डेंगू और चिकनगुनिया बीमारी धीरे-धीरे घातक रूप लेता जा रहा है। इसमें लोगों की जान चली जाती है। यह बीमारी मच्छर के काटने से फैलता है। डेंगू और चिकनगुनिया साफ पानी में एडीज एजिप्टी प्रजाति के मच्छरों के काटने से फैलता है। आइए जानते हैं इसके आयुर्वेदिक उपचार के बारे में…
डेंगू और चिकनगुनिया से बचने के आयुर्वेदिक उपचार
पपीते का सेवन
डेंगू आते ही पपीते के पत्तों को याद किया जाता है। इसका पत्ता डेंगू और चिकनगुनिया बीमारी में बहुत ही फायदेमंद साबित होता है। पपीते के पत्ते डेंगू बुखार का इलाज करते हैं और शरीर से अधिक विषाक्त पदार्थों को हटाने में मदद करते हैं। पपीते के पत्ते का जूस खून में प्लेटलेट्स को बढ़ाने का काम करते हैं। इसके अलावा यह खून के थक्के जमने से रोकती है।
गिलोय का सेवन
डेंगू जैसे बड़ी बीमारी में गिलोय बहुत ही फायदेमंद है। विशेषज्ञों के अनुसार गिलोय चिकनगुनिया या डेंगू या सादे बुखार में एक सुपरफूड की तरह काम काम करता है। गिलोय अमृत तुल्य उपयोगी होने के कारण इसे आयुर्वेद में अमृता नाम दिया गया है। यह भारत में हर जगह पाया जाता है। कन्नड़ में अमरदवल्ली, गुजराती में गालो, मराठी में गुलबेल, तेलुगू में गोधुची के नाम से भी जाना जाता है। यह इतना प्रभावशाली औषधि है कि इसका इस्तेमाल पुरानी बुखार को ठीक करने में किया जाता था। आजकल देखा जा रहा है कि लोग खुद को फिट रखने के लिए सुपरफूड की तलाश कर रहे हैं। ऐसे में गिलोय बीमारियों से लड़ने में एक जबरदस्त सुपरफूड के रूप प्रयोग की जा रही है।
इसके सेवन से आप न केवल रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं बल्कि डेंगू या चिकनगुनिया जैसे पुराने बुखारों के लिए यह बहुत ही प्रभावी भी है। यह खून में प्लेटलेट को बढ़ाने का काम करता है। इसके सेवन के बारे में किसी योग्य व्यक्ति या वैद्य से जानकारी ले। इस बात ध्यान दीजिए कि पांच साल से कम उम्र के बच्चे को गिलोय कभी न दें।
एलोवेरा का सेवन
आयुर्वेदिक एक्सपर्ट के मुताबिक एलोवेरा का सेवन डेंगू इलाज में बहुत ही लाभ देता है। यह बुखार में प्लेटलेट्स बढ़ाने में काफी मदद करता है। एलोवेरा सबसे उपयोगी जड़ी बूटियों में से एक है क्योंकि यह कई अन्य उपचारों में भी प्रयोग किया जाता है। इसे जूस के रूप में पिया जा सकता है। इसके फायदों को देखते हुए लोगों को अपने घरों पर इसे उगाना चाहिए।
अनार का सेवन
डेंगू और चिकगुनिया बीमारी अनार का सेवन करना चाहिए। एक्सपर्ट के मुताबिक अनार शरीर में खून की कमी को पूरा करता है। खून की कमी की पूर्ति करने और प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए अनार का जूस बेहद गुणकारी है। डेंगू बीमारी से पीड़ित को नियमित रूप से अनार का जूस पीना चाहि।
नीम के पत्ते
एक्सपर्ट बताते हैं कि नीम से न केवल प्रतिरक्षा प्रणाली बढ़ती है बल्कि इसके पत्ते डेंगू बुखार से लड़ने बहुत ही कारगर हैं। शुरू से ही नीम के पत्तों का इस्तेमाल कई बीमारियों के रोकधाम के लिए किया जा रहा है। आप डेंगू मच्छर से बचने के लिए इसके सूखे पत्तों को जला सकते हैं। इसके अलावा अपनी बॉडी पर इससे बना तेल भी लगा सकते हैं।
नोट: इन औषधियों का इस्तेमाल करने से पहले आप किसी जानकार से जरूर जानकारी प्राप्त कर लें।