गले में इन्फेक्शन कई बार हमें बहुत ही परेशान करती है। इसमें जलन और दर्द होने से दैनिक काम पर ध्यान केंद्रित करने में मुश्किल आती है। ऐसे दर्द गले में इन्फेक्शन के लक्षण भी है। वैसे आपके कीचन में गले में इन्फेक्शन को दूर करने के बहुत सी सामग्री है, जिसका उपयोग आप आयुर्वेदिक उपचार के तौर पर कर सकते हैं।
ये आयुर्वेदिक उपचार शक्तिशाली एंटी-बैक्टीरियल और एंटी वायरल गुणों के लिए जाना जाता है और संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकता है। आपकी प्रतिरक्षा बढ़ाने और आपको भीतर से मजबूत बनाने में भी मदद कर सकता है।
गले में इन्फेक्शन के कारण
आम तौर पर गले में संक्रमण के लिए बैक्टीरिया और वायरस सबसे ज्यादा जिम्मेदार है, जिसके कारण आपको कोल्ड या फ्लू होता है। यही कारण है कि आपके गले में इंफेक्शन होता है।
गले में इन्फेक्शन के लक्षण
गले में दर्द
गले में दर्द बच्चे-बुढ़े किसी को भी हो सकता है, खासकर जिनकी इम्यून सिस्टम कमजोर है, वह गले के इंफेक्शन से जल्दी प्रभावित होता है। अगर आपके गले में दर्द है तो आप समझिए कि आपको गले में इन्फेक्शन है। गले में दर्द एक बैक्टीरियल इन्फेक्शन का एक आम लक्षण है, लेकिन यह जरूरी नहीं है कि असुविधा एक इन्फेक्शन का परिणाम हो।
दर्द कई दिनों तक रह सकता है। कई बार दर्द को शांत करने के लिए घरेलू उपचार अप्रभावी रहता है। गले में संक्रमण से लार सहित कुछ भी श्वास या निगलने वाली समस्याएं होती है।
वैसे गले में दर्द सामान्य सर्दी का लक्षण भी हो सकता है। इसके अलावा वोकल कोर्ड में इंफेक्शन या स्ट्रेप थ्रोट जैसी किसी गंभीर समस्या में भी गले में दर्द हो सकता है। इसमें गले में चुभन या छिला हुआ महसूस होता है और कुछ खाने में दिक्कत महसूस होती है। गले में इंफेक्शन या दर्द होने पर गला अंदर से लाल और कुछ सूजा हुआ नजर आता है।
बुखार
बुखार किसी भी मौसम में हो सकता है। बारिश रोगों के संक्रमण के लिए यही मौसम सबसे माकूल होता है। इस मौसम में सर्दी, जुखाम और बुखार सबसे ज्यादा फैलने वाली बीमारी हैं। बुखार आना एक बेहद आम बीमारी है, लेकिन यह कई बीमारियों में एक प्रमुख लक्षण भी होता है। जैसे गले में इन्फेक्शन से आपको बुखार जैसा अनुभव हो सकता है।
वैसे किसी भी प्रकार के इंफेक्शन या संक्रमण में बुखार संभव है। बैक्टीरिया के कारण संक्रमण होने पर बुखार हल्का हो सकता है और कई दिनों तक रह सकता है।
शरीर में दर्द
शरीर में दर्द की समस्या को साधारणतः लोग नजर अंदाज ही कर देते हैं क्योंकि अधिकतर लोग उसे एक आम बीमारी मानते हैं। लेकिन पू्रे शरीर में दर्द को सहना बहुत मुश्किल होता है।
शरीर में दर्द की शुरुआत अचानक या धीरे-धीरे हो सकती है। दर्द से पीड़ित व्यक्ति ही उसकी तीव्रता और आवृत्ति को बयान कर सकता है। गले में इन्फेक्शन के लक्षणों में सिर दर्द, शरीर में दर्द और हो सकता है। हालांकि बच्चों में पेट दर्द होने की संभावना रहती है।
लाल चकत्ते
