जब कोई घर में बिमार हो जाता है तो उसके लिए एक चीज़ ज़रूर बनती है जो खाने में लज़िज़ और हेल्दी होती है और वह है ‘खिचड़ी’। बहुत से लोग ‘खिचड़ी’ को ग्रह के काटने की प्रक्रिया मानते हैं इसलिए हर घर में विशेषकर शनिवार के दिन ‘खिचड़ी’ को ज़रूर से खाया जाता है। कुछ लोग जहां ‘खिचड़ी’ का नाम सुनकर अपना मुहं बनाने लगते हैं तो वहीं, कुछ ‘खिचड़ी’ को बड़े ही चाव के साथ खाते हैं।
आज हम आपको बताने जा रहे हैं ‘खिचड़ी’ के कुछ ऐसे फायदे जिसे जानकर ‘खिचड़ी’ नापसंद करने वाले भी इसे बड़े शौक से खाने लगेंगे –
डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए लाभदायक खिचड़ी
जैसा कि हमने पहले बताया कि ‘खिचड़ी’ हमारे डाइजिस्टिव सिस्टम के लिए किसी रामबाण से कम नहीं है। जब कभी तबीयत खराब हो जाती है या पेट से संबंधित कोई परेशानी आपको घेरे में ले लेती है, तो आपको डॉक्टर भी हल्का खाना खाने की सलाह देता है और ऐसे में ‘खिचड़ी’ किसी दवाई से कम नहीं। दरअसल, ‘खिचड़ी’ जल्दी डाइजेस्ट तो हो ही जाती है और साथ ही यह कई पौष्टिक तत्वों से भी भरपूर होता है।
खिचड़ी में तेल व घी का इस्तेमाल होता बहुत कम
‘खिचड़ी’ बनाना बहुत आसान होता है। यह एक ऐसा व्यंजन है जिसे बनाने में कम तेल व घी का इस्तेमाल होता है। यही कारण है कि ‘खिचड़ी’ बहुत आसानी से पेट के अंदर जाकर पच जाती है। बता दें कि बीमारी के बाद शरीर को मजबूती देने के लिए डॉक्टर भी ‘खिचड़ी’ को ज़रूर से अपने डाइट में शामिल करने की सलाह देते हैं।
फैट होने से बचाता खिचड़ी
यह तो आप जानते हैं कि हल्का खाना अगर है तो इसका मतलब है कि उसमें फैट की मात्रा भी कम होगी। ‘खिचड़ी’ हमारे शरीर में फैट को जमा होने से बचाती है और साथ ही बॉडी से आलस को भी दूर भगाती है। इन दिनों लोग ‘खिचड़ी’ को अपनी डाइटिंग का रामबाण भी मानने लगे हैं। जिसकी मदद से स्लीम व ट्रीम फीगर आसानी से आप पा सकते हैं।
सब्जियों के गुणों से भरपूर होता खिचड़ी
‘खिचड़ी’ अपने आप में भरपुर पौष्टक आहारों का संगम मानी जाती है। दरअसल, खिचड़ी में दाल और चावल का इस्तेमाल तो किया ही जाता है जो हमारे शरीर में कई मिनरल की मात्रा को पूरी करती है और हमें ताकतवर बनाती है। वहीं, ‘खिचड़ी’ को आप कई अलग-अलग तरह की सब्जियों को मिलाकर भी बना सकते हैं, जिससे आपके बॉडी को बैलेंस्ड डाइट मिलता हैं। ‘खिचड़ी’ में सब्जी के मिलाने से यह ना स्रिफ स्वादिष्ठ बल्कि हेल्दी फुड भी बन जाता है।
‘खिचड़ी’ है त्रिदोषित खाना
आपको बता दें कि आयुर्वेद में ‘खिचड़ी’ को बुनियादी खाना भी कहा जाता है क्योंकि इसमें शरीर के तीनों दोष- वात, पित और कफ को बैलेंस करने की क्षमता मौजूद होती है। यही कारण है कि इसे त्रिदोषित खाना कहा जाता है।
दोस्तों आज से ही आप अपने डाइट में ‘खिचड़ी’ को शामिल करना शुरू कर दें और एक हेल्दी व खुशहाल ज़िंदगी जीना शुरु कर दें।