त्रिकोणासन खड़े होकर किया जाने वाला आसन होता है। यह आसन कमर दर्द को कम करने में बहुत ही लाभकारी होता है। यह मोटापा घटाने के साथ-साथ मधुमेह को भी काबू करने में एक अहम भूमिका निभाता है।
योग मुद्रा
जाने योग मुद्रा, योग साधना, योगासन चित्र सहित और योग के फायदे या लाभ जिसमे योग के प्रकार, योग के आसन आदि की जानकारी भी सम्मिलित है, Yoga Tips, benefits of yoga, yoga poses in hindi.
पर्वतासन योग – विधि और लाभ
हम अपने दैनिक जीवन में बहुत से आसनों के बारे में सुनते हैं, उन्हीं में से एक आसन है पर्वतासन योग। इस आसन को करते समय मनुष्य की आकृति एक पर्वत के समान हो जाती है, जिसके कारण हम इसे पर्वतासन योग...
सर्वांगासन योग करने की विधि और लाभ
सर्वांगासन करने में थोडा कठिन जरूर होता है, लेकिन जब हम इसे नियमित अभ्यास से करते हैं तो फिर हम इसे आसानी से कर सकते हैं। इस आसन को किस प्रकार से किया जा है और इसको करने से हमें क्या फायदे मिलते...
नटराज योग आसन की विधि और लाभ
नटराज शिव के तांडव नृत्य का प्रतीक है। यही नृत्य विश्व की पांच महान क्रियाओं का निर्देशक है- सृष्टि, स्थिति, प्रलय, तिरोभाव और अनुग्रह। शिव की नटराज की मूर्ति में धर्म शास्त्र और कला का अनूठा...
नौकासन योग की विधि, लाभ और सावधानियां
नौकासन योग आसन को एक नाव की आकृति में किया जाता है इसलिए हम इसे नौकासन कहते हैं। जब हम इस आसन का नियमित रूप से अभ्यास करते हैं तब हमारे पेट और कमर पर चर्बी जमा नहीं होती।
अस्थमा रोगी के लिए 5 योग
जिस तरह शहरों में जनसंख्या बढ़ रही है, उसी हिसाब से अस्थमा रोगियों की भी संख्या बढ़ रही है, हम जानेंगे अस्थमा रोगी के लिए गुणकारी योगासन। शहर में बढ़ते प्रदूषण, स्मॉग की वजह से अस्थमा रोगी बहुत ही...
पश्चिमोत्तासन करने की विधि, लाभ और सावधानियां
पश्चिमोत्तासन को महत्वपूर्ण आसनों में जाना जाता है। इस आसन के द्वारा हमारा मेरुदंड को लचीला बनता है, जिससे कुंडलिनी जागरण में लाभ प्राप्त होता है।
कटि चक्रासन की विधि और लाभ
कटि का अर्थ होता है कमर और चक्र का अर्थ होता है पहिया। इस आसन में कमर को दाएं से बाएँ ओर घुमाया जाता है और जब हम ऐसा करते हैं तो हमारी कमर पहिये की तरह घुमती है। यही कारण है कि हम इसे कटि चक्रासन...
जालन्धर बंध की विधि, लाभ और सावधानियां
हमारे सिर में बहुत सी वात नाड़ियों का जाल होता है, इन्हीं के द्वारा हमारे शरीर का संचालन होता है यही कारण है कि हमारे इस हिस्से का स्वस्थ रहना बहुत ही आवश्यक है और इसके लिए जालन्धर बंध अच्छा...
मूलबंध की विधि और लाभ
मूलबंध का जब हम नियमित रूप से अभ्यास करते हैं तो अपान वायु पूर्णरुपेण नियंत्रित हो जाती है । इसके साथ में उदर रोग से भी मुक्ति मिलती है।