बदलती लाइफस्टाइल की वजह से हमने कुछ ऐसी बुरी आदतों को अपना लिया है जिसका बुरा असर हमारे स्वास्थ पर पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। आंखों से धुंधला दिखाई देना आंखों की रोशनी कम होने की वजह हो सकती हैं। कंप्यूटर, स्मार्टफोन और टैबलेट ने हमारे लाइफ को आसान बना दिया है लेकिन इसका ज्यादा इस्तेमाल से आंखें धुंधली होने की समस्या बढ़ रही है।
अगर विशेषज्ञों की बात की जाए तो आंख की यह समस्या उस स्थिति के कारण उत्पन होती है, जिसे हम कंप्यूटर विज़न सिंड्रोम के नाम से जानते हैं। कंप्यूटर विज़न सिंड्रोम आंखों और विजन से सम्बंधित समस्याओं का समूह है, जो लम्बे समय तक कंप्यूटर स्क्रीन देखने से उत्पन्न होता है। एक अध्ययन के मुताबिक दुनिया भर में 7 करोड़ से ज्यादा वर्कर्स को कंप्यूटर विजन सिंड्रोम का खतरा है। कोई भी व्यक्ति जो 3 घंटे से ज्यादा कंप्यूटर पर बैठता है, उसको यह समस्या हो सकती है। हालांकि जिसका काम केवल कंप्यूटर पर है उसके लिए यह समस्या और बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। ऐसी स्थिति में उन्हें क्या करना चाहिए आइए जानते हैं।
आंखों से धुंधला दिखाई देना – बचने के टिस्प
आपको 20 के नियम को अपनाना होगा
आपकी आंखें दिन के दौरान कड़ी मेहनत करती हैं इसलिए इसे ब्रेक की आवश्यकता है। 20 का नियम यह कहता है कि आप हर 20 मिनट में 20 सेकेंड का ब्रेक लीजिए और 20 फीट दूर किसी चीज पर फोकस कीजिए। यह चीज आपकी आंखों पर पड़ने वाले दाबाव को कम करेगा और आपकी आंखें स्वस्थ भी रहेंगी।
आंख की एक्सरसाइज को करें
नियमित रूप से अपनी आंखों की एक्सरसाइज को कीजिए। इसके लिए आप अपनी आंखों को गोल-गोल घुमाएं, आंख को खोलें और बंद करें तथा दूर रखी चीजों पर फोकस कीजिए। इसके अलावा आप पलके झपकाएं आंखों पर देर तक रहने वाले तनाव को कम करने के लिए यह बहुत आसान आसान व्यायाम है।
आंखों से धुंधला दिखाई दे रहा है तो चश्मा लगाएं
कंप्यूटर या स्मार्टफोन से अपनी आंखों को बचाना है तो आप अपनी आंखों पर चश्मा को लगाएं रखें। विशेष रूप से आंखों के तनाव, सिरदर्द, आंखों की थकान और आंखों में दर्द को कम करने के लिए डिजाइन किए गए कंप्यूटर ग्लास ही आपके लिए सही रहेगा। ये ग्लास या चश्मा कंप्यूटर, स्मार्टफोन और टैबलेट से उत्सर्जित ब्लू लाइट को फिल्टर कर सकता है।
अपने हाथ और लेंस को करें साफ
अपनी आंखों की देखभाल करने के लिए आप अपने हाथ को साफ रखें और जिस लेंस को आप पहन रहे हैं उसे भी आप साफ रखें। आपकी आंखें विशेष रूप से रोगाणुओं और संक्रमणों के लिए कमजोर हैं। यहां तक कि ऐसी चीजें जो आपकी आंखों को परेशान करती हैं, वे आपकी विजन को प्रभावित कर सकती हैं। ऐसी स्थिति नें अपनी आंखों को छूने या अपने संपर्क लेंस से निपटने से पहले अपने हाथ हमेशा धोना चाहिए।
लाइट का दें ध्यान
कम या ज्यादा लाइट का भी आपकी आंखो पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए सुनिश्चित करें कि आपकी आंखों पर ज्यादा लाइट न पड़े और जहां कम लाइट हो वहां काम मत कीजिए।
आंखों से धुंधला खत्म करने के लिए धूम्रपान से बनाएं दूरी
