सर्दी जुकाम के लिए योग

सर्दी जुकाम एक ऐसी समस्या है जिससे ज्यादातर लोग परेशान रहते हैं। यह एक आम समस्या है जो महीने में एक बार जरूर आता है। प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होने की वजह से ज्यादातर इससे बच्चे परेशान रहते हैं। अगर आपको या आपके परिवार में किसी को इस तरह की समस्या है, तो नीचे दिए गए योग आसन आपके लिए फायदेमंद रहेगा क्यूंकि आज हम बात करेंगे सर्दी जुकाम के लिए योग के बारे में ।

सर्दी जुकाम के लिए योग – Sardi Jukam ke liye yoga in hindi

#1 अनुलोम-विलोम

अनुलोम-विलोम अनुलोम-विलोम करने से बंद नाक खुलती है और शरीर का तापमान औसत रहता है। इसके अलावा, खून को शुद्ध करना और आपको ताजा महसूस कराना या फिर से जीवंत बनाना भी अनुलोम-विलोम के अंदर क्षमता है। यह मन को शांत और एकाग्र करने में मदद करता है।

अनुलोम-विलोम कैसे करें

इस आसन को करने के लिए सबसे पहले सिद्धासन या सुखासन की स्थिति में बैठ जाएं। इसके बाद दाहिने हाथ के अंगूठे से नासिका के दाएं छिद्र को बंद कर लें और नासिका के बाएं छिद्र से सांस को भरें और फिर बायीं नासिका को अंगूठे के बगल वाली दो अंगुलियों से बंद कर दें। इसके बाद दाहिनी नासिका से अंगूठे को हटा दें और दायीं नासिका से सांस को बाहर निकालें। ऐसा माना जाता है कि शुरुआत और अंत हमेशा बाएं नथुने से करनी चाहिए। शुरुआत में आप इस प्राणायाम को 3 मिनट कर सकते हैं। धीरे-धीरे अभ्यास करने के बाद 5 से 10 मिनट तक बढ़ाया जा सकता है।

#2 दीर्घ श्वसन

दीर्घ श्वसन एक तरह का प्राणायाम है इससे न केवल मानसिक शांति और चेतना का विकास होता है बल्कि इससे शरीर को ऑक्सीजन भी पहुंचती है। इसके अलावा जिस किसी को सर्दी और जुकाम है उन्हें यह आसन नियमित रूप से करना चाहिए। यह अवरुद्ध नाक को खोलने में मदद करता है। इसके अलावा सहनशक्ति को बढ़ाने और खून को शुद्ध करने में मदद करता है।

दीर्घ श्वसन कैसे करें

सबसे पहले आराम की मुद्रा में जमीन पर बैठ जाएं। फिर हथेलियों को पेट पर हल्के से रखें। दोनों हाथों की मध्यमा अँगुली नाभि पर एक दूसरे को स्पर्श करते रहे। फिर धीरे-धीरे श्वास छोड़ते हुए पेट को भी ढीला छोड़ दें। अब श्वास खींचते हुए पेट को फुलाइए। प्राणायाम क्रिया करते वक्त श्वास को पहले छाती में, फिर पसलियों में और फिर पेट में महसूस करना चाहिए। इस प्राणायाम क्रिया को बहुत ही आराम से करें। इसके लिए आप 10-12 बार नाक के माध्यम से गहराई से साँस लें। इस बात का ध्यान दीजिए कि जिन लोगों को सांस संबंधित रोग हो उन्हें इस आसन को करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

#3 कपालभाति प्राणायाम

अगर आप कफ, जुकाम और सिर दर्द जैसी समस्या से दूर रहना चाहते हैं तो नियमित रूप से कपालभाति प्राणायाम कीजिए। यह आपके रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इस प्राणायाम के करने से सर्दी के वायरस मर जाते है इसलिए सर्दी जुकाम के लिए योग में इसका अहम स्थान है। इसके अलावा यह न केवल पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है बल्कि इससे पेट की गैस, एसिडिटी व कब्ज को भी दूर किया जा सकता है।

कपालभाति प्राणायाम कैसे करें

सबसे पहले ध्यान के किसी आसन में बैठकर अपनी आंखें बंद कर लीजिए। इसके बाद पूरे शरीर को ढीला छोड़ दीजिए। अब नाक से तेजी से श्वास को बाहर निकालने की क्रिया करें। श्वास को बाहर निकालते वक्त पेट को भीतर की ओर खींचे। इससे एक सकेंड में एक बार सांस फेंकने की क्रिया कह सकते हैं। इस प्राणायाम को करते समय शांति का अनुभव कीजिए। आप शुरुआत में इस आसन को 5 मिनट के लिए कर सकते हैं। उसके बाद उसके बाद 5-5 मिनट के ब्रेक के साथ 15 मिनट कर सकते हैं।

इन तीन आसनों के अलावा आपको पर्वतासन, उष्ट्रासन, सेतुबंधासन, सर्वांगासन और उज्जयी प्राणायाम करना चाहिए।