दिल क्या है – इसके कार्य, संरचना और बीमारियां

मानव शरीर का अति महत्त्वपूर्ण अंग ह्रदय / दिल एक पेशीय (Muscular) अंग है जो आपके मुट्ठी (Fist) के आकार का होता है। यह शरीर में वक्ष भाग में थोड़ा बाईं ओर अधर तल की ओर स्थित होता है। इसके महत्व का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि किसी के भी ह्रदय का पूर्णरूप से कार्य करना बंद होने का अर्थ होता है उसकी मृत्यु हो जाना। यह जीवनपर्यन्त धड़कता रहता है।

हृदय / दिल के कार्य

ह्र्दय को हम रक्त संचार प्रणाली (Circulatory System) का केंद्र कहते हैं। यही वह अंग है जो रक्त वाहिकाओं के धमनियों और नसों के जरिए शरीर के विभिन्न भागों में रक्त पहुंचाता है। हृदय शरीर के अंगों में रक्त को पम्प करने का कार्य करता है। जिसकी वजह से हृदय हर समय फैलता तथा सिकुड़ता रहता है।
अगर आसान शब्दों में कहे तो आपके स्वास्थ्य में ह्र्दय की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। कहने का मतलब यह है कि आपके शरीर में जो कुछ भी हो रहा है उसमें ह्रदय की बड़ी भूमिका है। अगर आपका ह्रदय पंपिंग करना बंद कर दे तो आपके पूरे शरीर में रक्त प्रभाव हो नहीं सकता। एक चीज और जब ह्रदय चलता है तो आपके शरीर के अंगों को रक्त के जरिए ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिलते रहते हैं, जिससे आपके अंग काम करते हैं।

अगर आपका ह्रदय स्वस्थ्य है तो यह रक्त को आपके शरीर में जितना जरूरत है उतना पहुंचाता है। वहीं अगर आपके ह्र्दय में कोई बीमारी या खराबी है तो आपके शरीर के अंगों को पर्याप्त मात्रा में रक्त नहीं मिल पाता।

हृदय / दिल की संरचना
एक स्वस्थ व्यक्ति का हृदय लगभग 13 सेमी लंबा तथा 9 सेमी चौड़ा होता है। हृदय का भार लगभग 300 ग्राम, रंग गहरा लाल या बैंगनी होता है। हृदय हृदयावरण से घिरा रहता है। इस थैली में हृदयवरणीय द्रव भरा रहता है, जो बाहरी आघातों से हृदय की रक्षा करता है।

हृदय / दिल की धड़कन
एक सामान्य स्वस्थ व्यक्ति का दिल एक मिनट में 72 से 80 बार तक धड़कता है। जो एक घंटे में 4,800 बार और 24 घंटे में 115,200 धड़कता है।

हृदय / दिल के चार चेंबर
ह्रदय के चार चेंबर होते है – दायां आलिंद (Right Atrium), दायां वेंट्रिकल, बायां आलिंद , बायां वेंट्रिकल (Left Atrium). इसमें आलिंद नाम का चेंबर रक्त प्राप्त करता है जबकि वेंट्रिकल नाम का चेंबर रक्त को पंप करता है।

हृदय / दिल के रोग