मैग्नीशियम एक प्रकार का रासायनिक तत्व है, जो शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। मैग्नीशियम मानव शरीर में पाए जाने वाले पांच प्रमुख तत्वों में से एक है। पूरे शरीर में आधे से ज्यादा मैग्नीशियम हमारी हड्डियों में पाया जाता है। आमतौर पर एक स्वस्थ खाने में मैग्नीशियम की पर्याप्त मात्रा होनी जरुरी है। मैग्नीशियम की अधिकता से डायरिया और मैग्नीशियम की कमी से न्यूरो मसकूलर समस्या हो सकती है। शरीर के लिए आवश्यक मैग्नीशियम की मात्रा दवाई की बजाये खाने वाले पदार्थो से लेना ज्यादा बेहतर होता है।
मैग्नीशियम वाले आहार
- हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, ब्रोकली
- मूंगफली, काजू, बदाम, सोयाबीन
- केले, एवोकाडो
- कद्दू
- दूध, दही
- चॉकलेट
- तुलसी
- अलसी के बीज, सूरजमुखी के बीज, तरबूज के बीज
मैग्नीशियम के 6 स्वास्थ्य फायदे
अनिद्रा
मैग्नीशियम तनाव, चिंता और बहुत अधिक उत्तेजना सहित मानसिक रोगों के गंभीर रूपों का इलाज करने के लिए जाना जाता है। मैग्नीशियम एक दिमाग को शांत करने में मदद कर सकता है और आपकी मांसपेशियों को आराम दिला सकता है। मैग्नीशियम दिल की धड़कन को कम करने में मदद कर सकता है जिससे रात को अच्छी नींद आए।
माइग्रेन
कई रोगियों पर किये गए एक अध्ययन से पता चला है कि मैग्नीशियम की संतुलित मात्रा लेने से सिरदर्द और माइग्रेन या तीव्र सिरदर्द के अचानक हमले में कमी आती है। मैग्नीशियम की आपूर्ति युवक और युवतियों में माइग्रेन और सर दर्द की समस्या दूर करती है एवं फिर से माइग्रेन होने की आशंका को भी कम करती है।
मैग्नीशियम शरीर के न्यूरोट्रांसमीटर फ़ंक्शन में शामिल होता है और यह दर्द-कम करने वाले हार्मोन को खून में छोड़ता है। इन दर्द-कम करने वाले हार्मोन से रक्त वाहिकाएं कम सिकुड़ती है और इससे बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर कम होता है जिससे माइग्रेन के सिरदर्द को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
सूजन
कम मैग्नीशियम का सेवन पुरानी सूजन से जुड़ा हुआ होता है और ये सूजन बुढ़ापे, मोटापा और पुरानी बीमारी के कारणों में से एक है। खून में, कम मैग्नीशियम के स्तर वाले बच्चों में सूजन मार्कर का उच्चतम स्तर पाया गया। उनमें ब्लड शुगर, इंसुलिन और ट्राइग्लिसराइड के स्तर बहुत अधिक थे।
मैग्नीशियम की खुराक वयस्कों, मोटे लोगों और पूर्व-डायबिटीज वाले लोगों में शरीर की सूजन को कम कर सकती है। इसी तरह, उच्च मैग्नीशियम खाद्य पदार्थ शरीर की सूजन को कम कर सकते हैं। इन खाद्य पदार्थों में मछली और डार्क चॉकलेट शामिल है।
डिप्रेशन
मैग्नीशियम मस्तिष्क कार्यों और मनोदशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो अवसाद के बढ़ते लक्षणों से जुड़े होते हैं। कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि आधुनिक भोजन में मैग्नीशियम की कमी, अवसाद और मानसिक बीमारियों का कारण बन सकती है। मैग्नीशियम खाद्य-पदार्थ खाने से आपके अवसाद के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है और कुछ मामलों में परिणाम बहुत जल्दी भी आ सकते हैं।
मधुमेह
दुनियाभर में मधुमेह के रोगियों के शरीर में इन्सुलिन की कमी मधुमेह का सबसे बड़ा कारण होती हैं। संतुलित मात्रा में मैग्नीशियम युक्त आहार लेने से शरीर में इन्सुलिन बनने की प्रक्रिया बराबर रहती है। हमारे शरीर में कई एनज़ाइम्स, मैग्नीशियम के साथ मिलकर ग्लूकोस बनाने का कार्य करते हैं। पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम युक्त आहार लेने से आपको मधुमेह होने का खतरा लगभग 20 फीसदी कम हो जाता है।
कब्ज
मैग्निशियम से पुरानी कब्ज से तुरन्त राहत मिलती है। गंभीर कब्ज की अवस्था में पानी में मिला कर मैग्निशियम लेने से रोगी को एक बड़ी राहत पहुंचाती है। मैग्निशियम का यह लैक्सेटिव गुण आंतों की मांसपेशियों को राहत देता है जिससे कब्ज ठीक करने में आसानी रहती है।