पेट की गैस और एसिडिटी को दूर करने के लिए योग

गैस और एसिडिटी एक ऐसी समस्या है जिसे हर उम्र के लोगों को दो चार होना पड़ता है। आज जीवनशौली में बदलाव को देखकर यह समस्या ज्यादा देखने को मिल रही है। आइए इस समस्या को दूर करने के लिए गैस और एसिडिटी के योग पर ध्यान देते हैं। अनियमित भोजन का सेवन, तेल और मसालेदार भोजन का अति सेवन करना ये कुछ ऐसी चीजें हैं, जिसकी वजह से गैस और एसिडिटी के रोग देखने को मिलते हैं।

गैस और एसिडिटी के योग

#1 मत्स्यासन योग

सेहत के लिए यह बहुत ही उपयोगी आसन है। इस आसन के करने से आप अपनी छाती को चौड़ा कर सकते हैं। साथ ही इसके द्वारा आंखों की रोशनी बढ़ती है। इसके अलावा मत्स्यासन न केवल गला साफ करने में सहायक बल्कि यह एसिडिटी में बहुत ही जरूरी है। उदर सम्बन्धी सभी प्रकार की बीमारियों के लिए बहुत उपयोगी है।

मत्स्यासन को करने के लिए आप सबसे पहले पद्मासन बैठ जाइए। उसके बाद सिर को पीछे ले जाते हुए सिर की चोटी का भाग जमीन से सटा दें। इसके बाद दाएं हाथ से बाएं पैर का अंगूठा और बाएं हाथ से दाएं पैर का अंगूठा पकड़ें। इस तरह से आप पूरी तरह से बंध जाएंगे। यह ध्यान देने योग्य बात है कि पीठ का भाग जमीन से उठा होना चाहिए। यदि आप नियमित रूप से इस आसन को करते हैं तो आपकी एसिडिटी की समस्या दूर हो सकती है। साथ ही, आपको भूख भी लगेगी और आपकी पाचन शक्ति भी मजबूत होगी। मत्स्यासन को हर कोई नहीं कर सकता इसलिए घुटनों में दर्द, स्लिप डिस्क, उच्च रक्तचाप और रीढ़ की समस्या होने पर इसे न करें।

#2 सर्वांगासन योग

शरीर में रक्त प्रवाह के लिए सर्वांगासन बहुत ही उपयोगी है। इस आसन को करने से शरीर की दुर्बलता तो दूर होती है, साथ ही थकान भी दूर हो जाती है। सर्वांगासन से कंधे और पीठ मजबूत होते हैं और एसिडिटी पाचन और कब्ज की समस्या दूर हो जाती है।

सर्वांगासन करने के लिए आप चटाई बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं और अपने दोनों पैरों को आपस में मिला लें। फिर दोनों हाथों को जमीन पर रखते हुए दोनों पैरो को धीरे-धीरे ऊपर की उठाइए। अपने हाथों का सपोर्ट लेते हुए अपने पैरों और पीठ को 90 डिग्री तक उठाने का प्रयास करें।

#3 भुजंगासन योग

शरीर को लचीला और फुर्तीला बनाये रखने में भुजंगासन बहुत ही उपयोगी है। महिलाओं के प्रजनन सम्बन्धी विकारों को जैसे प्रदर, कष्टप्रद, मासिक धर्म और अनियमित मासिक धर्म आदि के कष्ट को दूर करने में यह आसन बहुत ही मददगार है। इसके अलावा भुजंगासन भूख को बढ़ाने में मददगार है तथा कब्ज और एसिडिटी की समस्या को भी दूर करता है।

भुजंगासन कैसे करे और लाभ

भुजंगासन को करने के लिए आप पेट के बल लेटते हुए पैरों को सीधा व लम्बा फैला दीजिये। इसके बाद धीरे-धीरे सिर को व कन्धों को जमीन से ऊपर उठाइये तथा सिर को जितना पीछे ले जा सकते हैं ले जाइए। उधर पैरों की उंगलियों को पीछे की तरफ खींचकर रखें। भुजंगासन को करते समय ध्यान दीजिए कि पीठ पर विशेष तनाव या अनावश्यक खिंचाव न पड़े।

#4 हलासन योग

कब्ज और गैस की समस्या के लिए हलासन बहुत ही लाभकारी है। इस आसन की मदद से आप पेट की चर्बी को दूर कर सकते हैं। साथ ही, पीठ, कमर, गर्दन को मजबूत बनाने में हलासन बहुत ही कारगर है।

इसके लिए आप जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं फिर वास को अंदर की ओर लेते हुए अपने दोनों पैरों को धीरे-धीरे करके उठाएं। सर्वांगासन की स्थिति में आने के बाद अपने दोनों पैरों को अपने सिर के पीछे जमीन पर टिकने की प्रयास करें। कुछ देर रहने के बाद वापस अपनी स्थिति में आ जाइए। जिसको स्लिप डिस्क, उच्च रक्तचाप और रीढ़ की समस्या है वह यह आसन न करें।

#5 वज्रासन योग

यदि आप अपचन और एसिडिटी की समस्या से ग्रसित हैं तो वज्रासन आपके लिए बहुत ही उपयोगी आसन है। इसके अलावा वज्रासन साइटिका और रीढ़ के नीचले भाग तथा पैरों के तनाव को इस आसन के जरिए दूर किया जा सकता है।

वज्रासन को करने के लिए आप घुटनों के बल बैठ जाइए अब दोनों पैरों के अंगूठे आपस में मिलाकर रखें और अपनी कमर को सीधा रखें। इसके बाद आंखें बंद रखें और सांस लें तथा छोड़ें।