त्वचा में निखार के लिये लोग तमाम तरह के उपायों को आजमाते हैं। इन उपायों में से कई बेहद कम असरकारी होते हैं। जो उपाय बिना किसी नकारात्मक प्रभाव के अत्यंत असरकारी होते हैं उनमें आयुर्वेदिक युक्तियाँ प्रमुख हैं। आयुर्वेदिक युक्तियाँ इसलिये भी अन्य तरीकों से भिन्न है क्योंकि यह एक दिन या एक रात में निखार लाने का दावा कभी नहीं करती।
इन आयुर्वेदिक युक्तियों में प्रयोग होने वाली जड़ी-बूटियाँ, तेल और औषधियाँ त्वचा को दीर्घ काल तक सुंदर, आकर्षक और मुलायम बनाती हैं। यह त्वचा में कुदरती निखार लाती हैं और वो भी त्वचा को नुकसानदेह रसायनों के प्रभाव से मुक्त रखकर। हालांकि, निखार से पहले त्वचा के बारे में कुछ मूलभूत जानकारियों को जानना जरूरी है। माना जाता है कि आयुर्वेद में त्वचा के सात स्तर बताये गये हैं। ये स्तर जब शरीर के असंतुलित दोषों से प्रभावित होते हैं तो त्वचा पर कई तरह की बीमारियों का जन्म होता है।
त्वचा के ये सात स्तर हैं
अवभासिनी
इसे त्वचा की सबसे पहली और ऊपरी परत मानी गयी है जो सभी वर्णों को प्रकट करती है। इस स्तर में दोष आने के फलस्वरूप त्वचा पर कील-मुहांसे निकल आते हैं।
लोहिता
त्वचा की दूसरी परत मानी जाने वाली लोहिता है। लोहिता परत में दोष होने के कारण तिल, काले घेरे, काले धब्बे आदि निकलते हैं।
श्वेता
यह त्वचा की तीसरी परत है जिसमें दोष के कारण त्वचा के रोग जैसे एक्जिमा और एलर्जिक रैशेज त्वचा पर दिखने लगते हैं।
ताम्र
त्वचा की चौथी परत मानी जाने वाली ताम्र है। इसमें दोष के परिणामस्वरूप कुष्ठ की बीमारी होती है।
वेदनी
त्वचा के इस पांचवे स्तर में दोष होने से लाल निशान/धब्बे की बीमारी होती है।
रोहिणी
यह त्वचा का छठी परत है। इस स्तर में रक्त वाहिनियां, नाड़ी सूत्र और धातु होते हैं। इस स्तर में दोष होने से ग्लैंड ट्युमर और हाथीपांव की बीमारियाँ होती है।
मांसधरा
यह त्वचा की सातवीं परत मानी जाती है। इसमें रोम कूप, तेल-ग्रंथि और पसीना-ग्रंथि होती है। इस परत में दोष होने से भगंदर और अर्श आदि बीमारियाँ होती है।
निखरी त्वचा कैसे पाएं – आयुर्वेदिक नुस्खे
उबटन
उबटन पुराने जमाने से ही आयुर्वेद के एक कारगर नुस्खे के रूप में ख्यातिप्राप्त है। इसे नियमित रूप से लगाने से त्वचा की चमक में अविश्वसनीय बदलाव आ सकते हैं।
दूध
दूध सिर्फ शरीर के लिए ही सेहतमंद नहीं है बल्कि त्वचा की सेहत के लिए भी लाभकारी है। दूध त्वचा को निखारने का काम करता है।
दही और हल्दी
त्वचा को निखारने के लिये दही और हल्दी के लेप का भी इस्तेमाल किया जाता रहा है। माना जाता है कि इससे न सिर्फ त्वचा में निखार आता है बल्कि यह लेप त्वचा को मुलायम भी करती है।