मधुमेह हृदय रोग के जोखिम को जन्म देता है और आपकी आंखें, त्वचा, किडनी और तंत्रिका तंत्र में समस्या पैदा कर सकता है। इरेक्टाइल डिसफंक्शन और मूत्र संबंधी समस्याएं पुरुषों में मधुमेह के संभावित लक्षण हैं। धूम्रपान छोड़ना, नियमित रूप से व्यायाम करना और स्वस्थ वजन बनाए रखना आदि से मधुमेह बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है।
मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जिसमें आपका शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं पैदा कर सकता है। मधुमेह बीमारी में ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ जाता है और अनियंत्रित छोड़ दिए जाने पर यह कई जटिलताओं का कारण बन सकता है। आइए जानते हैं पुरुषों में डायबिटीज के लक्षण के बारे में…
पुरुषों में डायबिटीज के लक्षण
मधुमेह के कुछ शुरुआती लक्षणों में शामिल हैं जैसे लगातार पेशाब आना, असामान्य थकान, धुंधली दृष्टि, बिना परहेज़ के वजन घटाना, हाथ और पैर में झुनझुनी या सुन्न हो जाना आदि। अगर आप इन लक्षणों के बारे में जानकर भी अनजान बने हुए हैं और उपचार के लिए कदम नहीं उठा रहे हैं तो जटिलताएं बढ़ सकती है।
पुरुषों में मधुमेह के लक्षण
#1 इरेक्टाइल डिसफंक्शन
इरेक्शन को प्राप्त करने या बनाए रखने में असमर्थता ही इरेक्टाइल डिसफंक्शन कहलाती है। यह उच्च रक्तचाप, तनाव, धूम्रपान, दवा, किडनी रोग, और संचयन या तंत्रिका तंत्र की स्थितियों सहित कई स्वास्थ्य समस्याओं का लक्षण हो सकता है। एक संस्था के मुताबिक मधुमेह वाले पुरुष इरेक्टाइल डिसफंक्शन के शिकार हैं। संस्था बताता है कि मधुमेह वाले 20 से 75 प्रतिशत पुरुषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन है।
#2 रेट्रोग्रेड डिसफंक्शन
मधुमेह वाले पुरुष भी रेट्रोगाड डिसफंक्शन का सामना कर सकते हैं। इससे परिणामस्वरूप कुछ वीर्य को मूत्राशय में छोड़ दिया जाता है। डिसफंक्शन के दौरान कम वीर्य निकलना उल्लेखनीय रूप से इसके लक्षण में शामिल हो सकता है।
#3 यूरोलोजिक समस्याएं
डायबिटिक तंत्रिका क्षति के कारण मधुमेह के साथ पुरुषों में यूरोलोजिक समस्याएं हो सकती है। इसमें अतिरक्त मूत्राशय, पेशाब को नियंत्रित करने में असमर्थता, और मूत्र पथ के संक्रमण (यूटीआई) शामिल हैं।
#4 पुरुषों में मधुमेह के कारक
धूम्रपान, वजन ज़्यादा होना, शारीरिक गतिविधि से बचने, उच्च रक्तचाप या उच्च कोलेस्ट्रॉल होने पर और 40 से अधिक उम्र का होना ये सभी कारक पुरुषों में मधुमेह के जोखिम को बढ़ाते हैं।
#5 पुरुषों में मधुमेह के लक्षणों कैसे रोकें
मूत्र संबंधी और अन्य मधुमेह से संबंधित समस्याओं को रोकने के लिए सबसे पहले ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रण में करना होगा। दवाएं, व्यायाम, और एक उचित आहार आपके ब्लड शुगर के स्तर को प्रबंधित करने में आपकी सहायता कर सकते हैं।
मधुमेह या हृदय रोग जैसी स्थितियों में चिंता या अवसाद सहित भावनात्मक समस्याएं हो सकती हैं। यह आपके इरेक्टाइल डिसफंक्शन और आपके स्वास्थ्य के अन्य पहलुओं को खराब कर सकता है। जब भी आपके अंदर निराशा, उदासी और चिंता जैसी मानसिक भावनाएं उत्पन हो तो आप तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
#6 अपनी जीवन शैली में करें बदलाव
1. फल, हरी सब्जी, वसा, और प्रोटीन के मिश्रण के साथ अपने भोजन को संतुलित करने की कोशिश कीजिए। इससे शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है और मधुमेह के लक्षणों को रोका जा सकता है।
2. विशेष रूप से कार्बोनेटेड पेय जैसे सोडा और कैंडीज़ से बचें। इसमें अतिरिक्त चीनी होता है जो शरीर को नुकसान पहुचा सकता है।
3. नियमित रूप से आप व्यायाम कीजिए। ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है।
इन आहारों का सेवन न करें डायबिटीज के मरीज
फलों का रस
फलों के रस की जगह साबूत फल खाएं। ये फल फाइबर से भरे हुए होते हैं। फलों के रस, विशेष रूप से जो पैक किया हुआ फलों का रस है उसमें शुगर की मात्रा ज्यादा होती है जो आपके ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ा सकते हैं।
ट्रांस फैट
ट्रांस फैट असंतृप्त वसा हैं। ट्रांस वसा सीधे ब्लड शुगर के स्तर को नहीं बढ़ाते हैं। लेकिन यह सूजन, इंसुलिन प्रतिरोध, पेट वसा और हृदय रोग में वृद्धि से जुड़ा हुआ है।
व्हाइट ब्रेड, पास्ता और व्हाइट राइस
व्हाइट ब्रेड, पास्ता और व्हाइट राइस में फाइबर बहुत ही कम होता है। इसकी वजह से शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ सकता है। इसलिए आप उन आहारों का सेवन कीजिए जिसमें फाइबर ज्यादा हो।
तली हुई चीजों से दूरी
तले और भूने खाघ पदार्थों के बजाय आप उन्हें सेकें या फिर उबालकर खाइए। तले और भूने खाघ पदार्थों से आपकी शुगर बढ़ सकती है। इसके अलावा यदि आप चाहते हैं कि आपकी डायबिटीज नियंत्रण में रहें तो आपको ऐसी चीजों की सेवन नहीं करना चाहिए जिनमें सोडियम की अधिक मात्रा हो।