उष्ट्रासन जिसे हम कैमल पोज के नाम भी जानते है कमर दर्द, साइटिका, स्लिप डिस्क की समस्या में एक बेहतरीन आसन है। इसका नियमित अभ्यास पैरों, कंधे, कुहनियों और मेरुदंड संबंधी रोग में फायदे मिलता है। यह आपके शरीर को लचीला बनाने का भी काम करता है। तो देर किस बात की आइए इस आसन को करते हैं।
उष्ट्रासन करने की विधि
1. सबसे पहले किसी खुली हवादार जगह पर एक चटाई बिछाएं। ध्यान दीजिए इस आसन को करने से पहले आपका पेट खाली होना चाहिए।
2. दोनों पैरों को सामने की तरफ फैलाएं और उसके बाद धीरे-धीरे दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर बैठ जाए। यह ठीक उसी तरह है जैसे आप वज्रासन की स्थिति में बैठते हैं।
3. फिर धीरे-धीरे घुटनों के बल उपर की तरफ उठे। अब दोनों हाथों को कमर पर रखकर पीछे की और आराम से झुकें।
4. पीछे कि तरफ झुकते हुए पहले हाथ को पहली ऐड़ी और वैसे ही दूसरे हाथ को दूसरे पैर की ऐड़ी पर लगाएं।
5. ध्यान रहे एक बारी में एक ही हाथ को ऐड़ी से लगाएं। नहीं तो गिरने की संभावना अधिक होती है। आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपके घुटनों और कंधे एक ही पंक्ति में हैं।
6. सिर को पीछे की ओर झुकाएं। इस अवस्था में आप आसन को धीर-धीरे करें। इसके बाद आसन में थोड़ा रूकने का प्रयास करें। इस अवस्था में आप 30 से 60 सेकंड के लिए रुक सकते हैं। फिर धीरे-धीरे पुरानी अवस्था में आ जाएं।
उष्ट्रासन के फायदे
1. यह आसन पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है, क्योंकि यह आंतरिक अंगों की मालिश करता है।
2. इस आसन के नियमित अभ्यास से शरीर लचीला होता है और कमर सुंदर बनती हैं
3. खून के प्रवाह के लिए यह आसन बहुत ही उपयुक्त है। इसके अलावा यह महिलाओं की मासिक परेशानियों को दूर करता है।
4. इससे न केवल चेहरा चमकता है बल्कि कमर दर्द, साइटिका, स्लिप डिस्क की समस्या भी दूर होती है।
5. इसका नियमित अभ्यास पैरों, कंधे, कुहनियों और मेरुदंड संबंधी रोग में फायदे मिलता है। यह पीठ और कंधों को मजबूत करता है।
6. यह रीढ़ की हड्डी को अधिक लचीला बनाता है और आपकी मुद्रा की सही करने में भी मदद करता है।
7. इसके अलावा इससे पीठ के निचले हिस्से में दर्द कम करने में मदद मिलती है।
उष्ट्रासन की सावधानियां
1. योग प्रशिक्षक की देखरेख में इस आसन का अभ्यास करना सबसे अच्छा है
2. जोर या झटके से इस आसन को करने की कोशिश न करें।
3. जिनके गर्दन या पीठ में दर्द हो उन्हें इस आसन को नहीं करना चाहिए।
4. यदि आप लो या हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त हैं तो आपको इस आसन से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
5. अनिद्रा या सिरदर्द से पीड़ित लोगों को भी इस आसन से बचना चाहिए।