पद्मा का अर्थ कमल और मयूर को हम मोर बोलते हैं। इस आसन को मोर मुद्रा में किया जाता है। पद्मा मयूरासन हमारी शारीरिक शक्ति के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। यह आसन मयूरासन की तुलना में आसान होता है।
पद्मा मयूरासन कैसे करते हैं ?
इस आसन को सुबह करने से बहुत ही फायदा मिलता है। देखा जाए, तो हर आसन को सुबह ही करना चाहिए। इस आसन को किस प्रकार से किया जाता है आइये जानते हैं।
- इसको करने के लिए सबसे पहले खुली हवा में दरी या चटाई को बिछा लें ।
- फिर उस पर घुटनों के बल बैठ जाएं ।
- अब आगे की तरफ झुक जाइये।
- अपने हाथों की कोहनी को मोड़कर अपनी नाभि पर जमा लें।
- अब फिर थोड़ा आगे की झुकें और अपना संतुलन को बनाएं।
- अपने घुटनों को सीधा करें।
- जब आप के पैर सीधे हो जाए तो हवा में उठाने की कोशिश करें ।
- यह शुरू में थोड़ा कठिन होगा, लेकिन जब आप इसका अभ्यास करोगें तब यह आपको आ जाएगा ।
- कम से कम पांच मिनट तक इस पोज में बने रहें ।
अब धीरे-धीरे करके अपनी पुरानी अवस्था में आ जाएं ।
पद्मा मयूरासन के फायदे
पद्मा मयूरासन करने से हमें क्या फायदा मिलता है आइये जानते हैं
- इस आसन के द्वारा आपकी किडनी मजबूत होती है ।
- लीवर को फायदा होता है।
- इसको करने से चेहरा खिल जाता है।
- कंधों ओर हाथों की मांसपेशियां मजबूत होती है।
- कब्ज के लिए यह बहुत ही फायदेमंद होता है।
- जो मधुमेह के रोगी होते हैं उनके लिए यह आसन बहुत ही फायदेमंद होता है ।
- इसको करने से आँखों की समस्या दूर हो जाती है।
- इसको करने से पाचन क्रिया मजबूत हो जाती है।
- इस आसन के द्वारा मसल्स को ताकत मिलती है।
- मूत्राशय और आमाशय के दोष का निवारण होता है।
पद्मा मयूरासन – सावधानियां
इसको शुरू करने में बहुत ही सावधानी की आवश्कता होती है, इसके शुरू में संतुलन नहीं बनेगा। शुरू में आप इसे अधिक समय तक नहीं कर पाएंगे। अधिक से अधिक आप इसे एक मिनट तक ही कर सकते हो।
किसे नहीं करना चाहिए
- अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर है तब आपको इससे दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
- हर्निया की समस्या हो तब इस आसन को नहीं करना चाहिए।
- ह्रदय संबंधी रोग होने पर नहीं करना चाहिए।