अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल रक्त प्रवाह में पाया जाने वाला एक लिपिड होता है जिसे अक्सर शरीर के लिए हानिकारक माना जाता है। इसलिए आज हम कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए योग के बारे में बात करेंगे। आपको बता दें कि शरीर के सामान्य कामकाज और रखरखाव के लिए कोलेस्ट्रॉल आवश्यक है। हालांकि यह शरीर के लिए अच्छा है, लेकिन अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल हानिकारक हो सकता है।
कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए कपलभाती प्राणायाम
कपलभाती प्राणायाम सबसे प्रचलित श्वास अभ्यास में से एक है। यह श्वास अभ्यास शरीर की पूरी फिटनेस के लिए है। यह प्राणायाम चयापचय दर या मेटाबॉलिक रेट बढ़ाता है और वजन कम करता है। यह पेट के अंगों को भी उत्तेजित करता है और पाचन तंत्र कार्य में सुधार करता है।
कपलभाती प्राणायाम
कपलभाती प्राणायाम करने के लिए अपनी आंखें बंद करके ध्यान के किसी आसन में बैठिये। इसके बाद अपने पेट को शिथिल या ढीला छोड़ दीजिए। अब नाक से तेजी से श्वास को बाहर निकालने की क्रिया करें।
श्वास को बाहर निकालते वक्त पेट को भीतर की ओर खींचे। यह ध्यान दें कि सांस को छोड़ने के बाद, सांस को बाहर न रोककर बिना प्रयास किए सामान्य रूप से सांस को अन्दर आने दें। इससे एक सकेंड में एक बार सांस फेंकने की क्रिया के नाम से भी जाना जाता है। – प्रजनन क्षमता बढ़ाने के उपाय हैं यह योग
कोलेस्ट्रॉल कम करे चक्रासन
व्हील मुद्रा या चक्रासन पेट के अंग की मालिश करता है और कब्ज को कम करने में मदद करता है। यह लिवर की कार्यप्रणाली में भी सुधार करता है और इस प्रकार अतिरिक्त वसा और कोलेस्ट्रॉल से छुटकारा पाने में मदद करता है। इससे आप विशेष रूप से पेट के क्षेत्रों को करके शरीर के अंगों के कई लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
चक्रासन करने की विधि
इस आसन को करने के लिए शवासन में लेट जाएं। फिर घुटनों को मोड़कर, तलवों को भूमि पर अच्छे से जमाते हुए एड़ियों को नितंबों से लगाएं। ध्यान रखें कि आपकी एडियां कूल्हों के पास हों।
इसके बाद दोनों हाथों को उल्टा कर कंधों के पीछे एक-दूसरे से थोड़ी दूरी पर रखें। इस स्थिति में कोहनियां और घुटनें ऊपर की ओर रहते हैं। इसके बाद धीरे-धीरे अपने पेट और छाती को आकाश की ओर उठाएं और सिर को कमर की ओर ले जाएं। चक्रासन को सुविधानुसार 30 सेकंड से एक मिनट तक किया जा सकता है।
कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए शलभासन
शलभासन पेट फैलाती है और पेट के अंगों को उत्तेजित करती है। यह मुद्रा कब्ज को दूर करने में मदद करता है। शालभासन के लाभ में मांसपेशियों को मजबूत करने और और पीठ दर्द जैसी बीमारियों को ठीक करने जैसे फायदे शामिल है।
शलभासन करने की विधि
इसके लिए समतल जगह पर दरी या चटाई बिछाकर पेट के बल लेट जाने के बाद दोनों हाथों को जांघों के नीचे रखें। इसके पैरों को खींचिए और हाथों को तानिए। पेट और पैरों को बिना मोड़े हुए धीरे-धीरे ऊपर उठाएं।
ध्यान रहे अब अपनी गर्दन को उपर की ओर उठा लें और ठोडी को जमीन से लगा लें। इस स्थिति में कुछ देर रुकने के बाद फिर पूर्व स्थिति में वापस लौटिए। एक बात का ध्यान रखें कि आपको आराम से अपने पैरों को ऊपर उठाना है ना की झटके के साथ। – दिमाग तेज करने के लिए योग
कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए पाश्चिमोतानासन
पाश्चिमोतानासन मुद्रा लिवर और किडनी को उत्तेजित करता है; मोटापे को कम करता है और पेट के क्षेत्र से अतिरिक्त वसा से छुटकारा दिलाता है। यह रीढ़, कंधे, निचले हिस्से, अंडाशय, गर्भाशय और हैमरस्ट्रिंग को फैलाता है। इसके अलावा यह मासिक धर्म की असुविधा के लक्षणों से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।
पाश्चिमोतानासन करने की विधि
बैठकर अब अपने शरीर को सीधा तान कर अपने दोनों पैरों को फैलाकर आपस में मिला लें । इसके बाद धीरे-धीरे करके अपने दोनों हाथों से अपने पैरों के अंगूठों को पकड़ने की कोशिश करें।
इस प्रकार करते हुए अपने हाथों और पैरों को बिल्कुल सीधा रखें। इसको करते समय अपनी नाक को छूने की कोशिश करें। इस आसन की एक क्रिया पूरी होने के बाद कुछ सेंकड के लिए आराम करें और इसे सिर्फ तीन बार दोहराएं।