बदलती जीवन शैली और माहौल की वजह से महिलाओं में स्तन कैंसर का जोखिम काफी बढ़ गया है। स्तन कैंसर होने का जोखिम आयु के साथ बढ़ता है। वहीं कई सालों तक शराब पीने, वजन बढ़ने और ज्यादा धूम्रपान करने से भी स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही 5 से 10 फीसदी स्तन कैंसर के मामले ऐसे होते हैं जो पारिवारिक जीन की वजह से पीढ़ी दर पीढ़ी इसके शिकार हो जाते हैं। हालांकि स्तन कैंसर संक्रामक रोग नहीं है। देश के ग्रामीण इलाकों में जानकारी के अभाव अधिकतर महिलाओं की स्तन कैंसर की वजह से मौत हो जाती है।
ये हैं स्तन कैंसर के लक्षण
स्तन कैंसर को पहचानने के लिए सबसे सरल तरीका होता है कि दर्पण के सामने खड़े होकर स्तनों के आकार में आए परिवर्तन को मालूम करना। इसके साथ ही स्तनों मे कोई गांठ महसूस हो तो स्तन कैसर होने की संभावना रहती है। स्तनों के चूचक का अंदर की ओर मुड़ा होना, उन पर फुंसी होना, उससे द्रव्य निकलना और बगल में सूजन आना भी स्तन कैंसर की वजह बन सकता है।
क्या न करें
कई बार महिलाएं संकोचवश या लोक-लाज बस स्तनों से जुड़ी किसी समस्या को लोगों के साथ साझा नहीं कर पाती हैं जो स्तन कैंसर जैसी भयानक बीमारियों के जन्म देता है। इसीलिए स्तन से जुड़ी किसी भी समस्या को अपने परिवार के किसी सदस्य के साथ जरुर साझा करें। चिकित्सा विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लें।
स्तन कैंसर के प्रकार
स्तन कैंसर के तीन चरण होते हैं। पहले चरण में कैंसर छोटा होता है और केवल स्तन में ही होता है। इस दौरान कैंसर कोषिकायें सामान्य कोषिकाओं जैसी दिखती हैं और बहुत धीमी गति से बढ़ती हैं। दूसरे चरण में कैंसर स्तन के आस-पास के क्षेत्रों में फैल जाता है। कैंसर कोषिकायें असामान्य दिखती हैं और थोड़ी तेजी से बढ़ती है। अंतिम चरण में ये शरीर के अन्य भागो में फैल जाता है। इस अवस्था में कैंसर कोषिकायें सामान्य कोषिकाओँ से बहुत अलग दिखती हैं और बहुत तेजी से बढ़ती है।
उपचार
स्तन कैंसर से छुटकारा पाने के लिए कई तरीके हैं। लेकिन इसका प्रचलित प्रमुख उपचार सर्जरी है। कैंसर दोबारा न हो इसके रेडियोथेरेपी, हार्मोनल थेरेपी, कीमोथेरेपी और बायोलॉजिकल थेरेपी हैं।
सर्जरी
इसमें कैंसर और कैंसर के आस-पास के अस्वस्थ कोशिकाओं को निकाल दिया जाता है। इसके साथ ही कैंसर आगे ने बढ़े इसके लिए चिकित्सक लसीका ग्रंथियों को निकला देते हैं।
रेडियोथेरेपी
रेडियोथेरेपी एक तरह से सर्जरी के बाद की प्रक्रिया है जिससे स्तन कैंसर को बढ़ने से रोका जाता है। इसके माध्यम से कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए शरीर के बाहर से उच्च ऊर्जा वाली किरणें भेजकर स्तन कैंसर का इलाज किया जाता है।
कीमोथेरेपी
यह सर्जरी से पहले बड़े कैंसर को सिकोड़ने के लिए उपयोग में लायी जाती है। सिकोड़ने के बाद स्तन का कोई छोटा हिस्सा काटकर बाहर निकाल दिया जाता है। इस प्रक्रिया से महिलाओं के स्तनों को सबसे कम क्षति पहुँचती है।
अक्सर चिकित्सक स्तन कैंसर के दो साल बाद तक गर्भ निरोधक दवाओं को न लेने की सलाह देते है। इसलिए स्तन कैंसर का उपचार कराने वाली महिलाओं को इस बारे में डाक्टर से परामर्श ले लेनी चाहिए।