फूड प्वाइजनिंग क्या है

दूषित या विषैले खाद्य पदार्थ की वजह से कई लोग फूड प्वाइजनिंग के शिकार हो जाते हैं। हालांकि ऐसा देखा गया है कि फूड प्वाइजनिंग के अधिकांश मामले कुछ ही दिनों में ठीक हो जाते हैं। शिशुओं, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों में फूड प्वाइज़निंग होने से रोकने की कोशिश करनी चाहिए ताकि इसे गंभीर होने से बचाया जा सके।

फूड प्वाइजनिंग क्या है

खाद्यजनित बीमारी, जिसे आमतौर पर फूड प्वाइजनिंग के रूप में संदर्भित किया जाता है, दूषित, खराब या जहरीले भोजन खाने का परिणाम है। संक्रमित जीव जैसे बैक्टीरिया, वायरस और परजीवी फूड प्वाइजनिंग के सबसे सामान्य कारण हैं।

संक्रमित जीव या उनका विषाक्त किसी भी प्रोसेस्ड या प्रोडक्शन में भोजन को दूषित कर सकता है। यदि भोजन गलत ढंग से संभाला या पकाया जाता है तो दूषित घर पर भी हो सकता है। फूड प्वाइजनिंग के सबसे आम लक्षणों में मतली, उल्टी और दस्त शामिल हैं।

गर्भावस्था में फूड प्वाइजनिंग

गर्भावस्था के दौरान, मेटाबॉल्जिम और सर्कुलेशन में परिवर्तन भोजन के विषाक्तता या फूड प्वाइजनिंग के खतरे को बढ़ा सकता है। गर्भावस्था के दौरान आपका रिएक्शन अधिक गंभीर हो सकता है। शायद आपका बच्चा भी बीमार हो सकता है।

वयस्कों को फूड प्वाइजनिंग

जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती जाती है आपकी इम्यून सिस्टम संक्रामक जीवों के सामने जल्दी से प्रतिक्रिया नहीं दे पाती है। जिस वजह से आप फूड प्वाइजनिंग के शिकार होते चले जाते हैं।

क्रोनिक बीमारियों से जूझने वाला व्यक्ति

इसके अलावा जो व्यक्ति क्रोनिक बीमारियों से जुझ रहा है जैसे डायबिटीज, लिवर की बीमारी और कैंसर आदि उसे भी फूड प्वाइजनिंग का खतरा रहता है।

फूड प्वाइजनिंग में डॉक्टर के पास कब जाया जाए

1. खूनी उल्टी या दस्त की स्थिति में आपको डॉक्टर से जरूर मुलाकात करना चाहिए। 2. तीन दिनों से अधिक समय तक दस्त का होना भी एक गंभीर समस्या है।

3. अत्यधिक दर्द या गंभीर पेट में ऐंठन में आप डॉक्टर से जांच जरूर करवाएं।

फूड प्वाइजनिंग से बचाव

1. खाना तैयार करने से पहले या खाना खाने से पहले और बाद में अपने हांथों को अच्छी तरीके से साबून से धोएं।

2. खाद्य पदार्थ या खाने वाली चीज की खरीदारी करते समय इस बात का ध्यान दीजिए कि वह पूरी तरह से स्वच्छ हो और कच्चा पका हुआ न हो।

3. बाहर कोई भी फल और सब्जी खरीदते समय इस बात का ध्यान दें कि वह कटा हुआ न हो।

4. अगर किसी फूड को लेकर आपको संदेह है या आपको लगता है कि वह सुरक्षित नहीं है तो उसे बाहर फेक देना ही समझदारी है।- फूड पॉइजनिंग – लक्षण और लाभकारी घरेलू उपचार

फूड प्वाइजनिंग में क्या खाएं

1. फूड प्वाइजनिंग में मरीज दस्त और उल्टी होती है। ऐसे में उसे ठोस खाद्य पदार्थों पर रोक लगाना बेहतर होता है और इसके बदले में पचने वाले खाद्य पदार्थ का सेवन अच्छा माना जाता है। यह वसा में भी बहुत कम होते हैं।

2. आप केले, चावल, दलिया, नरम आलू, उबली हुई सब्जियां, बिना सोडा के कैफीन (अदरक एले, रूट बीयर) और पतला फलों के रस आदि का सेवन कर सकते हैं।

फूड प्वाइजनिंग में क्या नहीं खाना चाहिए

डेयरी उत्पादों, खासकर दूध और चीज, वसायुक्त खाना, शुगर वाले खाद्य पदार्थ, चटपटा खाना और तले हुए खाद्य पदार्थ से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।