मलेरिया के घरेलू उपचार में अपनाएं ये आसान उपाय

मलेरिया एक मच्छर से संबंधित बीमारी है। यह तब फैलता है जब एक मच्छर आपको काटता है और आपके शरीर में एनोफेल्स मच्छर का लार स्थानांतरित होता है। आज हम मलेरिया के घरेलू उपचार के बारे में बात करेंगे। वैसे पीलिया, दस्त, उल्टी, जी मिचलाना, ऐंठन, मल में रक्त, ज्यादा पसीना आना, शरीर में ठंड, सिरदर्द और उच्च बुखार ये सभी मलेरिया के लक्षण है।

मलेरिया के घरेलू उपचार

दालचीनी

मलेरिया के लक्षणों के इलाज के लिए दालचीनी एक प्रभावी घरेलू उपचार है। दालचीनी सदियों से मलेरिया के इलाज के लिए पारंपरिक उपचार का हिस्सा रही है।

दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लैमेटरी, और एंटीमिक्राबियल गुण होते हैं, जो मलेरिया रोग से लड़ने का काम करते हैं। मलेरिया के दौरान दालचीनी का सेवन करने का त्वरित और आसान तरीका ताजे दालचीनी की चाय का सेवन करना चाहिए।

इसके लिए आप एक चम्मच दालचीनी पाउडर और थोड़ा सा काली मिर्च पाउडर डालकर उसे उबाल लीजिए। ठंड़ा होने के बाद आप उसमें एक चम्मच शहद डालिए और अच्छी तरह से मिक्स करके पीजिए। आपको बहुत जल्दी राहत मिलेगी। आप इसे एक दिन में दो बार पी सकते हैं।

संतरे का जूस

संतरे की उच्च विटामिन सी सामग्री मलेरिया बुखार को कम करने में प्रभावी हो सकता है। विटामिन सी एक एंटीऑक्सीडेंट है जो समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। विटामिन सी प्रतिरक्षा प्रणाली या इम्यूनिटी को बढ़ावा देता है।

मलेरिया समेत संक्रामक बैक्टीरिया के कारण होने वाली बीमारियों को दूर करने के लिए एक स्वस्थ इम्यूनिटी आवश्यक है। जब आप मलेरिया से जूझ रहे हैं तो संतरे का सेवन करने की सिफारिश की जाती है।

संतरे का रस न केवल आपको हाइड्रेटेड रखेगा, बल्कि यह रिकवरी प्रक्रिया को भी तेज करेगा। इसके लिए आप अपने मील के बीच 2 से 3 गिलास संतरे के जूस का सेवन कीजिए। – संतरा खाने के फायदे

मलेरिया से बचाव करे अदरक

मलेरिया के घरेलू उपचार में अदरक भी शामिल है। अदरक के सक्रिय घटक, जैसे जिंजरोल, एंटीमाइक्रोबायल और एंटी–इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। अदरक के ये गुण मलेरिया से पीड़ित होने पर सेवन करने के लिए आदर्श बनाते हैं। इसका उपाय दर्द और मतली में आपको राहत दे सकता है।

इसके रूट में पाए गए घटक आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली या इम्यून सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए फायदेमंद होता है, जिससे रोग पैदा करने वाले बैक्टीरिया को बढ़ने से रोका जाए। राहत पाने के लिए आप कुछ गर्म अदरक चाय पी सकते हैं।

मलेरिया बुखार की दवा है तुलसी

तुलसी के पत्तों को विभिन्न बीमारियों के लिए एक हर्बल उपचार माना जाता है, और मलेरिया उनमें से एक है। पवित्र तुलसी एक जड़ी बूटी है जो मलेरिया से जुड़े लक्षणों को कम कर सकती है। यह यूजीनॉल का एक पावरहाउस सक्रिय कंपाउंड है।

इस कंपाउंड या यौगिक में संक्रामक बैक्टीरिया से लड़ने के लिए आवश्यक चिकित्सकीय गुण शामिल हैं। मलेरिया समेत विभिन्न स्वास्थ्य रोगों को ठीक करने के लिए तुलसी प्लांट के प्रत्येक हिस्से का उपयोग आयुर्वेदिक उपचारों के तौर पर किया जाता है। यह मतली, उल्टी, दस्त, और बुखार जैसे अन्य लक्षणों से भी राहत देता है।

अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए आप ताजे तुलसी के पत्तों से बने हर्बल चाय का उपभोग कर सकते हैं। इसके अलावा आप 12 से 15 तुलसी के पत्ते को पीसकर इसका जूस बनाएं तथा उसमें आधा चम्मच काली मिर्च डालें। आपको बहुत ही फायदा मिलेगा।

सेब का सिरका

एंटीसेप्टिक और एंटीफंगल गुणों से भरपूर सेब का सिरका अधिकतर लोग अपने किचन में इस्तेमाल करते हैं। यह एक ऐसी चीज है जो आपकी रोजमर्रा की छोटी-बड़ी परेशानियों को आसानी से हल कर देती है।

मलेरिया होने पर आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। यह मलेरिया बुखार को कम करने में आपकी सहायता कर सकता है। इसके लिए आप आधा कप सेब का सिरका लीजिए और इसे दो से तीन गिलास पानी में मिलाए। फिर एक सोफ्ट कपड़े को फिगोकर 10 से 12 मिनट के लिए अपने काल्व्स (calves) पर रखें।

मेथी के बीज

मलेरिया रोगियों को अक्सर बुखार के कारण कमजोरी महसूस होती है। मेथी का बीज इस कमजोरी का मुकाबला करने के लिए सबसे अच्छा प्राकृतिक उपाय हैं।

ये आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली या इम्यूनिटी को बढ़ावा देने और परजीवी से लड़कर मलेरिया से त्वरित रिकवरी में मदद करते हैं।  इस प्रकार, यह सिफारिश की जाती है कि मलेरिया रोगी मेथी के बीज का सेवन करें।इसके लिए आप एक गिलास पानी में 5 ग्राम मेथी के बीच को भिगों दें और इसे रातभर छोड़ दें तथा सुबह उठते हुई आप इसे खाली पेट पी लीजिए। – मेथी के फायदे