अचानक से होने वाले मुंह का अल्सर यानी मुंह के छाले हमेशा ही परेशान करते हैं। मुंह का अल्सर होने से सबसे ज्यादा दिक्क्त हमें खाने पीने में होती है। आम समस्या होने के नाते इसकी पहचान या लक्षणों को आसानी से जाना जा सकता है। यदि आप के होठों, मसूढ़े और मुंह के किसी अन्य हिस्सों में कोई सफेद घाव दिखे या कभी-कभी मुंह से खून आ जाए, तो आपको तुरंत अपने चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। आइए जानते हैं मुंह का अल्सर क्या है और इसके कारण और उपचारों के बारे में…
क्या है मुंह का अल्सर ?
मुंह का अल्सर एक नासूर घावों के रूप में जाना जाता है। सामान्य रूप से यह छोटे और दर्दनाक घाव होते हैं, जो आपके होंठ या मसूड़ों पर विकसित होते हैं। मुंह के अल्सर की वजह से खाने-पीने में बहुत असुविधा होती है। मुंह के अल्सर के विकास के लिए कई कारण हैं, जिसमें परिवार का इतिहास भी शामिल है।
वैसे आपको बता दें मुंह का अल्सर संक्रामक नहीं होते हैं और आमतौर पर एक से दो सप्ताह के भीतर चले जाते हैं। हालांकि, यदि आपको यह विकार काफी लंबे समय तक है तो आपको जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
मुंह के अल्सर के कारण ?
- दंत चिकित्सक के काम से मामूली मुंह की चोट या फिर खेल की चोट आदि।
- टूथपेस्ट्स और मुंह में रिक्सेस जिसमें सोडियम लॉरिल सल्फेट होते हैं।
- स्ट्रॉबेरी, खट्टे, और अनानास जैसे अम्लीय खाद्य पदार्थ का ज्यादा सेवन। इसके अलावा चॉकलेट और कॉफी जैसे अन्य खाद्य पदार्थ भी शामिल है।
- आवश्यक विटामिन की कमी, विशेष रूप से बी12। इसके अलावा जस्ता, फोलेट, और आयरन की कमी।
- मासिक धर्म के दौरान हार्मोनल परिवर्तन।
- भावनात्मक तनाव या नींद की कमी।
- बैक्टीरिया, वायरल, या फंगल संक्रमण।
- खाने के बाद अपने दांतों की सही तरीके से सफाई नहीं करते हैं।
- यदि आप ज्यादा तला और मसालेदार खाना खाते हैं।
मुंह के अल्सर के लक्षण
- इसमें खाते और पीते समय असहनीय दर्द होना।
- घावों का तीन सप्ताह से अधिक जारी रहना।
- अक्सर थकावट महसूस होना।
- खाने और पीने में गंभीर समस्याएं।
- स्वाभाव में चिडचिड़ापन बढ़ जाता है।
- घाव में लालपन दिखता है।
- उच्च बुखार या दस्त जब भी नासूर घाव दिखाई देते हैं।
मुंह के अल्सर को दूर करने के घरेलू उपाय और इलाज
- खारे पानी और बेकिंग सोडा से कुल्ला करना।
- आप नासूर घावों पर बर्फ लगा सकते हैं।
- अपने मुंह अल्सर पर नम टी बैग रखना।
- फोलिक एसिड, विटामिन बी 6, विटामिन बी 12 और जस्त जैसे पोषक तत्वों की खुराक लेना।
- प्राकृतिक उपचार की कोशिश करना जैसे कि कैमोमाइल चाय, इचिनासेआ, मिर्र, और नद्यपान आदि।
- खाने में कच्चे प्याज का प्रयोग करें और दही, बटर मिल्क तथा पनीर भी खाएं।
- गरम पानी से दिन में दो से तीन बार गरारे करें। इस दौरान आप तुलसी के कुछ पत्ते भी चबा सकते हैं।
- आहार में ज्यादा से ज्यादा फलों का सेवन करें और खूब पानी पिएं।
मुंह के अल्सर – क्या ना खाएं
1. ज्यादा मसालेदार और तली-भुनी चीजें खाने से बचें।
2. मुंह के अल्सर को दूर करने के लिए मांसाहारी भोजन से बचें। इसमें एसिड की मात्रा काफी होती है।