आज के इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हर कोई योग करने की सलाह देता है। योग से ना केवल आप अपनी डेली लाइफ में तंदुरुस्त रह सकते हैं बल्कि विभिन्न रोगों को भी दूर कर सकते हैं। आज माता-पिता अपने बच्चों की ग्रोथ को लेकर दिन-रात चिंतित रहते हैं। उनके डाइट में बहुत तरह के बदलाव करते हैं लेकिन फिर भी उन्हें कोई फायदा नहीं होता।
ऐसा नहीं है कि डाइट की वजह से ग्रोथ नहीं होता। कुछ पौष्टिक और अच्छे डाइट के साथ आप नियमित रूप से यदि व्यायाम करते हैं तो आपके बच्चे का शरीर जल्दी ही विकसित होगा। इसके लिए आप अपने बच्चे को ताड़ासन करने के लिए कह सकते हैं। यह आसन ना केवल आपके बच्चे के शरीर को विकसित करेगा बल्कि पीठ के दर्द को भी दूर करेगा और हाइट को बढ़ाएगा। ऐसा नहीं है कि इस आसन को केवल बच्चे ही करते हैं। बड़े भी इस आसन को करके विभिन्न रोगों से छुटकारा पा सकते हैं।
ताड़ासन करने की विधि या ताड़ासन कैसे करे
अपने पैरों के बीच 4 से 6 इंच का गैप रखकर खड़े हो जाइए। इसके बाद दोनों भुजाओं को ऊपर की ओर उठाइए। इस दौरान अपनी आंखों को सामने पड़ने वाली किसी भी चीज पर अपनी दृष्टि जमा लीजिए। इसमें आपको अपनी एड़ियों को ऊपर की ओर उठाना होगा और अनुभव करना होगा कि आपको कोई ऊपर की ओर खींच रहा है। इसमें आपके शरीर का सारा भार आपकी पैरों की अंगुलियों पर होगा। इस अवस्था में आप अपने शारीर को पूरी तरह से खींचिए और धीरे धीरे एड़ियों को जमीन पर वापस लाइए। यह आसन शीर्षासन की तरह उल्टे होकर लगाए जाने वाले आसनों का विपरीत आसन है। इस आसन को आप कम से कम दस बार कीजिए। इस आसन के दौरान ऊपर उठते समय श्वास अंदर व नीचे की ओर आते समय बाहर लीजिए।
ताड़ासन के लाभ
1. यह एक ऐसा आसन है जिसकी वजह से मांसपेशियां विकसित होती हैं। यह मलाशय और आमाशय की मांसपेशियों को विकसित करता है। यह बच्चों के शारीरिक विकास के लिए सहायक है।
2. इससे रीड़ की हड्डियां विकसित होती हैं। इसके अलावा जिन बिंदुओं से स्नायु निकलते हैं उनके अवरोधों को ताड़ासन दूर करता है।
3. योग विशेषज्ञों का मानना है कि गर्भावस्था के प्रारंभिक 6 महीने की स्थिति में यह आसन फायदेमंद है। गर्भवती स्त्रियों को इससे थकान नहीं होती।
सूर्य नमस्कार के फायदे
4. यह एक ऐसा आसन है जिसे करने से महिलाओं को प्रसव पीड़ा नहीं होती।
5. ताड़ासन करने से ना केवल कंधों के जोड़ मजबूत होते हैं बल्कि शरीर में पर्याप्त संतुलन और लचीलापन आता है।
6. पैरों और पंजों को मजबूत करने वाला यह आसन सांस लेने-छोडऩे की प्रक्रिया को भी सुधारता है।
7. यही नहीं, इस आसन के करने से पेट और छाती के सभी प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं।
सावधानी :
1. जिन लोगों के घुटनों में दर्द है या जिनके पैरों में गंभीर रोग हैं उन्हें इस आसन से दूरी बनाकर रखना चाहिए।
2. पैरों की अंगुलियों पर संतुलन बनाए रखना कुछ लोगों के लिए कठिन होगा लेकिन उन्हें चाहिए कि जब तक संतुलन का अभ्यास ठीक ना हो जाए पंजों के बल खड़े होकर ही इस आसन को करें।
तिर्यक ताड़ासन
इस आसन को करते समय आप तिर्यक ताड़ासन भी कर सकते हैं। इसमें आप पैरों की अंगुलियों को ऊपर की ओर उठाते हुए और हाथ को ऊपर की ओर खींचते हुए शरीर को पहले दायीं ओर और फिर बायीं और झुकाइए। झुकने की गति कमर से होनी चाहिए। दोनों तरफ दस-दस बार झुकिए।