आयरन की खुराक विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है जिन्हें एनीमिया हैं। यह आयरन आप डॉक्टर की सलाह पर टैबलेट के रूप में ले सकती हैं या फिर डाइट के रूप में खा सकती हैं। लेकिन गर्भावस्था में आयरन कब लेना चाहिए यह महिला को पता होना चाहिए।
गर्भावस्था में आयरन कब लेना चाहिए
बहुत सी गर्भवती महिलाएं आयरन की खुराक लेती हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि गर्भावस्था के दौरान उनके शरीर को अधिक आयरन की जरूरत होती है। अब यह सवाल उठता है कि प्रेग्नेंसी में आयरन कब लेना चाहिए।
यह सवाल गर्भावस्था में महिला के सामने जरूर आता है। इसका सही जवाब अगर किसी को पता है, तो वह आपका डॉक्टर, क्योंकि डॉक्टर ही आपके शरीर की जांच पड़ताल करके बताएगा कि गर्भावस्था में आयरन कब लेना चाहिए। वैसे एक्सपर्ट बताते हैं कि आप एक दिन में 30 एमजी लो डोज आयरन सप्लीमेंट ले सकती हैं। यह कब लेना है यह आपका डॉक्टर बताएगा।
आयरन क्या है
आयरन एक खनिज है जो कई प्रोटीन और एंजाइम में पाया जाता है जो शरीर के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। हमारे शरीर में अधिकांश आयरन हीमोग्लोबिन में पाए जाते हैं। हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं के अंदर पाए जाने वाला पिगमेंट है। लाल रक्त कोशिकाओं में पिगमेंट हीमोग्लोबिन शरीर में सभी ऊतकों और अंगों को ऑक्सीजन भेजता है।
यदि रक्त में पर्याप्त आयरन नहीं है, तो रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा भी घट जाती है। इससे कोशिकाओं और अंगों को ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो सकती है। हीमोग्लोबिन का लो स्तर एनीमिया के रूप में भी जाना जाता है।
गर्भावस्था में आयरन की जरूरत क्यों होती है
अक्सर देखा गया है कि गर्भवती महिलाओं को एनीमिया को रोकने के लिए आयरन की खुराक लेने की सलाह दी जाती है ताकि खून की कमी की वजह से बच्चे पर बुरा असर न पडे।
दरअसल गर्भावस्था के दौरान, आपका शरीर आपके बच्चे के विकास के लिए अधिक खून पैदा करता है। यदि आपको पर्याप्त आयरन या कुछ अन्य पोषक तत्व नहीं मिल रहा हैं, तो आपका शरीर अतिरिक्त रक्त को बनाने के लिए लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करने में सक्षम नहीं हो पाता है। इसलिए गर्भावस्था में आयरन की जरूरत होती है।
गर्भावस्था में आयरन के फायदे
आपका शरीर गर्भावस्था के दौरान आपके और आपके बच्चे के लिए अतिरिक्त रक्त (हीमोग्लोबिन) बनाने के लिए आयरन का उपयोग करता है।
आयरन आपके फेफड़ों से आपके शरीर के शेष हिस्से तक ऑक्सीजन को स्थानांतरित करने में मदद करता है और यही काम वह आपके बच्चे के लिए भी करता है। गर्भावस्था में आयरन का फायदा यह है कि इससे आपके शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं (रेड ब्लड सेल्स) की कमी को रोका जा सकता है।
गर्भावस्था में आयरन की कमी के नुकसान
अगर गर्भावस्था के दौरान आपके शरीर में आयरन की कमी होती है तो इससे आपका शरीर लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन नहीं कर पाता है। शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं नहीं बनते तो आप थका हुआ महसूस करते हैं और यह एनीमिया होने का लक्षण भी हो सकता है। डॉक्टर के मुताबिक एनीमिया होने से आपका बच्चा बहुत छोटा या बहुत जल्दी पैदा हो सकता है।
आयरन के स्रोत
आप आयरन के लिए हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन कर सकती है जैसे पालक, फूलगोभी का हरा हिस्सा, शलगम का साग, पुदीना, मूली के पत्ते, प्याज की कलियां, सरसों का साग और मेथी आदि। ये हरी पत्तेदार सब्जियां आयरन के अच्छे स्रोत है। इसलिए इन्हें किसी न किसी रूप में प्रतिदिन अपने आहार में शामिल करने कोशिश करना चाहिए।
इन सब्जियों के अलावा चुकंदर, नारियल, कद्दू के बीज, सरसों के बीज, तिल, पिस्ता, कद्दू, शकरकंदी काजू, किशमिश, साबुत धनिया, सोयाबीन, लोबिया, राजमा, सूखी मटर, छोले, साबुत काले चने और अन्य दालें का प्रयोग करना चाहिए।