हमारा शरीर हर समय केटोसिस की स्थिति में होता है। यह एक सामान्य मेटाबोलिक प्रक्रिया है जो हमारे शरीर को निरंतर कार्य करने की ऊर्जा देता है। जब आप एक कीटोन्स आहार का सेवन करते हैं तो कार्बोहाइड्रेट के अभाव के कारण हमारा शरीर चर्बी को ऊर्जा के लिए पचाना शुरू कर देता है, जिससे बड़ी संख्या में कीटोन्स बनना शुरू हो जाते है। लेकिन जब आप अपने आहार में से कार्बोहाइड्रेट्स निकाल देते हैं, तो शरीर अपनी ऊर्जा की जरुरत को पूरा करने के लिए अपने आप केटोसिस पर चला जाता है। कीटोन्स डाइट पूरे विश्व में वजन घटाने वाली प्रक्रिया के रूप में लोकप्रिय है। दरअसल जब हमारा शरीर केटोसिस पर चला जाता है तब हमें बहुत ज्यादा भूख महसूस होना भी बिलकुल बंद हो जाती है। आइये हम कीटोन्स आहार के कुछ नुकसानदायक तथ्यों पर नजर डालें।
केटोजेनिक आहार खाने के नुकसान
मांसपेशियों में दर्द
जब लोग पहली बार केटो आहार शुरू करते हैं, तो कुछ लोगों में मांसपेशियों की ऐंठन, विशेष रूप से पैर की ऐंठन, खनिजों की हानि, के कारण होती है। इसलिए बहुत सारा पानी पीने और नमक खाने से ऐंठन और खनिज के नुकसान को कम करने में मदद मिलती है।
थकान
केटो आहार से शरीर अतिरिक्त पानी से छुटकारा पता है परन्तु यह पोटेशियम, मैग्नीशियम, और सोडियम जैसे खनिजों को भी नष्ट कर देता है। इससे आपको चक्कर आना और थका हुआ महसूस होता है और आपके शरीर में नमक का नुकसान होता है। इसलिए वो लोग जो उच्च रक्तचाप की दवा खाते हैं, उन्हें केटोजेनिक आहार परिवर्तन करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
दस्त
कुछ लोग वसा का सेवन सीमित करने की गलती करते हैं, जिसमें प्रोटीन का सेवन बहुत अधिक होता है और इससे दस्त पैदा होता है। आप जो कार्बोहाइड्रेट्स कम कर रहे हैं उन्हें प्रोटीन के बजाय पूर्ण वसा वाले स्रोतों से बदलें। इससे आपको दस्त नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
मुंह की दुर्गन्ध
बहुत कम कार्बोहाइड्रेट्स खाने से कुछ लोगों में उनकी सांस में दुर्गन्ध पैदा होती है। एसीटोन केटोनिस के दौरान बनाए गए केटोन उत्पाद है, जिसमें से नेलपॉलिश रिमूवर जैसे गंध आती है। इसलिए आप अपने दांतों को कम से कम दो बार ब्रश करके और सांस फ्रेशनर के उपयोग से अपनी सांस ताज़ा रखें। पानी का सेवन बढ़ाएं ताकि कम लार की वजह से मुंह में दुर्गन्ध न पैदा हो।
लगातार पेशाब आना
अधिक केटोजेनिक आहार खाने से शरीर में बहुत अधिक पानी बनता है और आपकी किडनी भी अतिरिक्त सोडियम को पेशाब के साथ शरीर से बाहर निकाल देती हैं। इससे आपको पूरे दिन में अधिक बार पेशाब करने की जरूरत पड़ती है। इसके लिए आप डॉक्टर की सलाह भी ले सकते हैं।
नींद की समस्याएं
केटोजेनिक आहार शुरू करने के बाद कुछ लोगों में नींद की कमी आती है। यह उनमें सेरोटोनिन और इंसुलिन के कम स्तर के कारण होता है। इसलिए प्रोटीन के साथ-साथ कुछ कार्बोहाइड्रेट्स से इंसुलिन और सेरोटोनिन को बढ़ाने का प्रयास करें।