आज खुद को स्वस्थ्य रखने के लिए जितनी जरूरत भोजन की है उतनी ही जरूरत व्यायाम और योग की भी है। यदि बीमारियों से दूरी बनाकर रखना चाहते हैं, तो नियमित रूप योग करें। इसके अनेक फायदे हैं। कपालभाति प्राणायाम योग एक ऐसा प्राणायाम है जिसे आप कुछ मिनट रोज करते हैं तो आपके चेहरे पर हमेशा मुस्कान बनी रहेगी। कपालभाति प्राणायाम योग आपके कई समस्याओं को दूर कर सकता है और इसको करने के लिए आपको ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं है।
कपालभाति प्राणायाम योग करने की विधि
- सबसे पहले ध्यान के किसी आसन में बैठिये और अपनी आंखें बंद कर लीजिए।
- इसके बार अपने पूरे शरीर खासकर अपने पेट को शिथिल या ढीला छोड़ दीजिए।
- अब नाक से तेजी से श्वास को बाहर निकालने की क्रिया करें। श्वास को बाहर निकालते वक्त पेट को भीतर की ओर खींचे। यह ध्यान दें कि सांस को छोड़ने के बाद, सांस को बाहर न रोककर बिना प्रयास किए सामान्य रूप से सांस को अन्दर आने दें। इससे एक सकेंड में एक बार सांस फेंकने की क्रिया कह सकते हैं।
- इसके बाद श्वास को अंदर लीजिए। ऐसा करते वक्त संतुलन बनाये रखें।
- इस प्राणायाम को करते समय शांति का अनुभव कीजिए।
- इस आसन को आप शुरुआत में 5 मिनट के लिए कर सकते हैं। उसके बाद 5-5 मिनट के ब्रेक के साथ 15 मिनट कर सकते हैं।
कपालभाति प्राणायाम करने के लाभ
- कपालभाति प्राणायाम न केवल पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है बल्कि इससे पेट की गैस, एसिडिटी व कब्ज को भी दूर किया जा सकता है।
- यह प्राणायाम मानसिक तनाव, अस्वस्थ जीवन शैली, थकान, सिर दर्द, अनिद्रा को दूर करता है और बहुत जल्दी मन को शांत करता है।
- चेहरे पर चमक लाने के लिए यह प्राणायाम बहुत ही उपयोगी है। इससे चेहरे की झुरियां तो दूर होती ही हैं, इसके साथ यह आखों के नीचे बढ़ते काले धब्बे को भी दूर करता है।
- खून के विकार की समस्या, डाइबिटिस और किडनी से जुड़े रोगों के उपचार में कपालभाति प्राणायाम बहुत ही उपयोगी है। रोजाना इसके अभ्यास से बल्ड सर्कुलेशन में भी सुधार देखने को मिलता है।
- कपालभाति प्राणायाम शरीर से अतिरिक्त चर्बी को कम करने में सहायक होता है। योग विशेषज्ञ के अनुसार यह वजन कम करने के लिए सबसे सरल और उत्तम प्राणायाम है।
- हाल ही में एक अध्ययन से पता चला है कि कपालभाति प्राणायाम ब्रेस्ट कैंसर के लिए एक प्राकृतिक उपचार है। लेकिन इसका फायदा कैंसर के शुरुआती दौर में होता है।
- अगर आप चाहते हैं कि आप बीमारियों से दूर रहें तो नियमित रूप से कपालभाति प्राणायाम कीजिए। यह आपके रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और कफ, जुकाम और सिर दर्द जैसी समस्या से आपको दूर करता है।
- कपालभाति प्राणायाम फेफड़ों की बीमारी और पथरी ( गुर्दे की पथरी ) की समस्या को दूर करने में सहायक है।
- कानों से कम सुनाई देना, मिर्गी, नाक के अंदर फोड़े होना आदि में भी कपालभाति प्राणायाम उपयोगी है।
- समय से पहले बालों का पकना और बालों का झड़ना स्त्री हो या पुरुष हर किसी के लिए एक बड़ी समस्या है। आप नियमित रूप से कपालभाति प्राणायाम कीजिए आपके बाल लंबे और काले रहेंगे।
कपालभाति प्राणायाम – सावधानी
- अगर किसी को कमर दर्द, हर्निया, हाइपरटेंशन या फिर दिल की बीमारी हो तो इस आसन को धीरे-धीरे करना चाहिए और उन्हें इसे ज्यादा देर तक नहीं करनी चाहिए।
- पीलिया के रोगी को भी कपालभाति करने पर गंभीर समस्या हो सकती है।
- पित्त वायु के रोगी को कपालभाति करने पर परेशानी बढ़ सकती है।
- गर्मी के दिनों में कपालभाति दो से तीन मिनट करना ही अच्छा होता है।
- पेट साफ किए बिना कपालभाति प्राणायाम नहीं करना चाहिए। भोजन के तुरंत बाद भी कपालभाति प्राणायाम नुकसान देह हो सकता है।
- ब्लड प्रेशर से पीड़ित व्यक्ति को यह अभ्यास अधिक गति से नहीं करना चाहिए।