फैटी फिश खाने के फायदे

बहुत सारे अध्ययन और स्वास्थ्य विशेषज्ञों का दावा है कि आपके स्वास्थ्य के लिए वसायुक्त मछली या फैटी बहुत ही फायदेमंद रहता है। फैटी फिश में सैल्मन, ट्यूना, टिलिपिया और मैकेरल जैसी मछलियों का आनंद लिया जा सकता है। यह मछली ओमेगा-3 फैटी एसिड में समृद्ध है और आपके समग्र स्वास्थ्य के लिए यह बहुत ही गुणकारी होता है। आइए जानते हैं, फैटी फिश खाने के फायदों के बारे में…

फैटी फिश खाने के फायदे

आपके दिल के सही माना जाता है फैटी फिश

अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चलता है कि फैटी फिश का नियमित सेवन ट्राइग्लिसराइड्स को 25 से 30 प्रतिशत कम कर देता है। आपको बता दें कि उच्च2 कोलेस्ट्रॉ ल के साथ ट्राइग्लिसराइड्स शरीर में अवरुद्ध धमनियों, दिल के दौरे या स्ट्रो क और एक्यूडट पैंक्रियाटिस होने के खतरे को बढ़ा देता है। इसलिए आपको शरीर में ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करने के उपायों के बारे में सोचना चाहिए। अध्ययनों से यह भी पता चला है कि वसायुक्त मछली या फैटी फीश का सेवन दिल का दौरा और स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।

 

पोषक तत्वों में उच्च है फैटी फिश

फैटी फिश महत्वपूर्ण पोषक तत्वों जैसे कि विटामिन डी और प्रोटीन में उच्च होता है। ये विटामिन डी के कुछ प्राकृतिक खाद्य स्रोतों में से एक हैं। जो ज्यादातर हमें सूर्य के एक्सपोजर से प्राप्त होता है। फैटी फिश ओमेगा -3 फैटी एसिड का बहुत ही अच्छा स्रोत है। ओमेगा -3 फैटी एसिड आपके मस्तिष्क और शरीर को बेहतर ढंग से कार्य करने के लिए आवश्यक हैं। यह शरीर में हार्मोन्स के निर्माण के साथ शारीरिक और मानसिक विकास में मदद करती है। यह मछली के अलावा मेवों, मूंगफली, अलसी, सूरजमुखी और सरसों के बीज में भी पाया जाता है।

आपके मस्तिष्क की रक्षा करे फैटी फिश

वसायुक्त मछली या फैटी फिश का सेवन करने से आपके मस्तिष्क को अल्जाइमर रोग और डिमेंशिया जैसे उम्र से संबंधित बीमारियों से बचने में मदद मिलती है। डिमेंशिया मस्तिष्कब की कोशिकाओं के नष्टम होने के कारण होता है। सिर में चोट लगना या फिर अल्जाकइमर के कारण इस बीमारी के होने का खतरा ज्याफदा होता है। कुछ अध्ययनों से पता चला है कि जो लोग नियमित रूप से मछली खाते हैं, वे अपने मस्तिष्क में भावनाओं और स्मृति को नियंत्रित करते हैं।

ऑटोइम्यून बीमारियों के जोखिम को कम करे फैटी फिश

ऑटोइम्यून बीमारियां वे होती हैं, जहां शरीर शुरू से ही स्वस्थ कोशिकाओं और ऊतकों पर हमला कर रहा है। ऑटोइम्यू न बीमारी शरीर के पूरे अंगों को प्रभावित करती है, इसके कई उदाहरण हैं जैसे – गठिया, मधुमेह, थायराइड समस्या , ल्यूयपस, सोराइसिस, जैसी कई बीमारियां इसमें आ सकती हैं। वसायुक्त मछली या फैटी फिश से प्राप्त ओमेगा-3 मधुमेह, गठिया और मल्टीपल स्केलेरोसिस जैसी बीमारियों के खतरे को कम करने के लिए जाना जाता है, लेकिन इसे संशोधित करने के लिए अधिक शोध आवश्यक है।

आपके मूड को बढ़िया बनाएं फैटी फिश

फैटी फिश में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड आपके मूड को बेहतर बनाने का काम करता है और ये अवसाद के जोखिम को कम करने के लिए जाने जाते हैं। फैटी फिश का अनुभव अच्छा होता है, जिससे आप खुश और संतुष्ट हो जाते हैं। कुछ अध्ययनों से पता चला है कि जो लोग वसायुक्त मछली या फैटी फिट खाते हैं या ओमेगा-3 फैटी एसिड का सेवन करते हैं उनमें उदासीन होने की संभावना कम हो सकती है।`