सांप काटने का प्राथमिक उपचार और जानकारी

बड़े शहरों में सांप काटने की समस्या नही के बराबर है। लेकिन छोटे शहरों या गांवों में यह समस्या आम है। इन छोटे शहरों में और गांवों में उचित इलाज की भी भारी कमी है। ज्यादातर लोग घरेलू उपचार, झाड़ फूंक और बाबाओं का सहारा लेते हैं। इसी वजह से कई बार इलाज के अभाव में रोगी की मौत हो जाती है। हालात यह हैं कि दुनियाभर में सांप काटने से होनी वाली मौतों में भारत का पहला स्थान आता है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार हर साल 83,000 लोग सांप के जहर का शिकार होते हैं और उनमें से 11,000 की मौत हो जाती है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक मौत का सबसे बड़ा कारण है तुरंत प्राथमिक उपचार न होना। प्राथमिक उपचार के तौर पर सबसे पहले जहर को फैलने से रोकना चाहिए और मरीज को जल्दी से जल्दी किसी स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचाना चाहिए।

इसके साथ एक शोध मे यह बात भी सामने आयी है कि कई मरीजों की सांप के जहर से नहीं बल्कि दहशत की वजह से मौत हो जाती हैं। इसलिए सांप काटने पर घबराना नहीं चाहिए धैर्य से काम लेना चाहिए। भारत में सांपों की लगभग 236 प्रजातियां हैं। इनमें से ज्यादातर सांप जहरीले नहीं होते। देश में जहरीले सांपों की 13 प्रजातियां हैं, जिनमें से चार बेहद जहरीले होते हैं- कोबरा (नाग), रस्सेल वाइपर, स्केल्ड वाइपर और करैत। 

सांप काटने का इलाज

सांप काटने पर बिल्कुल भी घबराये नहीं। सांप से दूर हट जाना चाहिए। हालांकि यह भी ध्यान देना चाहिए कि कौन से सांप ने काटा है। इससे इलाज करने में आसानी होती है। सांप के काटने वाली जगह पर कोई गहना पहने हों तो उसे उतार दें। मरीज जूते पहना हो तो उतार दें, कपड़े सुविधाजनक हों तो न उतारें। जख्म पर पट्टी बांध दें। पट्टी के लिए पेड़ की छाल, अखबार का टुकड़ा, स्लीपिंग बैग या बैकपैक फ्रेम का इस्तेमाल करें। सांप काटे जख्म से छेड़छाड़ न करें, पट्टी बांधने के बाद नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाएं। मरीज को बिल्कुल चलने न दें, क्योंकि मांसपेशियों की रगड़ से जहर तेजी से फैल सकता है। मरीज को अपने मन से एस्प्रिन या कोई दर्द निवारक दवा बिल्कुल न दें

क्या न करें

जितना ज्यादा सांप काटने प्राथमिक उपचार जरूरी है, उतना ही ज्यादा यह भी जरूरी है कि सांप काटने पर क्या नहीं करना चाहिए। कई बार समाज में व्याप्त मिथक रोगी की मौत का जिम्मेदार बनते हैं। डॉक्टरों का मानना है कि सांप काटने पर मुंह से जगह को नहीं निकालना चाहिए। यह एक तरह का समाज में व्याप्त खतरनाक मिथक है, जिसे बॉलीवुड की फिल्मों में भी खूब अपनाया गया है। दरअसल मुंह से खींचने पर जहर बहुत कम निकलता है और इसके साथ ही संक्रमण होने का भी खतरा बढ़ जाता है। वहीं कुछ लोग सांप काटने पर रक्त संचार बंद करने के लिए खूब कसकर पट्टी नहीं बांधने की सलाह देते हैं, जो कि पूरी तरह से गलत है। इनसे नसों और रक्त धमनियों को नुकसान पहुंचने का खतरा रहता है। ऐसा करन से रक्त धमनियां फट सकती हैं और मरीज को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती हैं।