कई बार गलत खान-पान की वजह से दस्त की समस्या हो जाती है। यदि समय रहते दस्त का इलाज न किया जाए तो इससे शरीर में पानी कमी भी हो सकती है। जब व्यक्ति दस्त का सामना करता हैं, तो उसका शरीर तरल पदार्थ और पोषक तत्वों को खो देता है। इससे हमारी बॉडी कमजोर हो जाती है। यह समस्या, जो एक बीमारी नहीं बल्कि एक लक्षण है, एक असंतुलन पैदा करती है। इसमें व्यक्ति को शारीरिक कमजोरी, चक्कर आना और पेट दर्द जैसी समस्या होती है।
दस्त रोकने के लिए हर्बल टी
थाइम टी
थाइम एक नाज़ूक हर्ब होता है जिसकी बहुत ही तेज़ खुशबु होती है। यह थाइमस नामक वर्ग का सदस्य है। थाइम पाचन तंत्र को प्रभावित करने वाली बीमारियों के वैकल्पिक उपचार की सूची में सबसे लोकप्रिय जड़ी बूटियों में से एक है। इसमें कई पोषक तत्व होते हैं जो दस्त के मामले में स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करते हैं। यह दस्त के अलावा पेट में दर्द, गठिया, और गले में दर्द को भी दूर करने में सहायता करते हैं।
थाइम टी बनाने के लिए आप एक कप पानी को उबालें और गर्म हो जाने के बाद उसमें 5 ग्राम थाइम टी डालें। 10 मिनट तक उसे ठंड़ा हो जाने दीजिए और उसे छान लीजिए। जब आपको दस्त हो तब आप इसका सेवन कीजिए। अगर जरूरत हो तो आप इसे दिन में दो बार पी सकते हैं।
सौंफ की चाय
मसाले के तौर पर सौंफ का इस्तेमाल हर घर और रेस्तरां में किया जाता है। सौंफ की चाय या फेनल टी न केवल आपके पाचन को सही रखता है बल्कि यह दस्त को भी दूर करने में बहुत ही सहायता करता है। इसमें मौजूद खनिज, इलेक्ट्रोलाइट स्तर को नियंत्रित करता है और डिहाइड्रेशन से भी आपको बचाता है। यह आपके पेट के लिए भी बहुत अच्छा है।
इसके लिए आप एक कप पानी में 15 ग्राम सौंफ डालिए और इसे ढककर उबालिए। 10 मिनट तक उबालने के बाद इसे छान लीजिए। दस्त को रोकने के लिए आप इसे दिन में दो से तीन बार पीजिए। – सौंफ के 8 फायदे
दालचीनी की चाय
दालचीनी न केवल एक मसाला है, बल्कि एक औषधि भी है। यह कई तरह की रोगों को जड़ से दूर करता है। दालचीनी में कई औषधीय गुण होते हैं जो लूज बाउल मूवमेंट को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है और यह आंतों के अस्तर में जलन पैदा नहीं करता है।
दस्त को दूर करने के लिए 5 ग्राम दालचीनी के साथ एक कप पानी को बर्तन में डालकर उबाल लीजिए। इसके बाद इसे ठंडा होने दीजिए तथा दिन में दो बार पीजिए।
पुदीने की चाय
पुदीने का इस्तेामाल भोजन का जायका, टूथपेस्ट और माउथवॉश में स्वाद लाने के लिए किया जाता है। पुदीना एक पाचन टॉनिक है जो कई पेट रोग के लक्षणों को रोक सकता है। यह दस्त को रोकने के अलावा बैक्टीरिया को भी खत्म करता है। इसके गुण पेट की पीएच को संतुलन में रखने में मदद करते हैं, सूजन संबंधी समस्याओं को दूर करते हैं।
पुदीने की चाय बनाने के लिए आप एक कप पानी लीजिए 15 ग्राम पुदीने की पत्तियां डालिए और इसे गर्म कर लीजिए। गर्म होने के बाद कुछ मिनट तक इसे ठंड़ा होने दीजिए और इसे छान लीजिए तथा उसमें 25 ग्राम शहद डालिए। दस्त को रोकने के लिए आप इसे दिन में तीन बार बनाकर पी सकते हैं। – पुदीने की चटनी बनाने की विधि