जिस महिला ने यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन का सामना किया होगा तो उसे पता है कि इसमें कितना दर्द और जलन होता है। अगर अमरीका के राष्ट्रीय किडनी फाउंडेशन की बात करे, तो उनके अनुसार 5 में 1 महिला को यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन या यूटीआई को जरूर अनुभव किया होगा। यूटीआई एक आम समस्या है, जिसे निपटने के लिए आप कुछ घरेलू उपाय को अपना सकते हैं।
यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन या यूटीआई क्या है?
मूत्र पथ का संक्रमण यानी यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन (यूटीआई) एक संक्रमण है जो यूरिनरी ट्रैक के किसी भी हिस्से को प्रभावित करता है, जिसमें किडनी, मूत्रवाही, मूत्राशय या मूत्रमार्ग शामिल है। बैक्टीरिया यूटीआई का सबसे आम कारण है, लेकिन कवक और वायरस से भी संक्रमण हो सकता है।
यद्यपि यूटीआई किसी पर भी असर डाल सकता है, लेकिन महिलाओं को संक्रमण का खतरा अधिक होता है। इसका कारण यह है कि मूत्रमार्ग, मूत्राशय से मूत्र को ले जाने वाला ट्यूब पुरुषों की तुलना में महिलाओं में छोटा है। इससे बैक्टीरिया को प्रवेश करने और मूत्राशय तक पहुंचने में आसानी हो जाती है।
यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन या यूटीआई के लक्षण
- पेशाब करते समय जलना का होना
- लगातार पेशाब आना
- डार्क पेशाब आना
- गंध के साथ मूत्र आना
- पेडू में दर्द
यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन या यूटीआई के कारण
यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन आमतौर पर तब होते हैं जब बैक्टीरिया मूत्रमार्ग के माध्यम से यूरिनरी ट्रैक में प्रवेश करता हैं और मूत्राशय या ब्लैडर में बढ़ता चला जाता हैं।
यद्यपि मूत्र प्रणाली या यूरिनरी सिस्टम को ऐसे सूक्ष्म आक्रमणकारियों को बाहर रखने के लिए डिज़ाइन किया गया है। लेकिन सुरक्षा कवज कभी-कभी विफल हो जाती है। जब ऐसा होता है, तो बैक्टीरिया यूरिनरी ट्रैक में एक पूर्ण विकसित संक्रमण में हो सकता है और बढ़ सकता है।
अगर इसके कारणों की बात की जाए तो किडनी स्टोन का बनना, गंदे पैड और टैम्पोन का प्रयोग (जिससे बैक्टीरिया बहुत आसानी से विकसित हो सकते हैं), शरीर में पानी की कमी, पेशाब को रोककर रखना, मधुमेह का अनियंत्रण, कब्ज की शिकायत और संभोग करने के बाद साफ-सफाई का ध्यान न देना तथा पेशाब के लिए न जाना आदि।
यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन का घरेलू उपचार
हाइड्रेटेड रहना, स्वस्थ आदतों को अपनाना और कुछ यूटीआई से लड़ने वाले खाद्य पदार्थ का सेवन करके आप यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन के जोखिम को कम कर सकते हैं। आइए उन्हीं घरेलू उपचारों के बारे में जानते हैं।
प्रोबायोटिक्स का सेवन
प्रोबायोटिक्स जीवित बैक्टीरिया हैं, जो आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं। ये आपके पेट में बैक्टीरिया के स्वस्थ संतुलन को बढ़ावा दे सकते हैं। प्रोबायोटिक्स आपके स्वास्थ्य में सुधार कर सकता हैं। प्रोबायोटिक्स लेने से वजन घटाने, हृदय स्वास्थ्य, मूड में सुधार, कई जठरांत्र संबंधी समस्याओं से राहत, पाचन और इम्यून फंक्शन और कई सारे लाभ मिलता है।
इन सबके अलावा प्रोबायोटिक्स का एक फायदा यह है कि यह यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन या यूटीआई के उपचार में भी मदद करता है। कुछ अध्ययनों से यह भी पता चलता है कि प्रोबायोटिक्स यूटीआई के जोखिम को कम कर सकता है। आप दही के जरिए प्रोबायोटिक्स को प्राप्त कर सकते हैं।
