लेरिन्जाइटिस या कंठनाली की सूजन की जानकारी, लक्षण और उपचार

कंठ ध्वनीयंत्र में जब सूजन पैदा होती है तो उसे हम लेरिन्जाइटिस कहते हैं। हमारे कंठ के भीतर स्वर उत्पन्न करने वाली तंत्रिकाएं होती हैं, जो धीरे-धीरे खुलती और बंद होती रहती हैं और साथ ही उनकी गति और कम्पन से ध्वनी पैदा होती है, लेकिन लेरिन्जाइटिस में जब स्वर तंत्रिकाओं में सूजन पैदा हो जाती है और यह सूजन इसके द्वारा गुजरने वाली हवा से उत्पन्न ध्वनियों में विकृति पैदा करती है। जिसके कारण हमारी आवाज भारी या बैठी हुई हो जाती है कई बार हमारी आवाज अस्थाई रूप से निकलना बंद हो जाती है। आमतौर पर इस परेशानी से मध्य वर्ग के लोगों को गुजरना पड़ता है और इसमें महिलाओं को अपेक्षा पुरुषों की मात्रा अधिक होती है। यह कुछ दिनों में ठीक हो जाता है।

लेरिन्जाइटिस ( कंठनाली की सूजन ) दो प्रकार का होता है :-

लेरिन्जाइटिस के लक्षण
लेरिन्जाइटिस होने पर हमें कई तरह के लक्षण देखने को मिलते हैं जैसे कि :-

लेरिन्जाइटिस के कारण :-
आमतौर पर वायरस या बैक्टीरिया के कारण हमारे कंठ में संक्रमण हो सकता है जिसके कारण हमारे गले में सूजन पैदा हो जाती है और वायरस हमारे शरीर में अन्य रोगों के कारण पैदा हो जाता है जैसे खांसी,जुकाम, फ्लू आदि। इसके और भी कारण है :-

लेरिन्जाइटिस के उपचार
जब भी हमें श्वास से जुडी हुई किसी भी बीमारी का सामना करना पड़ता है, तो ऐसे में हमें बहुत ही परेशानी होती है, क्योंकि न तो हम अच्छे से बोल सकते हैं न ही खा सकते हैं, ऐसे में हमें कुछ घरेलू उपचार करने चाहिए जिससे हम ठीक हो सकें जैसे कि :-