पपीते के पत्ते का जूस और फायदे

पेट, आंख और त्वचा के लिए फायदेमंद पपीता विटामिन ए, बी और सी तथा फाइबर का बहुत ही अच्छा स्रोत है। पपीता स्वास्थ्य के लिए लाभकारी तो है ही, साथ ही पपीते के पत्ते का जूस भी आपके सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद है। जहां एक ओर पका पपीता फल के रूप में इस्तेमाल होता है, तो वहीं दूसरी ओर हरा पपीपा सब्जी के रूप में बनाकर खाया जाता है। इसके सेवन से न केवल गर्भवती स्त्रियों को शक्ति मिलती है बल्कि प्रसव के बाद स्तन में दूध की वद्धि भी होती है। जो लोग पपीता खाने के शौकीन हैं उन्हें इसके पत्ते का जूस भी पीना चाहिए। आइए जानते हैं पपीते के पत्ते के जूस के फायदों के बारे में…

डेंगू में रामबाण
पपीते के पत्ते का महत्व वह लोग ज्यादा जानते होंगे जो कभी डेंगू की बीमारी से ग्रसित हो चुके हैं। डेंगू बीमारी में इसकी मांग बढ़ जाती है। हर कोई पपीते का जूस पीने की सलाह देता है। डेंगू बीमारी में पपीते के पत्ते का जूस गिरते हुए प्लेटलेट को बढ़ाने, खून के थक्के जमने से रोकती है, जो कि डेंगू वायरस के कारण हो जाता है। यही नहीं पपीते का पत्ता मच्छर जनित बीमारी ‘मलेरिया’ से लड़ने में प्रभावकारी है।

मुंहासे को करे दूर
युवावस्था में त्वचा या चेहरे पर मुंहासे, छोटे-छोटे दाने निकलना एक सामान्य सी बात है। ऐसी स्थिति में पपीते के पत्ते के साथ थोड़ा पानी मिलाएं और उसका पेस्ट बना लें। फिर इस पेस्ट को चेहरे पर लगाकर सुखा लें और फिर पानी से धो लें। आप देखेंगे कि मुंहासों से आपको जल्दी छुटकारा मिल रहा है।

महामारी में लाभकारी
महामारी रोकने या महामारी संबंधित समस्याओं में महिला को बहुत पीड़ा होती है। ऐसे समय में होने वाले दर्द को दूर करने के लिए एक काढ़ा बनाइए। इसके लिए एक पपीते की पत्ती को इमली, नमक और एक गिलास पानी के साथ मिक्स कीजिए और इसे उबालिए। तथा ठंडा होने के बाद पीजिए।

रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाए
छोटी-मोटी ऐसी कई बीमारियां शरीर से दूर रहे इसके लिए आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता दुरुस्त रहनी चाहिए। रोग प्रतिरोधक क्षमता शरीर के लिए एक सुरक्षा कवच है। इसके कमजोर होने से व्यक्ति रोग की चपेट में आ जाता है। पपीते के पत्तियों में जीवाणुओं के हमले से लड़ने की शक्ति होती है। यह खून में व्हाइट ब्लडसेल्स और प्लेटलेट्स को बढ़ा देती है।

हानिकारक बैक्टीरिया से बचाए
व्यक्ति के शरीर में कई तरह के संक्रामक रोग पाए जाते हैं, इनमें से हानिकारक बैक्टीरिया द्वारा होने वाले कई रोग भी शामिल है। पपीते की पत्तियों में 50 एक्टिव सामग्रियां होती हैं जो कि सूक्ष्मजीवों जैसे फंगस, कीड़े, परजीवी और कैंसर कोशिकाओं के विभिन्न अन्य रूपों को बढ़ने से रोकती हैं।