इलायची किसी भी भारतीय परिवार के रसोईघर में देखे जाने वाले मसालों में से एक है। यह न केवल मीठे और स्वादिष्ट व्यंजनों में डाली जाती है बल्कि इसका इस्तेमाल मुँह को तरोताज़ा करने के लिये भी किया जाता है। खीर, चाय इत्यादि में नियमित रूप से इस्तेमाल होने वाली इलायची के घटक लौह तत्व, विटामिन-सी तथा नियासिन जैसे आवश्यक विटामिन हैं। माना जाता है कि इलायची एनीमिया जैसी बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। हालांकि, मन को तरोताज़ा कर देने वाली इसकी खुशबू के साथ ही यह सेहत के लिये कई तरीकों से फायदेमंद है।
ये हैं इलायची के फ़ायदे
मुँह की दुर्गंध से दिलाता छुटकारा
कई ऐसे लोग हैं जिनके मुँह से दुर्गंध आती है। इससे छुटकारा पाने के लिये लोग अनेक तरह की युक्तियाँ अपनाते हैं जिनमें से एक है इलायची का इस्तेमाल। माना जाता है कि भीनी खुशबू वाले इस मसाले में जीवाणु प्रतिरोधी गुण होते हैं जिसके कारण क्षणिक ही सही पर मुँह के दुर्गंध से मुक्ति मिलती है।
साँस की बीमारियों को कम करने में करता है मदद
आयुर्वेद में इलायची को एक गरम मसाला माना गया है। यह शरीर को अंदर से गरम करता है जिससे छाती में जमे कफ के निष्कासन में मदद मिलती है। इलायची फेफड़ों में रक्त परिसंचरण को बढ़ाकर साँस संबंधित समस्याओं जैसे खाँसी और दमा आदि से राहत दिलाता है।
हाजमा और श्लेष्मा झिल्ली
इलायची की प्रकृति वातहर है। अपने इसी प्रकृति के कारण यह खाद्य पदार्थों को हजम करने की क्षमता बढ़ाता है। यह पेट की सूजन को कम करने के साथ ही हृदय की जलन को दूर करने और मतली को रोकने में मदद करता है। यह भी माना जाता है कि यह श्लेष्मा झिल्ली को शांत करता है ताकि वह सुचारू तरीके से कार्य कर सकें। इसी कारण से इलायची के इस्तेमाल से एसिडिटी और पेट की खराबी के लक्षणों से राहत मिलती है।
एनीमिया से लड़ने में सहायक
तांबा, आयरन और रिबोफ्लेविन, विटामिन सी तथा नियासिन जैसे आवश्यक घटक होने के कारण यह एनीमिया से लड़ने में मदद करता है
इस तरह से इलायची न सिर्फ व्यंजनों को खुशबू से सराबोर करता है बल्कि अपने गुणों के कारण प्रयोक्ताओं को सेहतमंद बनाये रखने में भी अपनी महती भूमिका का निवार्हन करता है। यही कारण है कि इलायची जैसे गुणकारी मसाले अधिकांश भारतीय परिवारों के रसोईघरों में आसानी से देखने को मिल जाते हैं।