अक्सर देखा गया है कि शहरों में कुछ लोग हफ्ते में एक बार जरूर तैरते हैं। इसके पीछे का मकसद है खुद को फिट रखना। आजकल कुछ स्कूलों में बच्चों के सलेबस में तैराकी को शामिल किया जाता है.
हेल्थ टिप्स हिन्दी
जाने हेल्थ टिप्स हिन्दी या सेहत बनाने के घरेलू तरीके जो आपको बताएगा सेहत कैसे बनाए और सेहत का राज और सभी सेहत टिप्स, get all health tips in hindi which includes home health tips.
कान में इन्फेक्शन के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार
कान हमारे शरीर की उन इन्द्रियों में से एक है जो बहुत ही नाजुक होती है इसलिए हमें इसकी देखभाल बहुत ही अच्छे तरीके से करनी पडती है नहीं तो हमें बहुत सी भयानक बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है.
ना नहाने के नुकसान
ऐसे मौसम में लोग दिन के सभी जरूरी काम करेंगे लेकिन नहाना पसंद नहीं करेंगे। यदि आप भी ऐसा करते हैं तो आपको कई तरह के नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
छाछ पीने के फायदे
बहुत जगहों में छाछ को मट्ठा या तक्र भी कहते हैं। यह एक ऐसा पेय पदार्थ है जो दही से बनता है। मूलत: दही को मथनी से मथकर घी निकालने के बाद बचे हुए द्रव को मट्ठा या छाछ कहते थे।
ऑफिस की थकान को दूर करने के उपाय
अगर आप को किसी प्रकार की जिम्मेदारी है या फिर कोई काम है, तो आपको थकान होती है। थकान दो तरह की होती है शारीरिक थकान और मानसिक थकान।
नहाने का सही तरीका जाने
हमारे शास्त्रों में स्नान करने का विशेष महत्व है, जिसके अनुसार स्नान करने से पहले आप कोई कार्य करते हैं वह कार्य अशुद्ध माना जाता है।
प्रदूषण से बचने के उपाय
बढ़ते प्रदूषण की वजह से लोग काफी परेशान है। सबसे ज्यादा दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के कारण हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। सरकार के प्रयास बेजान से सिद्ध हो रहे हैं।
सर्दियों में क्या खाएं
यदि हम इसमें अपने खानपान का सही से ध्यान रखें, तो बहुत सी बीमारियों से बचा जा सकता है। सर्दियों में यदि खानपान पर विशेष ध्यान दिया जाए तो शरीर संतुलित रहता है।
वायु प्रदूषण के नुकसान
इस बार दिल्ली में प्रदूषण का 17 सालों का रिकॉर्ड टूटा है। फिलहाल इसकी गंभीरता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि दिल्ली में तीन दिन तक स्कूल बंद करने का फैसला लिया गया है।
वातावरण में ‘जहरीली हवा’ को रोकने के तरीके
प्राचीन सभ्यता से ही हमारे देश में हवा, पानी, पेड़-पौधे और पहाड़ों की पूजा होती रही है। यही नहीं इनको संरक्षित रखने के लिए कुछ दशक पहले और आज भी लोग आंदोलन कर रहे हैं।