त्रिवंग भस्म क्या है, जानें इसके लाभ

त्रिवंग भस्म तीन धातुओं द्वारा बनती है। यह भस्म जिन धातुओं से तैयार होती है वो हैं सीसा, टिन और जिंक। इस भस्म का प्रयोग हम मधुमेह, गर्भ में कमजोरी, शारीरिक कमजोरी, मूत्रवाहिनी की कमजोरी, प्रेमेह, मूत्रपिंड, मोटापा, अस्थमा, एनीमिया आदि के लिए करते हैं। इसका सेवन करने से शरीर की कोशिकाओं को पोषण मिलता है और यह शरीर को आवश्यक खनिज प्रदान करता है। इस भस्म का उपयोग बहुत ही कम मात्रा में किया जाता है।

त्रिवंग भस्म सामान्य थकान और कमजोरी को दूर करने के एक अचूक दवा के रूप में काम करती है। यह हमारी सेहत के लिए बहुत ही अच्छा टॉनिक है।

त्रिवंग भस्म के घटक

वंग टिन
नाग लेड या सीसा
यशद जस्ता या जिंक

वंग के आयुर्वेद गुण

त्रिवंग भस्म स्वाद में कड़वी, गुण में हल्की और रुखी है। इसकी तसीर गर्म होती है। यह ऐसी औषधि है, जिसका रस तिक्त होता है। तिक्त रस वह रस होता है जिसको जीभ पर रखने से कष्ट होता हो तिक्त । इसका स्वाद कडवा होने के कारण बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता। यह स्वय अरुचिकर होते हुए भी ज्वर आदि बीमारयों के कारण पैदा हुए अरुचि को दूर करने में मदद करता है।
यह कृमि, जलन ,ज्वर, बिष, कुष्ठ, मूर्छ, जी मचलना, कफन आदि रोगों का नाश करता है। यह मल, मूत्र, वसा, चर्बी आदि को सूखाता है। तिक्त रस का अधिक सेवन करने से धातु क्षय और वातविकार हो सकता है।

त्रिवंग भस्म बनाने की विधि

त्रिवंग भस्म बनाने के लिए हमें सबसे पहले बराबर मात्रा में शुद्द नाग, शुद्द जस्ता और शुद्द वंग को लेते हैं। इसे लोहे के बर्तन में लेकर धीमी आंच में पकाएं। भांग और अफीम पोसते का पाउडर कम मात्रा में लगातार मिश्रण में डालकर इसे लोहे को कलछी से इसे लगातार चलाया जाता है। इसे तब तक किया जाता है जब तक सभी धातुएं एक राख का रूप धारण नहीं कर लेती। अब लोहे के बर्तन को कवर करके 10 से 15 मिनट तक उच्च ताप पर पकाया जाता है।

जब मिश्रण गहरे लाल रंग का हो जाएँ तब ताप को कम करके इसे ठंडा होने के लिए रख दिया जाता है। बाद में इसे मुलायम कपड़े से छानकर एलोवेरा के जूस में मिक्स कर दिया जाता है। जब यह सुख जाता है तब यह भस्म पीले रंग की तैयार हो जाती है।

त्रिवंग भस्म के लाभ

#1 टॉनिक
यह शरीर की थकान और कमजोरी को दूर करने वाला एक सामान्य टॉनिक है। इसका सेवन करने से शरीर में ताकत और शक्ति प्रदान होती है। इससे हमारा शरीर पुष्ट रहता है।

#2 प्रतिरोधक क्षमता को बढाएं
यह हमारे शरीर में संक्रामक रोगों के खिलाफ खड़े होकर प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है।

#3 हड्डीयों और मांसपेशियों के लिए
इसका सेवन करने से हड्डियों और मांसपेशियों में शक्ति प्रदान होती है। इसके अतिरिक्त यह शरीर के सभी अंगों को ताकत प्रदान करता है।

#4 खून की कमी को दूर करें
शरीर में खून की कमी आ जाने पर जब हम इसका नियमित रूप से सेवन करते हैं, तब हमारे शरीर से खून की कमी दूर हो जाती है।

#5 गठिया रोग
त्रिवंग भस्म का गठिया रोग के लिए गुणकारी होती है। इसका नियमित रूप से सेवन करने से गठिया की शिकायत दूर हो जाती है।

#6 मधुमेह
मधुमेह अर्थात डायबिटीज रोगियों के लिए लाभकारी होती है। इसके अतिरिक्त यह प्रमेह की दिक्कतों में भी लाभदायक होती है।

#7 सूजन
शरीर में सूजन आने पर इसका प्रयोग करने से सूजन को कम किया जा सकता है। यह दर्द निवारण होती है।

#8 स्त्रियों के लिए
यह गर्भाशय में दोष, अधिक मासिक आना, मासिक में दर्द आदि में गुणकारी होती है।

#9 पुरुषों के लिए
यह पुरुषों में पाए जाने वाले दोष जैसे प्रमेह, शुक्रमेह, स्वप्नदोष, शीघ्रपतन, वीर्यस्त्राव आदि में लाभकारी होती है।