थायराइड में परहेज – आहार में क्या नहीं खाना चाहिए

थायराइड में परहेज जानने से पहले आइये जाने थायराइड के बारे में – मानव के शरीर में कुछ ग्रन्थियां ऐसी होती हैं जो शरीर के पाचन तन्त्र और शरीर के सही से काम करने के लिए जरूरी रस और हार्मोन का निर्माण करने में सहायक होती हैं। उन्हीं ग्रन्थियों में से एक ग्रन्थि है थायराइड। यह ग्रन्थि गर्दन की श्वास नली के ठीक ऊपर स्वर यंत्र के दोनों तरफ दो हिस्सों में बनी हुई होती है और यह देखने पर बिल्कुल एक तितली के समान प्रतीत होती है। इस ग्रन्थि का मुख्य काम होता है शरीर के लिए थाइराक्सिन नामक हार्मोन का निर्माण।

इस हार्मोन के द्वारा शरीर में ऊर्जा का निर्माण होता है और यह प्रोटीन का उत्पादन करता है और बाकी हार्मोन को नियंत्रित रखता है। इसके साथ ही थायराइड ग्रन्थि शरीर के मेटाबोलिज्म को नियंत्रित रखकर भोजन को ऊर्जा में बदलने का काम करती है। यह ग्रन्थि हमारे शरीर का अहम हिस्सा है। इस ग्रन्थि में कुछ समस्याए भी पैदा होती है, जिसे हम थायराइड की समस्या कह सकते हैं।

थायराइड की समस्या के बारे में हमें शुरुआत में किसी प्रकार के कोई संकेत नहीं मिलते, लेकिन बाद धीरे-धीरे करके इसके संकेतों के बारे में पता चलने लगता है। शुरू में गले पर एक छोटी से गाँठ हो जाती है, लेकिन हम इस पर ध्यान नहीं देते, जिसके कारण अपनी लापरवाही के चलते हम थायराइड की समस्या को बुलावा दे देते हैं और यह धीरे धीरे करके गंभीर बीमारी का रूप धारण कर लेती है और इस गाँठ का आकार बढ़ने लगता है और यह थायरायडिस का रूप धारण कर लेती है।

थायराइड के प्रकार

थायराइड के मुख्य रूप से दो प्रकार होते हैं, जो दोनों एक-दूसरे से बिल्कुल भिन्न होते है और इनके लक्षण भी अलग-अलग होते हैं।

  1. हाइपोथायराइडिज्म
  2. हाइपरथायराइडिज्म

थायराइड में परहेज

थायराइड गले से जुड़ी हुई एक गंभीर समस्या है, थायराइड के बढ़ जाने पर बहुत ही दिक्कत होने लगती है। महिलाएं इसकी सबसे अधिक शिकार होती हैं, थायराइड गले की बीमारी होने के कारण हमें गले को नुकसान पहुँचाने वाली चीजो से बचना चाहिए…

आयोडीन वाला खाना

थायराइड ग्लैंड्स हमारे शरीर से आयोडीन लेकर थायराइड हार्मोन को पैदा करता है। इसलिए जो लोग इससे अधिक परेशान रहते हैं उन्हें इसे खाने से परहेज करना चाहिए।

कैफीन

कैफीन के द्वारा थायराइड तो नहीं बढ़ता, लेकिन यह हमारे शरीर में उन परेशानियों को बढ़ा देता है, जिससे थायराइड की परेशानी पैदा होती है।

रेड मीट

रेड मीट में कोलेस्ट्रोल और सेचुरेड़ेट फैट बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है, जिसके कारण वेट बहुत तेजी से बढ़ता है। जो लोग थायराइड से परेशान होते हैं उनके शरीर में जलन की समस्या रहती है।

एल्कोहल

एल्कोहल का अर्थ है शराब, बीयर, आदि जो शरीर में एनर्जी के लेवल को प्रभावित करते हैं। इसका इस्तेमाल करने से थायराइड वाले रोगियों में नींद की दिक्कत आने लगती है। इसके साथ ही ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा भी बढ़ जाता है।

सोयाबीन

जैसा कि हम जानते हैं कि सोयाबीन को आवश्यक अमीनो एसिड के रूप में जाना जाता है। यह शहकारियों के लिए प्रोटीन का अच्छा स्रोत है लेकिन थायराइड के मरीजो को इसका परहेज करना चाहिए। थायराइड में सोयाबीन और समस्या पैदा कर देता है, इसलिए सोया फूड और ऑयल का सेवन करने से बचना चाहिए।  कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि सोया हाइपोथायरायडिज्म के लिए किसी व्यक्ति के जोखिम को बढ़ा सकता है।

वनस्पति घी

वनस्पति घी जिसे हम डालडा घी भी बोलते जिसका इस्तेमाल हम अक्सर अपने खाने-पीने में करते हैं। लेकिन यह अच्छे कोलेस्ट्रोल को खत्म करके बुरे कोलेस्ट्रोल को पैदा करता है। जिन लोगों में थायराइड की परेशानी होती है, उनमें यह अधिक थायराइड को बढ़ाने का काम करता है इसलिए इससे दूरी बनाकर रखनी चाहिए।

थायराइड में फैटी फूड खाने से बचें

संतृप्त वसा वाले खाद्य पदार्थों में फैटी मांस, चरबी, पूर्ण वसायुक्त डेयरी उत्पादों जैसे कि मक्खन और क्रीम, तले हुए आहार, जंक फूड और फास्ट फूड भी शामिल होते हैं। थायराइड के मरीजों को फैटी फूड खाने से बचना चाहिए। फैटी फूड से तत्काल दुष्प्रभाव जैसे कि गैस, ब्लोटिंग, एसिड और ईर्ष्या, और लंबी अवधि के प्रभाव जैसे हृदय रोग के लिए जोखिम बढ़ सकता है। इसलिए इसका कम से कम सेवन करना चाहिए।