किसी भी प्रकार के संक्रमण, विशेष रूप से वायरल, शरीर में लाल चकत्ते का कारण बन सकता है, जो कि छोटे लाल धब्बों जैसे दिखते हैं। छोटे लाल धब्बे गले के पीछे भी दिखाई दे सकते हैं।
गले में इन्फेक्शन के आयुर्वेदिक उपचार
आयुर्वेद उपचार है हल्दी
एंटी-आक्सीडेंट और एंटी-कैंसर के गुणों से भरपूर हल्दी में करक्यूमिन होने के कारण कई बीमारियों से लड़ने का काम करती है। गले में इन्फेक्शन को दूर करने के लिए आप हल्दी और दूध का सेवन कर सकते हैं। इसे दादी मां के घरेलू उपचारों में से एक माना जाता है तथा इसे भारत में प्राचीन परंपरा माना जाता है।
यह गले में खराश, ठंड और लगातार खांसी का इलाज करने के लिए जाना जाता है यह सूजन और दर्द को दूर भी कर सकता है। आयुर्वेद की दुनिया में, यह एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक के रूप में जाना जाता है।
नमक पानी से गरारे
गले के इंफेक्शन को दूर करने के लिए आप नमक पानी से गरारे कर सकते हैं। यह सबसे पुराना और आसान उपाय है। इसे हम दादी मां के घरेलू उपाय के तौर पर भी जानते हैं।
नमक को आश्चर्यजनक एंटी-बैक्टीरियल गुणों के लिए जाना जाता है। गले के इंफेक्शन को दूर करने के लिए गर्म पानी के कप में ¼ चम्मच नमक को मिलाएं। दिन में कम से कम दो से तीन बार गरारे करें। यह बैक्टीरिया को बेअसर कर देगा और जल्दी से राहत देगा।
गले के इंफेक्शन को दूर करे शहद
नियमित रूप से शहद खाने से शरीर निरोगी, ऊर्जावान व स्वस्थ बना रहता है। चम्मच भर शहद के सेवन से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है, जिसके कारण बीमारियां पास नहीं आती है।
गले के इंफेक्शन को दूर करने के लिए आप गर्म पानी में अदरक और नींबू को डाले तथा हल्का ठंड़ा होने के बाद उसमें शहद को मिलाएं। यह गले के इंफेक्शन के साथ-साथ यह खांसी के उपचार में बहुत प्रभावी है। यह गले में सूजन को कम करने में मदद करता है।
सेब का सिरका
प्राकृतिक स्वास्थ्य समुदाय में सेब का सिरका सिरके का सबसे लोकप्रिय प्रकार है। इसमें वजन घटाने, कोलेस्ट्रॉल को कम करने, ब्लड शुगर का कम स्तर और मधुमेह के बेहतर लक्षण शामिल हैं। सेब के सिरके (एसीवी) नेचर में अम्लीय है और गले में बैक्टीरिया को मार सकता है। यह गले में इन्फेक्शन के लक्षण को कम कर सकता है।
इसके अलावा यह ठंड के लक्षणों को कम करने में भी मदद कर सकता है। इसके लिए आप अपने हर्बल चाय में एक चम्मच सेब का सिरका डाले। इसके अलावा आप इसका प्रयोग गार्गल करने के लिए भी कर सकते हैं।
लहसुन
लहसुन में एलिसिन नामक एक यौगिक होता है जो बैक्टीरिया को मार सकता है और संक्रमण के कारण होने वाले रोगाणुओं से लड़ सकता है। गले में इन्फेक्शन के लक्षण को कम करने आप अपने अपने मुंह में लहसुन की कली रखें और कैंडी की तरह इसे चूसो। इसके बाद आप इसे अपने दांतो से धीरे-धीरे कुचलें और इसका जूस पीएं।
आपको बहुत ही फायदा मिलेगा। लहसुन के अन्य स्वास्थ्य लाभों में रक्तचाप को नियंत्रित करना, शरीर की प्रतिरक्षा में वृद्धि और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करना शामिल है।