डेंगू बीमारी से हम हर साल एक समस्या के रूप में रुबरु होते हैं। यह रोग जमे हुए पानी में पनपने वाले एडीज मच्छर के काटने से होता है। डेंगू बीमारी को एक लाइलाज बीमारी माना जाता है इसलिए आवश्यक है कि आप न केवल इस बीमारी से बचने के लिए सतर्क और सावधान रहें बल्कि अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाएं। इसके लिए जरूरी है रक्त कणिकाओं की संख्या में इजाफा होना। शोध में पाया गया है कि बकरी का दूध रक्तकणों को बढ़ाने में मदद करता है, जो डेंगू से लड़ने के लिए बेहद आवश्यक है।
आइए जानते हैं बकरी का दूध कैसे डेंगू से निजात पाने के लिए एक रामबाण हो सकता है।
1. हरे पौधों और पत्तियों को आहार के रूप में ग्रहण करने के कारण बकरी के दूध में औषधीय गुण होता है, और यह कई तरह की बीमारियों को दूर करने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यही वजह है कि जो व्यक्ति नियमित तौर पर बकरी का दूध पीता है, उसे बुखार जैसी समस्या नहीं होती।
2. बीमारियों से लड़ने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए बकरी का दूध आवश्यक है क्योंकि इसके दूध में विटामिन और मिनरल्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। विटामिन बी6, बी12, विटामिन डी, फोलिक एसिड और प्रोटीन से भरपूर बकरी का दूध शरीर को पुष्ट कर, प्रतिरक्षी तंत्र को मजबूत करता है, जिससे एडीज मच्छर के काटने पर डेंगू बीमारी होने की संभावना कम हो जाती है।
3. शोध में यह पाया गया है कि कम आयु के बच्चों को यदि बकरी का दूध पिलाया जाए तो उसके रोध प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि देखी जा सकती है। हालांकि 1 साल से छोटे बच्चों को बकरी का दूध नहीं पिलाना चाहिए, क्योंकि इससे उन्हें एलर्जी का खतरा होता है।
4. गाय या भैंस के दूध में मौजूद प्रोटीन की तुलना में बकरी के दूध में पाया जाने वाला प्रोटीन बेहद हल्का होता है। बकरी के दूध के सेवन से जहां 20 मिनट में पाचन क्रिया दुरुस्त हो जाती है वहीं गाय के दूध का पाचन लगभग 8 घंटे में होता है।
5. शरीर में उर्जा का संचार बकरी के दूध से होता है। इसके अलावा इसमें मौजूद क्षारीय भस्म आंत्र तंत्र में अम्ल का निर्माण नहीं करता जिससे थकान, मसल्स में खिंचाव, सिर दर्द आदि की समस्या नहीं होती।