डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसके मरीजो की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसमें अधिकतर लोग टाइप-2 डायबिटीज के शिकार होते हैं। आज हम इस लेख में टाइप-1 डायबिटीज के बारे में बताएंगे।
टाइप-1 डायबिटीज क्या है ?
टाइप-1 डायबिटीज या मधुमेह एक पुरानी बीमारी है। टाइप 1 डायबिटीज में अग्न्याशय में कोशिका जो इंसुलिन बनाते हैं, वो नष्ट हो जाते हैं, और शरीर इंसुलिन बनाने में असमर्थ है। आइए इसे आसान भाषा में समझें। टाइप 1 डायबिटीज़ तब होता है जब आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली आपके अग्न्याशय में कोशिकाओं को नष्ट कर देती है। इन कोशिका को बीटा कोशिका के नाम से जाना जाता है।
क्या है इंसुलिन ?
आपको बता दें कि इंसुलिन एक हार्मोन है जो आपके शरीर की कोशिकाओं को ऊर्जा के लिए ग्लूकोज नामक एक प्राकृतिक शुगर का उपयोग करता है। आपके शरीर को खाने से आपको ग्लूकोज प्राप्त होता है। इंसुलिन ग्लूकोज को आपके खून से आपके शरीर की कोशिकाओं में प्रवेश करने की अनुमति देता है। और जब शरीर में अतिरिक्त ग्लूकोज स्टोर होने लगे तो उसे हम ब्लड शुगर कहते हैं।
टाइप-1 डायबिटीज होने के क्या कारण है ?
वैसे टाइप-1 डायबिटीज का सही कारण अभी अज्ञात है। हालांकि इसे ऑटोइम्यून बीमारी माना जाता है। शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से अग्न्याशय में बीटा कोशिकाओं पर हमला करता है। ये कोशिकाएं इंसुलिन बनाती हैं। वैसे यह भी अज्ञात है कि प्रतिरक्षा तंत्र बीटा कोशिकाओं पर क्यों हमला करता है।
इसके अलावा टाइप-1 डायबिटीज के कुछ मामलों में पारिवारिक इतिहास महत्वपूर्ण हो सकता है। यदि आपके परिवार के किसी सदस्य को टाइप-1 डायबिटीज है, तो संभावना है कि वह आपको भी हो सकता है।
टाइप-1 डायबिटीज के क्या है लक्षण ?
1. टाइप-1 डायबिटीज में व्यक्ति को ज्यादा भूख और प्यास लगती है।
2. इसमें आपको हर चीज धुंधली दिखाई देती है, साथ ही आप थका हुआ भी महसूस करते हैं।
3. अत्यधिक पेशाब आना और कम समय में अचानक वजन घटना भी इसके लक्षणों में शामिल है।
टाइप-1 डायबिटीज का क्या है उपचार ?
टाइप-1 डायबिटीज को उचित उपचार के साथ प्रबंधित किया जा सकता है, जैसे इंसुलिन लेने, स्वस्थ आहार, और व्यायाम करना आदि।
इंसुलिन
टाइप-1 डायबिटीज वाले लोगों को हर दिन इंसुलिन लेना चाहिए। आमतौर पर इंजेक्शन के माध्यम से आप इंसुलिन ले सकते हैं, लेकिन कुछ लोग इंसुलिन पंप का भी इस्तेमाल करते हैं। आपको बाता दें कि आवश्यक इंसुलिन की मात्रा पूरे दिन बदलती रहती है। टाइप-1 डायबिटीज वाले लोग अपने ब्लड शुगर को नियमित रूप से मापते हैं कि उन्हें कितनी इंसुलिन की ज़रूरत है।
आहार और व्यायाम
आहार और व्यायाम दोनों ब्लड शुगर के स्तर को प्रभावित कर सकते हैं। टाइप-1 डायबिटीज वाले लोगों को ब्लड शुगर की स्थिरता रखने के लिए नियमित भोजन और स्नैक्स खाना चाहिए।
आहार विशेषज्ञ डायबिटीज के बारे में जानकारी रखता है इसलिए वह एक स्वस्थ, संतुलित आहार योजना स्थापित करने में आपकी मदद कर सकता है। व्यायाम भी निम्न ब्लड शुगर के स्तर में मदद करता है।
डायबिटीज का घरेलू उपचार
टाइप 1 मधुमेह की जटिलताएं क्या हैं ?
हाई ब्लड शुगर का स्तर शरीर के विभिन्न भागों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यदि मधुमेह ठीक से प्रबंधित नहीं है, तो यह निम्नलिखित जटिलताओं के जोखिम को बढ़ाता है-
- दिल का दौरा पड़ने वाले जोखिम का बढ़ाना
- नेत्र समस्याएं
- त्वचा पर संक्रमण, विशेष रूप से पैर
- किडनी खराब होना
- उच्च कोलेस्ट्रॉल
- उच्च रक्तचाप