माइग्रेन एक स्नायविक (न्यूरोलॉजिकल कंडीशन) स्थिति है जो कई लक्षण पैदा कर सकता है। माइग्रेन एक ऐसी समस्या है जिसका असर पूरे सिर पर नहीं बल्कि आधे सिर पर होता है। विभिन्न कारणों से यह समस्या आती जाती रहती है। आइए माइग्रेन से बचने के 5 सरल उपाय के बारे में जानते हैं।
पानी का सेवन
पानी सिर्फ आपकी प्यास ही नहीं बुझाता बल्कि यह आपके बॉडी की पूरे स्वास्थ्य के लिए भी बेहद जरूरी है। सिर्फ पानी पी लेने भर से ही आप कई बीमारियों से दूर रह सकते हैं।
पानी पीने से शरीर के तरल पदार्थ के संतुलन को बनाए रखने में सहायता मिलती है। इससे शरीर को पाचन, अवशोषण, संचलन, लार का निर्माण, पोषक तत्वों का परिवहन और शरीर के तापमान को मेंटेन करने में बहुत ही असानी होती है। इसलिए माइग्रेन से बचने के लिए दिन में कम से कम 12 से 14 गिलास पानी जरूर पिएं। – एक दिन में कितना पानी पीना चाहिए
संतुलित आहार व संतुलित दिनचर्या का पालन
अगर आप चाहते हैं कि माइग्रेन से आप दूर रहें तो आप संतुलित आहार व संतुलित दिनचर्या का पालन करें। आपको बता दें कि अच्छी तरह से संतुलित आहार लेना शरीर और मन को मजबूत तथा स्वस्थ रखने के लिए महत्वपूर्ण विटामिन, खनिज, और पोषक तत्व प्रदान करता है।
अच्छी तरह से भोजन करने से कई रोगों और स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं को दूर करने में सहायता मिल सकती है, साथ ही यह स्वस्थ शरीर के वजन को बनाए रखने, ऊर्जा प्रदान करने, बेहतर नींद की अनुमति, और ब्रेन फंक्शन में सुधार करने में मदद मिल सकती है।
ध्यान और योगासन का सहारा
हर किसी को अपनी लाइफ योगा को शामिल करना चाहिए। योगा से पीठ दर्द, गठिया, सिरदर्द और कार्पल टनल सिंड्रोम जैसे पुराने दर्द को कम करने में सहायता मिल सकती है। कार्पल टनल सिंड्रोम एक विशेष प्रकार की नर्व पर पड़ने वाले दबाव से होने वाली परेशानी है।
इसके अलावा योगा माइग्रेन से बचने का एक सरल उपाय भी है। ध्यान, योगासन के अलावा आप माइग्रेन के लिए एक्यूपंक्चर या अरोमा थेरपी जैसी चिकित्सा पद्धतियों का सहारा भी ले सकते हैं। – बालों के लिए योगासन
दर्द होने पर मालिश करें
मालिश करने से शरीर के स्किन को फायदा मिलता है। शरीर पर तेल मालिश करने से व्यक्ति का बुढ़ापा दूर भागने लगता है। सर्दियों में शरीर पर तेल की मालिश करके धूप में बैठकर तेल मालिश करने से शरीर को विटामिन डी भरपूर मात्रा में मिलता है जो कि बॉडी के लिए बहुत अच्छा रहता है। इसके अलावा माईग्रेन का दर्द होने पर सिर की हल्की मालिश करें। इससे आपको बहुत ही आराम मिलेगा।
माइग्रेन के कारण
शोधकर्ताओं ने माइग्रेन के लिए एक निश्चित कारण की पहचान नहीं की है। हालांकि, उन्होंने माइग्रेन में कुछ योगदान करने वाले कारकों की जरूर पहचान की है। इसमें मस्तिष्क रसायनों में परिवर्तन शामिल हैं, जैसे कि मस्तिष्क रासायनिक सेरोटोनिन के स्तर में कमी।
माइग्रेन को ट्रिगर करने वाली कारकों में शामिल हैं: – डिहाइड्रेशन, बैरोमेट्रिक दबाव में परिवर्तन, महिलाओं में हार्मोन में परिवर्तन, जैसे कि मासिक धर्म, गर्भावस्था, या रजोनिवृत्ति के दौरान एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन उतार-चढ़ाव, अतिरिक्त तनाव, जोर से आवाज़, तीव्र शारीरिक गतिविधि, धूम्रपान, शराब का उपयोग, ज्यादा यात्रा करना आदि माइग्रेन के कारक हैं।