आधुनिक युग में हर कोई तनाव के साये में जी रहा है। सोते-जागते हर किसी को कोई न कोई बात सताती है। ऐसे में इंसान अपने शरीर को कई बीमारियों का गढ़ बना लेता है। अगर आप भी इस तनावयुक्त अवस्था से पीड़ित हैं तो आपको ऐसे आसन करना चाहिए जो आपकी शारीरिक और मानसिक थकान को दूर करें।
शवासन कैसे करे Savasana Kaise Kare
सबसे पहले पीठ के बल लेट जाइए और दोनों भुजाओं को शरीर के बगल में रखिए तथा हथेलियां उपर की ओर खुली रखें। पैरों को एक दूसरे से थोड़ा दूर कर लें और आखों को बंद कर लीजिए। इसके बाद शरीर को ढीला छोड़ दीजिए। इस अवस्था में ये ध्यान रखिए कि आपका शरीर हिले ना।
इसके बाद श्वास को सहज होने दीजिए तथा मस्तिष्क को श्वास-प्रश्वास के प्रति जागरुक होने दीजिए। आपका ध्यान दूसरी जगह न जाए इसके लिए श्वास-प्रश्वास की गिनती कीजिए। यदि अभ्यासी अपने मन को कुछ समय के लिए स्थिर करके अपनी श्वास के प्रति जागरुक रहे तो निश्चित तौर पर उसका शरीर और मन शिथिल हो जाएगा। ध्यान रहे इस आसन को करते समय श्वास पर एकाग्रता रखना बहुत ही जरूरी है।
विशेषज्ञों की माने तो इस आसन को करते समय श्वास सहज, स्वाभाविक और लयपूर्ण होना चाहिए। हालांकि इस आसन को करने के लिए कोई समय निर्धारित नहीं किया गया लेकिन आप इसे 15 से 20 मिनट कर सकते हैं।
इस आसन को आप दूसरे आसनों से पहले या मध्यम व गतिशील अभ्यासों के बाद और सोने से पहले कर सकते हैं।
शवासन करते वक्त सावधानी
यह एक सरल आसन है इसलिए इसे कोई भी कर सकता है, लेकिन जिन्हें पीठ की समस्या हो या पीठ पर चोट हो, वे इस आसन को न करें। इस आसन को करने से पहले विशेषज्ञों की राय जरूर लें।
Savasana ke labh – शवासन के लाभ
1. दिनभर की थकावट से आपको आराम मिलेगा।
2. मानसिक और शारीरिक रूप से आप तरोताजा होंगे।
3. तनाव से मुक्ति मिलती है, और चेतना का विकास होता है।
4. मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढाती हैं
5. इस आसन को करके आप कई गंभीर रोगों जैसे उच्च रक्तचाप, मधुमेह, मनोविकार, अवसाद, दिल की बीमारी पर नियंत्रण पा सकते हैं।
6. शवासन करने से आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती है।
7. सिरदर्द, थकान और अनिद्रा की समस्या से निजात मिलता है अगर आप नियमित रूप से शवासन करते हैं।
8. शवासन बढ़ते रक्तचाप को कम करने में सहायक है।