विटामिन ई की पूरी जानकारी से पहले, हम अपनी बात एक साधारण से सवाल से शुरू करते हैं कि विटामिन क्या है ? या जब हम कहते हैं कि हमारे शरीर में विटामिन की कमी है तो इसका क्या अर्थ होता है?विटामिन क्या है? यह क्यों जरुरी हैं? विटामिन किन चीजों से मिलकर बना होता है? यह हमें कैसे प्राप्त होता है साथ ही हम इसे किस रूप में ग्रहण करते हैं? इसका पहला जवाब तो यह है कि विटामिन ऐसे पोषक और जैविक पदार्थ होते हैं जो हमारे शरीर के प्रभावी विकास को सुनिश्चित करते हैं।
मानव शरीर को क्रम में बनाए रखने के लिए सभी प्रकार के विटमिन की आवश्यकता होती है विटामिन ( Vitamin ) भोजन के अवयव हैं जिनकी सभी जीवों को अल्प मात्रा में आवश्यकता होती है।उस यौगिक को विटामिन कहा जाता है जो शरीर द्वारा पर्याप्त मात्रा में स्वयं उत्पन्न नहीं किया जा सकता बल्कि भोजन के रूप में लेना आवश्यक हो। क्योंकि यह हमारे शरीर द्वारा स्वयं उत्पन्न नहीं किए जा सकते इसलिए इन्हें विभिन्न पोषक तत्वों एवम् भोजन के अवयवो द्वारा प्राप्त किया जाता है। ऐसे में यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि हम अपने भोजन में कौन कौन से ऐसे तत्वों को शामिल करें जिससे हमारे शरीर का विकास सही तरीके से हो सके और साथ ही इन विटामिन की कमी से होने वाले रोगों से बचा जा सके। वैसे तो विटामिन की खोज एफ.जी. हाफकिन्स ने की थी, परन्तु इसे विटामिन का नाम फुन्क महोदय ने दिया। मुख्यतः विटामिन्स 10 प्रकार के होते है जो क्रमशः निम्नलिखित है-
- विटामिन-A,
- विटामिन-B1,
- विटामिन-B2,
- विटामिन-B5,
- विटामिन-B6,
- विटामिन-B12, नोट – विटामिन B काम्प्लेक्स में ( विटामिन-B1, B2, B5, B6, B12 और फोलिक एसिड आते है )
- विटामिन-C,
- विटामिन-D,
- विटामिन-ई,
- विटामिन-K
वैसे तो प्रकार के विटामिनों का अपना अलग अलग महत्व है लेकिन यदि बात की जाए विटामिन ई की तो यह स्वयं में अनेक गुणों की खदान है। आइए जानते हैं कैसे –
क्यों जरुरी होता है विटामिन ई
विटामिन ई उम्र बढ़ने की प्रकिया को धीमा करने, तंत्रिका के विकास करने, मांशपेशियों को मजबूत बनाने और प्रजनन क्षमता में सुधार के लिए ज़रूरी है। यह झुर्रियां रोकने में तो सहायक है, साथ ही यह बांझपन एवम नपुंसकता में भी मददगार है। वैज्ञानिकों का यह भी दावा है कि यह अल्जाइमर की रोकथाम में भी बहुत सहायक है। विटामिन ई सभी उम्र के लोगों के लिए लाभकारी है क्योंकि यह एंटी-ऑक्सीडेंट प्रकार का विटामिन है और व्यायाम, खेल कूद के दौरान उत्पन्न होने वाली आक्सीकरणीय नुकसान को रोकने में मदद करता है।
शरीर को स्वनस्थन रखने के लिए बड़े लोगों को रोजाना 15 एमजी और बच्चोंत को 6 से 7 एमजी की ज़रूरत होती है। इसके कम मात्रा से विटामिन ई की कमी हो सकती है। कई लोग एक लंबे समय तक कम वसा वाला खाना खाते हैं, जिस कारण उन्हेंक विटामिन ई की कमी हो जाती है। इस तरह की डाइट से अन्या विटामिन की कमी भी हो सकती है। इसके अलावा अगर आपको इस तरह के खाने से विटामिन ई की कमी नहीं है, तो इसके पीछे कई तरह की बीमारियां जैसे क्रोह्न (Crohn) या गैलब्लेटडर डिसऑर्डर (gallbladdईr disordईrs) भी हो सकती हैं।
