योग मुद्रा

सिंहासन करने की विधि और लाभ

Singhasan yoga steps and benefits in hindi

अपका कोई रिश्तेदार, दोस्त या बच्चा हकलाकर बोलता है तो उसे सिंहासन करने को कहिए। इस आसन के करने से न केवल मधुर स्वर का विकाश होता है बल्कि गले में होने वाले संक्रमण को भी दूर किया जा सकता है। 

 

सिंहासन करने की विधि 

घुटनों को फैलाकर वज्रासन में बैठ जाइये। यदि सम्भव हो तो सूर्य की ओर मुंह करके बैठिये। हाथों को घुठनों के बीच में जमा दीजिए तथा अंगुलियां शरीर की तरफ रखिए। सीधी भुजाओं के सहारे थोड़ा आगे की ओर झुकिये तथा सिर पीछे की ओर उठाइये। इसके बाद मुंह को खोलिए और जितना सम्भव हो सके जीभ को बाहर निकालिये। आंखों को पूरी तरह खोलकर आसमान में देखिये। नाक से श्वास लीजिये। श्वास को धीरे-धीरे छोड़ते हुए गले से स्पष्ट और स्थिर आवाज निकालिये। इसे जीभ को निकालकर व दाएं-बाएं घुमाकर भी करते हैं।

 

गले से की जाने वाली ध्वनि के अनुसार श्वास को धीरे-धीरे लीजिये व छोड़िए। सामान्य स्वास्थ्य में 10 बार करें। विशेष बीमारी में अधिक समय तक किया जा सकता है। 

 

सिंहासन के लाभ 

1. गले, नाक, कान और मुंह की बीमारियों को दूर करने के लिये यह एक श्रेष्ठ आसन है।

2. चेहरे, आंख और जीभ के लिए यह आसन बहुत ही उपयोगी है। 

3. यह आसन मांसपेशियों में रक्त की आपूर्ति करता है। 

4. हकलाकर बोलने वालों के लिए उपयोगी है। इससे स्वस्थ और मधुर स्वर का विकास होता है। 

5. मासिक धर्म संबंधी विकार को दूर करता है।

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