आज बहुत सी ऐसी बीमारियां है, जो हमारे बिगड़ते लाइफस्टाइल की वजह से जन्म लेती हैं। स्तन कैंसर या ब्रेस्ट कैंसर उन्हीं में से एक है। आज हम ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कैसे किया जाए कम, इसके बारे जानेंगे। स्तन कैंसर की रोकथाम स्वस्थ आदतों से शुरू होती है – जैसे शराब को सीमित करना और शारीरिक रूप से सक्रिय रहना आदि। आज हम समझेंगे कि स्तन कैंसर के खतरे को कम करने के लिए आप क्या कर सकती हैं।
शराब के सेवन को सीमित करें
शराब कई तरह से शरीर को नुकसान पहुंचाता है। यह आपके लिवर, फेफड़े, पेट, मस्तिष्क, हृदय और पित्त की थैली को प्रभावित करता है। यह रक्त में वसा (कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड) और इंसुलिन के स्तर को प्रभावित करता है।
यदि आप इसका अत्यधिक मात्रा में सेवन करते हैं तो आपको कैंसर भी हो सकता है। आपको बता दें कि शराब से स्तन कैंसर के विकसित होने की संभावना बढ़ सकती है। रिसर्च यह बताते हैं कि शराब के सेवन से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
सिगरेट पीना छोड़ दीजिए
यदि आप ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम करना चाहती हैं तो आपको जल्द से जल्द सिगरेट पीना छोड़ना होगा। यह आपके फेफड़े के साथ साथ शरीर के दूसरे अंग को भी नुकसान पहुंचाता है।
साक्ष्य यह बताते हैं कि धूम्रपान और स्तन कैंसर के जोखिम के बीच एक जुड़ाव है, खासकर पेरिमेनोपौज महिलाओं में। इसलिए धूम्रपान या सिगरेट करने से बचे यह आपके समग्र स्वास्थ्य के लिए बहुत ही बढ़िया है। – ब्रेस्ट कैंसर से बचने के घरेलू उपाय
वजन पर करें नियंत्रण
आपको बता दे कि मोटापा कई बीमारियों का गढ़ है। मोटापा किसी भी उम्र में हो सकता है। लेकिन जैसे ही आपकी उम्र बढ़ती है, हॉर्मोनल बदलाव और कम सक्रिय लाइफस्टाइल आपके मोटापे के खतरे को बढ़ा देती है। ब्रेस्ट कैंसर या स्तन कैंसर के खतरे को कम करना है तो आप अपने वजन पर नियंत्रण कीजिए। अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त महिला में स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। वैसे मोटापे की बीमारी से ग्रस्त महिला के लिए वजन कम करने के बाद उसे बरकरार रखना बड़ी चुनौती है।
ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम करने के लिए सक्रिय रहें
नियमित रूप से सक्रिय रखकर आप अपने आप को बीमारियों से दूर रख पाते हैं। इसमें ब्रेस्ट कैंसर भी शामिल है। शारीरिक गतिविधि आपको स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद कर सकती है, जो बदले में, स्तन कैंसर को रोकने में सहायता करती है। आप रोज कम से कम आधा घंटा एरोबिक्स एक्सरसाइज जरूर करें। इसके अलावा हफ्ते में दो बार स्ट्रेंथ ट्रेनिंग लीजिए।
हार्मोन थेरेपी में सावधानी
तीन से पांच साल तक संयोजन हार्मोन थेरेपी से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। यदि आप रजोनिवृत्ति या मेनोपॉज के लक्षणों के लिए हार्मोन थेरेपी ले रहे हैं, तो अपने चिकित्सक से अन्य विकल्पों के बारे में पूछें। – स्तन कैंसर के आयुर्वैदिक उपचार
स्तनपान भी है जरूरी
स्तनपान स्तन कैंसर की रोकथाम में भूमिका निभा सकता है। स्तनपान मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही जरूरी है। एक तरफ जहां शिशु के लिए मां का दूध अमृत होता है वहीं दूसरी तरफ स्तनपान कराने वाली मां को ब्रेस्ट कैंसर जैसे भयंकर बीमारी में भी राहत मिलता है। स्तनपान बच्चों में कैंसर के खतरे के साथ साथ माताओं में भी इसके खतरे को कम करता है। स्वास्थ्य मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन बच्छे के जन्म के पहले छह महीने तक केवल अनन्य ब्रेस्टफीडिंग कराने की सलाह देते है।