विटामिन ई की कमी के लक्षण
1. मांसपेशियों में कमजोरी हो जाती है
इसकी कमी के सबसे बड़े लक्षणों में मायोपैथी और मांसपेशियों में कमजोरी है। विशेषज्ञों के अनुसार मायोपैथी मसल्सस फाइबर का परिणाम है, जो समय के साथ कमजोर हो जाते हैं। शरीर में विटामिन ई और सेलेनियम की कमी से मायोपैथी का मामला गंभीर हो सकता है और इससे लिपिड पेरॉक्सीेडेशन भी हो सकता है।
2. नजर कमजोर हो जाना
विटामिन ई की कमी से आंखों का रेटिना और उसका डिजेनरेशन पतला हो सकता है। डिजेनरेशन से आंखों की अंदर परत प्रभावित होती है। इसके अलावा विटामिन ई की कमी से आपको धुंधला दिखेगा और रात के समय ठीक से नहीं दिखेगा।
3. न्युरोलोजिकल समस्या
बच्चों और व्यस्क लोगों में विटामिन ई के आभाव में दिमाग की नसों या न्युरोलोजिकल समस्या हो सकती है।
4. खून की कमी
खून में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी के चलते खून की कमी हो जाती है। रेड ब्लंड सेल के जरिए हीमोग्लोबिन की मदद से शरीर में अन्य क्षेत्रों के लिए ऑक्सीजन परिवहन में मदद मिलती है। हेमोलिटिक एनीमिया में लाल रक्तक कोशिकाएं आसामान्यि रूप से कम हो जाती हैं, जिससे विटामिन ई की कमी हो सकती है। विटामिन ई की कमी से जन्म के समय बच्चेन का वजन कम हो सकता है। विटामिन ई की कमी को पूरा करने के लिए उन्हेंो टोकोफेरोल ट्रीटमेंट दिया जा सकता है। समय से पहले हुए या अपरिपक्व नवजात शिशु में विटामिन ई की कमी से खून की कमी हो जाती है इससे उनमें एनीमिया हो सकता है।
5. तंत्रिका संबंधी परेशानी
विटामिन ई की कमी से सेंट्रल नर्वस सिस्टमम की प्रक्रिया बाधित हो सकती है। इसकी कमी से आपके हाथ और पैर का विकार बिगड़ सकता है, आप बीमार महसूस करेंगे और आप संतुलन खो सकते हैं। विटामिन ई में एंटीऑक्सीडेंट गुण हैं, जो ऑक्सिडेटिव तनाव के कारण शरीर को प्रभावित होने से रोकते हैं।
5. बालों का तेज़ी से झड़ना
विटामिन ई से भरपूर भोजन तेजी से झड़ते बालों के प्रभाव को कम करने में मददगार साबित होता है यदि आप बिना किसी कारण तेज़ी से गिरते बालों का अनुभव करते हैं, तो यह निश्चित तौर पर इस बात का संकेत है कि आप लगातार विटामिन ई की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
6. रुखी और बेजान त्वचा
रुखी यूँ तो खास मौसम का परिणाम होती है विशेषकर इसको शर्दियों के मौसम के साथ जोड़ा जाता है। परन्तु यदि विटामिन ई की कमी हो जाए तो यह कोई आश्चर्य की बात नहीं की इसे अन्य मौसम में भी महसूस किया जा सकता है।
7. हार्मोन्स में गड़बड़ी
किसी भी प्रकार से हार्मोनल असंतुलन आपके शरीर में कहर बनकर टूट सकता है। ऐसे में यह पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि शरीर में यह असंतुलन या गड़बड़ी किस वजह से है। इसका एक कारण विटामिन ई की कमी भी हो सकता है।
विटामिन ई के स्रोत
- हरी साग,
- पत्तेदार सब्जियां,
- रोस्टेड मेवे,
- शकरगंद,
- शलगम,
- अंडा,
- आम,
- ब्रोकली,
- वीट,
- ग्रेन्स,
- बीन्स
ऊपर दिए गए सारे पदार्थों में विटामिन ई पाया जाता है। इन सब के सेवन से शरीर में विटामिन ई की कमी को पूरा किया जा सकता है।