपी ड्रग्स का इस्तेमाल किया जाता है। इन दवाइयों को मौखिक रूप से अर्थात मुंह के द्वारा दिया जाता है। अधिकतर लोगों को इसे इन्ट्रावेनस इन्फ्यूजन की प्रक्रिया के द्वारा दिया जाता है।

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