अगस्त से नवम्बर के आस-पास अर्थात् आश्विन से माघ मास के बीच आने वाला फल शरीफा एक ऐसा फल है जिसपर किसी रोग का संक्रमण नहीं हो पाता है। इसे हम सीताफल के नाम से भी जानते हैं। इस फल के बारे में यह माना जाता है कि वन में माता सीता अपनी भूख मिटाने के लिए इस फल का सेवन करती थी जिसके बाद इस फल को सीताफल के नाम से जाना जाने लगा।
दूर से अमरुद की तरह दिखने वाला सीताफल एक गोलाकार फल होता है। स्वाद में मीठा सीताफल को आम और केले की तरह कृत्रिम रूप से पकाया भी जाता है। यह बाहर से सख्त और अंदर से नरम और चबानेवाला होता है। इसका गूदा सफेद रंग का और मलाईदार होता है।
वीर्यवर्धक, रक्तवर्धक, शक्तिवर्द्धक सीताफल हृदय रोग लिए लाभकारी है। पौष्टिकता से भरपूर सीताफल में विटामिन सी, बी1 और बी2 पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। यह पित्त से संबंधित सभी रोगों को दूर करता है तथा शरीर में रक्त और मांस की वृद्धि करता है।
सीताफल के फायदे
1. जख्म, फोड़े-फुंसियों के पकने पर सीताफल के वृक्ष की छाल को घिसकर लगाने से जीवाणुओं के संक्रमण की आशंका दूर होती है।
2. सीताफल के पत्ते पीसकर फोड़े-फुंसियों पर बांधने से वे जल्दी पककर फूट जाती है।
3. सीताफल के वृक्ष की जड़ को छाया में सुखाकर, कूट-पीसकर चूर्ण बनाकर रखें। इस चूर्ण को उन्माद रोगी को खिलाने से अतिसार के साथ उन्माद विकृति का निष्कासन होता है।
4. सीताफल के पत्तों को पीसकर, सेंधा नमक मिलाकर फोड़े पीब वाली जगह पर लगाने से जीवाणु नष्ट होते हैं।
5. सीताफल के बीजों को बकरी के दूध के साथ पीसकर सिर पर लेप लगाने से गंजापन की समस्या दूर होती है और बाल तेजी से विकसित होते हैं।
6. सीताफल के सेवन से शुगर संतुलित रहता है। सीताफल में शरीर में होने वाले शुगर को सोख लेने के गुण होते हैं।
7. सीताफल एक ऐसा फल है जिसके सेवन से बालों को अधिक पौष्टिकता मिलती है, जिसके कारण बाल अधिक समय तक काले बने रहते हैं।
8. सीताफल के नियमित सेवन करने से रक्तपित्त और वायु से उत्पन्न विकार दूर होते हैं।
9. विटामिन सी से भरपूर सीताफल आंखों की देखने की क्षमता को बढ़ाता है।
10. शरीर की बेचैनी को दूर करने के लिए सीताफल के शर्बत का सेवन करना चाहिए।
11. गठिया रोग में सीताफल खाने से अधिक लाभ होता है।
12. सीताफल दस्त और प्रवाहिका में बहुत लाभ पहुंचाते है।
13. सीताफल न केवल दांतों को स्वस्थ्य रखता है बल्कि खून की कमी को भी दूर करता है।
14. सीताफल खाने से पेट के कीड़े जल्दी से नष्ट होते हैं।
15. सीताफल के सेवन से पित्त विकार भी नष्ट होते हैं
16. सीताफल को रात में खुले स्थान पर रख दें। रातभर ओस में भीगने के बाद सीताफल को काटकर खाने से शरीर की गर्मी कम होती है।
17. कब्ज होने पर सीताफल की जड़ का चूर्ण बनाकर खाएं, लाभ मिलता है।
18. उन्माद रोग में सीताफल की जड़ को सुखाकर बनाया चूर्ण पानी के साथ सेवन करने से बहुत लाभ होता है।
19. शारीरिक रूप से निर्बल स्त्रियां यदि नियमित रूप से सीताफल खाती हैं तो शारीरिक सौंदर्य के साथ-साथ शरीर की दुर्बलता भी खत्म होती है।
20. सीताफल के जड़ को घीसकर पानी में मिलाकर पीने से पेशाब अवरोध की समस्या दूर होती है।
सीताफल और माता सीता
सीताफल या शरीफा से जुड़ी एक लोककथा है जिसके मुताबिक लोग सीताफल को भगवन राम एवं माता सीता से जोड़कर देखते हैं। दरअसल जब माता सीता ने वनवास के समय जो फल भगवान राम को भेंट किया, उसी का नाम सीताफल पड़ा। आइये जानते हैं सीताफल खाने से हम किन-किन बीमारियों से निजात पा सकते हैं।