क्रैनबेरी का जूस
क्रैनबेरी का जूस आपको यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन्स (यूटीआई) यानी मूत्र मार्ग के संक्रमण से छुटकारा दिला सकता है। आपको बता दें कि क्रैनबेरी में पोषक तत्वों को यूरिनरीरी ट्रैक्ट इंफेक्शन्स के अलावा निश्चित प्रकार के कैंसर की रोकथाम, बेहतर इम्यून फंक्शन और कम रक्तचाप के जोखिम के साथ जोड़ा गया है। ये विटामिन सी, मैंगनीज और फाइबर सहित कई महत्वपूर्ण विटामिन और पोषक तत्वों का भी एक उत्कृष्ट स्रोत हैं।
शोधकर्ताओं का मानना है कि क्रैनबेरी में ऐसे पदार्थ होते हैं, जो संक्रमण से पैदा होने वाले जीवाणुओं को यूरिनरी ट्रैक्ट की दीवारों से चिपकने से रोकते हैं। इस बात का ध्यान दीजिए कि आप क्रैनबेरी का जूस आप ताजा बनाकर ही पीएं।
अपने आहार में विटामिन सी को को करें शामिल
विटामिन सी एक बहुत ही स्वस्थ विटामिन है जो आपके शरीर के समग्र स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद है। विटामिन सी, जिसे एस्कॉर्बिक एसिड भी कहा जाता है, शरीर के ऊतकों के विकास और मरम्मत के लिए आवश्यक है।
शरीर के लिए इसके कई कार्य जैसे कोलेजन का गठन, आयरन का अवशोषण, इम्यून सिस्टम को बेहतर करना, घाव भरना और हड्डियों तथा दांतों के रखरखाव शामिल है।
कुछ सबूत बताते हैं कि विटामिन सी के सेवन से यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन्स (यूटीआई) से बचा सकता है। विटामिन सी पेशाब की अम्लता को बढ़ाकर संक्रमण का कारण जन्में बैक्टीरिया को मार देते हैं। 2007 में गर्भवती महिलाओं में यूटीआई के अध्ययन ने प्रति दिन 100 मिलीग्राम विटामिन सी लेने के प्रभावों को देखा गया।
अध्ययन में पाया गया कि विटामिन सी का सुरक्षात्मक प्रभाव था। नियंत्रण समूह के मुकाबले विटामिन सी लेने वाले लोगों में यूटीआई के जोखिम को कम देखा गया।
ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन
पानी पीना सेहत के लिए बहुत ही फायदा माना जाता है। पीने के पानी के लाभ में थकान, जलन, माइग्रेन, गठिया और पीठ दर्द से राहत शामिल है। यह पीएच संतुलन में भी मदद करता है, तथा इससे शरीर का तापमान भी नियंत्रित रहता है। इसके अलावा जो लोग पर्याप्त पानी का सेवन करते हैं वह अपने कैलोरी को बर्न कर सकते हैं और उन्हें वजन घटाने में भी मदद मिलती है।
वैसे आपको बता दें कि पानी हाइड्रेशन स्थिति मूत्र पथ के संक्रमण या यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन्स के जोखिम से जुड़ी हुई है। पानी यूटीआई का एक आसान घरेलू उपाय है। इसका कारण यह है कि पानी पीने से हम पेशाब करते हैं और नियमित पेशाब यूरिनरी ट्रैक्ट से बैक्टीरिया को बाहर निकालने में मदद मिलती है और उसमें होने वाले संक्रमण से बचा जा सकता है। इसलिए अपने शरीर में पानी की कमी न होने दें।
यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन के कुछ अन्य उपचार
1. यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन की रोकथाम के लिए आप अपने बाथरूम को साफ रखें और स्वच्छ आदतों को अपनाएं।
2. अपने पेशाप को लंबे समय तक रोककर न रखें। इससे यूरिनरी ट्रैक में बैक्टीरिया का निर्माण हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप संक्रमण हो सकता है।
3. संभोग के बाद पेशाब करने के लिए जरूर जाएं। इससे यूरिनरी ट्रैक में बैक्टीरिया के प्रसार को रोकने में मदद मिलती है और यूटीआई के जोखिम को कम किया जा सकता है।