धूम्रपान करना या सिगरेट पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। धूम्रपान करने से कैंसर और सांस की परेशानियां होती है। हमारे कई लेख में धूम्रपान के कई खतरों को अच्छी तरह से बताया गया है। जब आंखों के स्वास्थ्य की बात आती है, तो धूम्रपान करने वाले लोगों में उम्र से संबंधित मस्कुलर डिजनरेशन, मोतियाबिंद, यूवाइटिस और अन्य आंख की समस्याएं विकसित हो सकती है।
कंप्यूटर से दूरी
कंप्यूटर या लैपटॉप पर काम करते हुए अगर आप उसकी स्क्रीन से निकलने वाली रोशनी से आंखों को दूर रखते हैं तो आंखों को नुकसान होने से बचाया जा सकता है। जब आप ऑफिस या घर पर मॉनिटर पर काम कर रहें हैं, तो उससे 20 से 28 इंच दूरी बनाकर रखें। जब भी आप कंप्यूटर पर काम कर रहे हो तो ध्यान रखें कि रूम में रोशनी पूरी हो। लाइट सीधी आंखों पर न पड़े।
आखं के लिए एक स्वस्थ और संतुलित आहार खाएं
कई अध्ययनों से पता चला है कि एंटीऑक्सिडेंट आंख की समस्या के जोखिम को कम कर सकते हैं। ये एंटीऑक्सिडेंट आहार खाने से प्राप्त होता है। यह फल और रंगीन या गहरे हरे सब्जियों में भरपूर मात्रा में होती है। अध्ययनों ने यह भी दिखाया है कि ओमेगा -3 फैटी एसिड में समृद्ध मछली खाने से मस्कुलर डिजनरेशन के विकास के आपके जोखिम में कमी आ सकती है।
इसके अलावा विटामिन के साथ अपने आहार को पूरक करने पर विचार करें ताकि सुनिश्चित हो सके कि आंखों को स्वस्थ रखने उसे पर्याप्त पोषक तत्व मिल रहा है।
पराबैंगनी किरणों से आंखों को बचाए
जब आप बाहर जा रहें हैं तो हमेशा सनग्लास डालकर रखें। यह आपकी आंखों को सूरज के हानिकारक पराबैंगनी किरणों या यूवी किरणों से बचाता है। इससे मोतियाबिंद, पिंगुएकुला और अन्य नेत्र समस्याओं के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है।
इसके अलावा सनग्लास गर्मियों में स्किन को धूप से बचाता है क्योंकि सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणें इसे हानि पहुंचाती हैं। आपको बता दें कि हानिकारक पराबैंगनी किरणें पृथ्वी पर पहुंचने लगेंगी। ये किरणें मनुष्य के साथ-साथ जीव-जंतुओं और पेड़-पौधों के लिए भी बहुत हानिकारक है।
हर दो साल में अपनी आंख की जांच कराएं
जिस तरह आप अपनी सेहत की जांच करवाते हैं उसी तरह आप अपनी आंखों को स्वस्थ रखने के लिए उसकी भी जांच करवाइए। आपकी आंखे आपके व्यक्तित्व के साथ साथ आपके रोगों के बारे में भी बताती है। जब ही बीमार होने पर डॉक्टर सबसे पहले आंखों की जांच करते हैं। इससे आप अपनी आंखों को बड़े रोग के खतरों से बचा सकते हैं।
परिवार के स्वास्थ्य इतिहास
अपने परिवार के स्वास्थ्य इतिहास से अवगत रहें। अगर आपके परिवार में कोई भी आंख के रोग, रेटिनल डिजनरेशन, मधुमेह से पीड़ित है या उच्च रक्तचाप का इतिहास है। यह लक्षण कुछ हद तक नेत्र रोगों के लिए आपके जोखिम को बढ़ाता है।
यदि आप अपने आंख में परिवर्तनों को दिखाना शुरू करते हैं, तो तुरंत अपने आंख चिकित्सक को देखें। इसके कुछ लक्षणों में डबल विजन, धुंधली दृष्टि और कम रोशनी की स्थिति जिससे देखने में कठिनाई आदि।