1. सीताफल में घुलनशील रेशे होते हैं जो आपके पेट की पाचनक्रिया को सही रखते हैं। यहां तक यह डायरिया जैसे बीमारी में भी यह आपको लाभ देता है।
2. विटामिन ए से भरपूर सीताफल या शरीफा आपकी आंखों, बालो और चेहरे के लिए बहुत ही गुणकारी है।
3. जिन लोगों को बेचैनी और घबराहट होती है या फिर उनका दिल कमजोर है उन्हें सीताफल का सेवन करना चाहिए।
5. सीताफल के बीच जूं के लिए बेहतरीन उपचार माने जाते हैं। इसके लिए सीताफल के बीजों को महीन चूर्ण बनाकर पानी से लेप तैयार कर रात को सिर में लगाएं और सुबह धो लें।
6. कभी-कभार हमारे शरीर का तापमान ज्यादा हो जाता है ऐसी स्थिति में आप सीताफल का सेवन कीजिए। आपके शरीर को शीतलता मिलेगी।
इन बीमारियों में लाभकारी है शरीफा या सीताफल
1. विटामिन बी6 से भरपूर सीताफल अस्थमा के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद है। इसके आलावा यह मैग्निशियम हार्ट को कार्डिएक अटैक बचाने में कारगर है।
2. यदि आप वजन कम होने की समस्या से पीड़ित हैं तो आप शरीफा का सेवन शहद के साथ कीजिए आपको जल्द ही फायदा मिलेगा।
3. शरीफा में पौटेशियम और मैग्निशियम जैसे तत्व मौजूद है, जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखता है। जिन लोगों का ब्लड प्रेशर घटता-बढ़ता रहता है, उन्हें शरीफा जरूर खाना चाहिए।
4. शरीफा या सीताफल फाइबर का एक बहुत ही अच्छा स्रोत है इसलिए यह पाचन शक्ति को बढ़ाने और कब्ज की समस्या में निदान दिलाने में मदद करता है।
मधुमेह यानी डायबिटीज की बीमारी में
मधुमेह यानी डायबिटीज की बीमारी आज काफी तेज से हमारे समाज में पैर पसार रही है। शारीरिक व्यायाम में कमी और जीवन शैली में बदलाव की वजह से लोग इस रोग के शिकार हो रहे हैं। लेकिन रोजाना ताजे फलों का सेवन और जीवनशैली में बदलाव लाकर डायबिटीज के खतरे को काफी हद तक कंट्रोल में लाया जा सकता है। डायबिटीज को कंट्रोल में लाने के लिए आप सीताफल या शरीफा का सेवन कर सकते हैं। इसमें मौजूद फाइबर शुगर के अवशोषण को धीमा करता है जिससे टाइप-2 डायबिटीज का खतरा कम होता है। अगर आप डायबिटीज को कंट्रोल करना चाहते हैं तो सीताफल या शरीफा का सेवन जरूर कीजिए।
एनीमिया के उपचार में उपयोगी है सरीफा
सीताफल या सरीफा आयरन के समृद्ध स्रोतो में से एक हैं। यह एनीमिया के उपचार में भी उपयोगी है। जिनके शरीर में खून की कमी है वह सरीफे का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा सरीफा नियासिन और फाइबर के उच्च स्तर होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए प्रभावी ढंग से मदद करता है।
वजन बढ़ाने में मददगार
इसका एक और फायदा यह है कि इससे कमजोर लोगों के लिए वजन बढ़ाने में मदद मिलती है। सरीफा उन लोगों के लिए अच्छा है, जो वजन को बढ़ाना चाहते हैं। शहद और सरीफा का एक मिश्रण आवश्यक वज़न और आवश्यक कैलोरी को जोड़ने में मदद करेगा।
ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करे सरीफा
सरीफा पोटेशियम और मैग्नीशियम के अच्छे स्रोत हैं, जो रक्तचाप या ब्लड प्रेशर के स्तर को बनाए रखने में मदद करते हैं। ब्लड प्रेशर के स्तर में उतार चढ़ाव वाले लोगों के लिए, यह फल उन्हें नियंत्रण में रखने के लिए मदद कर सकता है। इसके अलावा सीताफल से मैग्नीशियम जैसे खनिज पदार्थ मिलते हैं, जो दिल की रक्षा में मदद करता है और मांसपेशियों को आराम देने में भी मदद कर सकता है। यह हृदय रोगों के जोखिम को भी कम करता है।