आज के बदल रहे परिवेश और शहर के इस रहन सहन ने मधुमेह को बहुत ही तेजी से बढ़ावा दिया है। इसका मुख्य कारण है हमारे खानपान पर सही से नियंत्रण न होना। जिसके कारण हमें डायबीटीज का खतरा हो जाता है और इससे हमारे सिर में दर्द होने लगती है, साथ ही शरीर में थकान का एहसास होने लगता है। यह चीनी द्वारा पैदा किया हुआ, एक ऐसा रोग है जो हमारे खून में शामिल होकर हमारे खून में ग्लूकोज को मात्रा को बढ़ा देता है। मधुमेह होने पर शरीर को जो भोजन से ऊर्जा प्राप्त होती है, उसमें कठिनाई आने लगती है।
मधुमेह के प्रकार :-
मधुमेह दो प्रकार का होता है :
टाइप 1
इसमें पैंक्रियाज नामक की बीटा कोशिकाएं पूर्ण रूप से नष्ट हो जाती है और इस तरह शरीर में इंसुलिन का बनाना असंभव हो जाता है। वायरस संक्रमण के कारण बच्चों में ही वीटा कोशिकाएं नष्ट होना शुरू हो जाती है, यह बीमारी 12 से 25 साल के बच्चों में मुख्य रूप से देखने को मिलती है।
टाइप 2
भारत में मधुमेह के रोगियों में टाइप 2 अधिकतर मात्रा में पाया जाता है। इसमें इंसुलिन कम मात्रा में बनते हैं, लेकिन यह थोडा सा इंसुलिन मोटापा और गलत खाने पीने के कारण व्यर्थ हो जाता है। इस तरह के मरीजों के लिए कई तरह की दवाईयां है, लेकिन इन दवाईयों का सेवन उन्हें जीवनभर करना पड़ता है और कई बार उन्हें इंसुलिन भी लेना पड़ता है।
किशोर मधुमेह के लक्षण
- रोगी को बार-बार प्यास लगना
- भूख अधिक लगना
- भोजन करने के उपरांत भी दुर्बल होना
- थकावट होना
- मानसिक चिंता रहना
- आँखों में धुंधलापन होना
- बार-बार यूरिन आना
- फोड़े फुंसियों का बार-बार निकलना
- लगातार खुजली होना
- सिरदर्द होना
- चिड़चिड़ापन होना
- मांसपेशियों का कमजोर होना
- शरीर में तापमान का कम होना
- मितली के साथ उल्टी होना
- पानी पीने के बाद भी गला सुखना
- हाथ पैर में अकड़न होना आदि
किशोर मधुमेह के कारण
हम जिस भी वस्तु का सेवन करते हैं हमारा पाचन तन्त्र उसे ग्लूकोज बनाकर रक्त में भेज देता है। इसे पहुँचाने के लिए शरीर में इंसुलिन नामक हार्मोन की जरूरत होती है, लेकिन कई बार हमारा शरीर इंसुलिन का उत्पादन करने में सक्षम नहीं होता, ऐसे में ग्लूकोज की मात्रा रक्त में बढ़ने लगती है, मगर यह कोशिकाओं के अंदर नहीं जा पाती, जिसके कारण हमें मधुमेह का सामना करना पड़ता है।
किशोर मधुमेह के घरेलू उपचार
किशोर मधुमेह पर नियंत्रण पाने के लिए हमें कुछ घरेलू उपाय अपनाने चाहिए जैसे कि…
- तुलसी के पत्तों का सेवन
तुलसी में एंटीऑक्साइड पाया जाता है और इसमें जरूरी तेल होता हो। जो इंसुलिन को हमारे शरीर में बनाये रखने में बहुत ही सहायक होता है। इसके लिए सुबह खाली पेट तुलसी की पांच से छ: पत्तियों का सेवन करना चाहिए या फिर एक चम्मच तुलसी के रस पी लेना चाहिए। - आंवले का सेवन
आंवला में विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है इसलिए जब भी अपने खून के शुगर को नियंत्रण में करना हो तो 10 ग्राम आंवले के जूस में दो चम्मच हल्दी मिलाकर पीने से फायदा मिलता है। - जामुन
काले जामुन का सेवन करना डायबिटीज के मरीजों के लिए किसी औषधि से कम नहीं है। डायबीटीज के रोगियों को काले जामुन नमक के साथ खाने चाहिए। - दालचीनी का सेवन
मधुमेह को नियंत्रण में रखने के लिए एक महीने तक अपने आहार में दालचीनी का इस्तेमाल करें, आप को फायदा मिलेगा। - करेला
करेले में औषधीय गुण पायें जाते हैं, जो डायबिटीज के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। करेले का रस कडवा होने के कारण शुगर को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा एक करेला, एक टमाटर, एक खीरा लेकर इसका रस खाली पेट लेने ने शुगर की मात्रा कम हो जाती है, जो डायबिटीज के रोगियों के लिए बहुत ही अच्छा होता है। - मैथी दाना
मैथी दाने का सेवन करने से पुराने से पुराने डायबिटीज भी ठीक हो जाता है। इसके लिए एक चम्मच मैथी के पाउडर का सेवन सुबह खाली पेट करना चाहिए। - भिंडी
5–6 भिंडी को लेकर उसे काट लें, फिर उसे रात को कांच या मिट्टी के बर्तन में दे। सुबह उस पानी को छान कर पी लें। इससे डायबिटीज में फायदा मिलता है।