क्या आप जानते हैं कि किडनी हमारे शरीर के लिए कितनी अहम हैं। यह हमारे शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स (गंदी पर्दार्थों) को छानकर बाहर निकालने का काम बखूबी करती है। आजकल की लाइफस्टाल को देखें तो खानपान समेत कई आदतें किडनी को नुकसान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं। शायद यही वजह है कि लोगों को किडनी ट्रॉन्सप्लांट करने तक की नौबत आ जाती है। आइए हम आपको बताते हैं किडनी की प्रॉब्लम की वह 8 बड़ी वजह, जिनसे बचें रहने पर ही आप हेल्दी रहेंगे: –
यूरिन रोक कर रखना
कुछ लोगों को उनके जन्म से ही यूरिन रिफ्लैक्स की प्रॉब्लम हो जाती है, जिसमें ब्लैडर फुल होने पर कुछ यूरिन किडनी की ओर रिफैक्स हो जाती है। ऐसे में किडनी इंफेक्शन हो सकता है।
पानी कम या ज्यादा पीना
रोजाना 8-10 गिलास पानी जरूर पीया करें। बता दें कि कम पानी पीने पर बॉडी में जमा टॉक्सिन्स किडनी फंक्शन पर बुरा असर डालते हैं। ऐसे ही ज्यादा पानी पीने से किडनी पर प्रेशर बढ़ता है।
सिगरेट या तंबाकू खाना
सिगरेट पीने या तंबाकू खाने से बॉडी में टॉक्सिन्स जमा होने लगता है जिससे आपकी किडनी का डैमेज होने का खतरा हो जाता है। यही नहीं ब्लड प्रेशर भी तेज़ी से बढता है, जिसका प्रभाव किडनी पर भी देखने को मिलता है।
ज्यादा कोल्डड्रिंक पीना
किडनी की बीमारी का एक कारण ज्यादा कोल्डड्रिंक या फिर सोडा पीना भी है। बता दें इन दोनों को ज्यादा मात्रा में लेने से किडनी पर बुरा असर होता है। इनमें ऑर्थोफॉस्फफोरिक एसिड होता है।
मीट ज्यादा खाने से
क्या आप जानते हैं कि मीट में बहुत ज्यादा मात्रा में प्रोटीन मौजूद होता है, जिसे डायट में लेने से किडनी पर मेटाबॉलिक लोड बढ़ता है, जिससे किडनी स्टोन की शिकायत आपको हो सकती है।
ओवर ईटिंग भी बड़ी समस्या
सबसे तेजी से वजन ओवर ईटिंग के कारण ही बढ़ता है। वहीं सामान्य लोगों की तुलना में मोटे लोगों की किडनी डैमेज होने का खतरा कई गुना ज्यादा होता है।
दवाएं ज्यादा खाने से
जो लोग छोटी-छोटी तकलीफ होने पर झट से एंटीबायोटिक या कोई पेनकिलर्स खा लेते हैं उनकी किडनी जल्दी खराब हो सकती हैं। ऐसे में अच्छा यही होगा कि आप कोई भी दवाई बिना डॉक्टर की सलाह लिए हुए ना खाएं।
पूरी नींद ना लेने से
रोजाना 7-8 घंटे की नींद लेना बहुत जरूरी है। जो लोग अपने काम के प्रेशर में आकर या फिर किसी तनाव में आकर अपनी नींद पूरी नहीं कर पाते हैं ऐसे लोगों को हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज और साथ ही किडनी की बीमारी का खतरा आम लोगों से ज्यादा हो जाता है।