गर्भावस्था में क्या करे और क्या न करे

एक महिला के लिए बच्चे को जन्म देना काफी प्रसन्नता की बात होती है। गर्भावस्था में एक गर्भवती स्त्री के शरीर में कई बदलाव होते हैं। होनी वाली मां को कई चीजों से परहेज के साथ-साथ कई अन्य बातों का ध्यान भी रखना चाहिए। तो आइए जानते हैं कि आपको गर्भावस्था में क्या नहीं करना चाहिए और क्या करना चाहिए।

गर्भावस्था में क्या करे और क्या न करें

पोषण

अपनी डाइट चार्ट में पौष्टिक तत्वों, जैसे वसा, कैलोरी, प्रोटीन, विटामिन आदि को शामिल करें। अपने आहार में ख़राब या हानिकारक खाना शामिल ना करें। जितना संभव हो, अपने खाने में पौष्टिक खाद्य पदार्थ खाएं।

गर्भावस्था में व्यायाम

गर्भावस्था में व्यायाम से थकान और अनिंद्रा की शिकायत दूर होती है। गर्भावस्था के शुरूआत में हल्के-फुल्के व्यायाम करना बेहतर होता है। गर्भावस्था के दौरान होने वाले दर्द और तकलीफों से निजात पाने के लिए व्यायाम करना अच्छा है। गर्भावस्था में नियमित व्यायाम महिलाओं को अवसाद और तनाव से दूर रखने में मदद करता है।

क्या ना खाएं

खाने में कम से कम नमक का प्रयोग करें। नमक का ज्यादा प्रयोग करने से वजन कम होता है, और रक्तचाप भी बढ़ता है। जंक फ़ूड जैसे बर्गर, हॉटडॉग आदि का सेवन करने से बचें। गर्भावस्था के दौरान कच्चे और बिना पके खाद्य पदार्थ, सब्जियां न खाएं। इन्हें खाने से पहले अच्छी तरह से धो लें। गर्भावस्था के दौरान पारा युक्त मछली का भी सेवन करने से बचना चाहिए, क्योंकि ये बच्चे के मस्तिष्क के विकास में समस्या पैदा करते है।

भार बढ़ना

जब कोई महिला प्रेग्नेंट होती है तो उसके शरीर में सामान्य महिलाओं से अलग कई तरह के बदलाव होते हैं, जिसमें से अचानक वजन बढ़ना भी शामिल है। गर्भावस्थ के दौरान महिलाओं का 7 से 18 किलो वजन बढ़ना आम बात होती है। यदि आपका वजन कम है तो इसे बढ़ाने की कोशिश कीजिए, नहीं तो प्रसव के दौरान आपको समस्या हो सकती है। इसके अलावा यदि वजन में अधिक बढ़ावा होता है, तो आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

प्रसव पूर्व देखभाल

भारी वज़न, जैसे कि पानी से भरी बाल्टी ,सील-बट्टा ,भारी कुर्सी, बक्सा इत्यादि ना उठाएं। बहुत देर तक ना खड़े रहे। यदि आपको रसोई में बहुत देर तक खड़ा होना पड़ता है तो वहां एक कुर्सी रख लें। इसके अलावा सीढ़ियों का प्रयोग कम से कम करें। यदि आप निचली मंजिल पर नहीं रहती हैं तो कोशिश करें कि एक ही बार में अपने सारे काम निपटा लीजिये। इसके अलावा सीढ़ियां, रेलिंग पकड़ कर ही उतरें। हील वाली सैंडल या चप्पल ना पहनें। हमेशा बिना हील वाली चप्पल ही पहनें।

विटामिन

विटामिन-ए बांझपन को कम करने के लिए एक उपयोगी विटामिन है। महिलाओं में विटामिन ए की कमी शरीर में प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन के स्तर को प्रभावित करती है। गर्भावस्था में विटामिन सी इम्यून में सुधार के द्वारा संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। विटामिन-सी लोहे के अवशोषण और गर्भवती होने के लिए आवश्यक है।

विटामिन-ई, महिलाओं में मासिक धर्म प्रवाह को नियंत्रित करता है, इस प्रकार यह प्रजनन क्षमता को बढ़ावा देता है। अनुसंधान बताता है कि महिलाओं में हर दिन फोलिक एसिड की जरूरी मात्रा लेने से प्रजनन क्षमता में वृद्धि होती है और भ्रूण में मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की बीमारियों में कमी होती है।

गर्भावस्था के दौरान बुरी आदतों को कम करे

महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान शराब नहीं पीने चाहिए क्योंकि यह भ्रूण में मस्तिष्क सम्बन्धी गंभीर समस्याएं पैदा करता है। शराब और कैफीन के सेवन से आपके होने वाले बच्चे के वज़न, दिमाग, आंखों पर ख़राब असर पड़ता है। गर्भावस्था के दौरान डॉक्टरों द्वारा धूम्रपान भी प्रतिबंधित होता है, जो कि मां और भ्रूण में कई फेफड़ों संबंधी समस्याओं का कारण बनता है।