विटामिन आपके शरीर की ग्रोथ में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। ये मेटाबॉलिज्म, इम्यूनिटी और पाचन जैसे शारीरिक कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विटामिन डी भी उन्हीं में से एक है। आइए जानते हैं विटामिन डी के बारे में..
विटामिन डी क्या है ?
विटामिन डी, जिसे हम “सनशाइन विटामिन” के नाम से भी जानते हैं। यह शरीर के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। इसका सक्रिय रूप, जिसे कैल्सिट्रियोल कहा जाता है, शरीर में एक हार्मोन की तरह व्यवहार करता है। गर्मियों में सूर्य प्रकाश के 10 से 15 मिनट के एक्सपोजर से शरीर 10,000 आईयू या उससे अधिक विटामिन डी का उत्पादन कर सकता है। विटामिन डी हड्डियों को स्वस्थ्य बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
सूरज की रोशनी के अलावा कुछ प्राकृतिक खाद्य स्रोत हैं जिनमें विटामिन डी शामिल हैं, जिसमें दूध और दूध से बने खाद्य पदार्थ विटामिन डी की कमी को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। गाजर, सॉल्म न और टुना फिश से भी हमें विटामिन डी मिलता है। साक्ष्य बताते हैं कि विटामिन डी के उच्च स्तर वाले लोग लंबी उम्र तक जीवन जी सकते हैं।
विटामिन डी की आवश्यकता क्यों है ?
विटामिन डी से हमारे शरीर और हड्डियों को बहुत ही फायदा मिलता है, लेकिन क्या आपको पता है कि हमारे शरीर को विटामिन डी की आवश्यकता पड़ती है।
पूरे शरीर में विटामिन डी रिसेप्टर्स की मौजूदगी विटामिन के महत्व पर संकेत करती है। अनुसंधान से पता चलता है कि विटामिन डी प्रतिरक्षा प्रणाली, मस्तिष्क, हृदय और रक्त वाहिकाओं के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कई डॉक्टर अब अपने रोगियों के विटामिन डी के लेवल की निगरानी करते हैं और जब यही लेवल कम होता है विटामिन डी सप्लिमेंट की सलाह देते हैं। विटामिन डी की कमी, कई बीमारियों और परिस्थितियों को विकसित करने के जोखिम बढ़ा सकती है।
विटामिन डी की कमी से होने वाले रोग
ऑटोइम्यून रोग जैसे टाइप 1 डायबिटीज़, मल्टीपल स्केलेरोसिस, और रुमेटीइड अर्थराइटिस विटामिन डी की कमी से जुड़े हुए हो सकते हैं। ऑटोइम्यून रोग तब होता है जब प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर के अपने ऊतकों पर हमला करता है। इसके अलावा विटामिन डी की कमी टाइप 2 डायबिटीज़, ऑस्टियोपोरोसिस, हृदय रोग, मनोदशा विकार, और यहां तक कि कुछ प्रकार के कैंसर के जोखिम से भी जुड़ा हुआ है।
कैसे पूरी की जाए विटामिन डी की कमी को ?
- विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए आपको सूरज की रोशनी प्राप्त होनी चाहिए। लेकिन इसमें दोपहर की धूप नहीं, सुबह की धूप फायदेमंद होती है। इससे चर्म रोग होने का खतरा भी कम हो जाता है।
- बॉडी मास और सनस्क्रीन का उपयोग भी विटामिन डी की कमी में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
- विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए आप डाइट भी ले सकते हैं। इसमें आप दूध और उससे बने प्रोडक्ट को शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा सॉल्मन और टुना मछली तथा अंडा को अपने आहार में शामिल करें।
- शरीर में विटामिन डी की कमी न हो इसलिए आप सब्जियों का भी सेवन कर सकते हैं। इसके लिए आप गाजर, मशरूम खा सकते हैं। आप जैतून का तेल विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए इस्तेमाल कीजिए।