बथुआ एक औषधीय साग है। बथुआ हर घर में खाए जाने वाला साग है। बथुआ को साग के रूप में खाने वाले हर व्यक्ति को सेहत के लिये जरूरी इसके महत्वपूर्ण गुणों की जानकारी नहीं होती। विटामिन ए, कैल्सियम, फ़ॉस्फ़ोरस और पोटेशियम से भरी यह साग खाने में भी स्वादिष्ट होती है। बथुआ नाइट्रोजन युक्त मिटटी में फलती-फूलती है।
इसका उपयोग जाने-अनजाने बीमारियों को दूर करने में किया जाता रहा है। हालांकि, एक अम्ल होने के कारण बथुआ खाने की मात्रा सीमित होनी चाहिये। इसके अत्यधिक सेवन से डायरिया की सम्भावनायें होती है। इससे सम्बन्धित एक धारणा यह भी प्रचलित है कि इसके अत्यधिक सेवन से गर्भवती महिलाओं में गर्भपात की सम्भावनायें बढ़ जाती है।
साग के रूप में खाये जाने वाले बथुआ के फायदे
माना जाता रहा है कि बथुआ के सेवन से कई बीमारियाँ शरीर के पास नहीं फटकती जिससे सेहत बनी रहती है। अनियमित पीरियड्स या कब्ज को यह दूर करने में बथुआ मददगार होती है। बालों को सेहतमंद बनाये रखने में भी मदद करती है। बालों के प्राकृतिक रंग को बनाये रखने में बथुआ आंवले से कम गुणकारी नहीं होता। बथुआ को लेकर यह दावा भी आम है कि इसमें विटामिन और खनिज तत्वों की मात्र आंवले से ज्यादा होती है। बथुआ की पत्तियों को कच्चा चबाने से कुछ प्रकार के अल्सर, श्वास की दुर्गन्ध, पायरिया और दाँतो से जुडी अन्य समस्याओं में होने वाला फ़ायदा बड़ा होता है।
कब्ज से जूझने वाले लोगों के लिये भी बथुआ कारगर औषधि साबित होता है। भूख में कमी आना, उदर में भोजन का देर से पचना, खट्टी डकार आना, पेट फूलना जैसी आम समस्याओं को दूर करने के लिए बथुआ खाना काफी फायदेमंद रहता है। इस प्रकार का बथुआ का सेवन न केवल बेहतरीन स्वाद की अनुभूति कराता है बल्कि लोगों को सेहतमंद रखने में भी सहायक होता है।