शरीर की इंडोक्राइन सिस्टम कोशिकाओं से बना होता है जो हार्मोन उत्पन्न करता हैं। हार्मोन रासायनिक पदार्थ होते हैं, जो रक्त प्रणाली में प्रवेश करके पूरे शरीर में सर्कुलेट होता है और कोशिकाओं को सक्रिय करता है। यह शरीर के अंगों या कोशिकाओं की गतिविधि पर प्रभाव छोड़ता है। न्यूरोइंडोक्राइन कोशिकाएं पूरे शरीर में पाए जाते हैं जैसे कि फेफड़े और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक जिसमें पेट और आंत शामिल है।
क्या है न्यूरोइंडोक्राइन ट्यूमर
उससे पहले जान लेते हैं कि ट्यूमर क्या है – एक ट्यूमर तब शुरू होता है जब स्वस्थ कोशिकाएं नियंत्रण से बाहर निकल जाती हैं और बड़े पैमाने पर विकसित होती हैं। आपको बता दें कि एक ट्यूमर कैंसर हो सकता है। ट्यूमर के लक्षण, कारण और उपचार
एक कैंसरग्रस्त ट्यूमर घातक है, जो बढ़ सकता है और शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है यदि इसका जल्द इलाज नहीं किया गया तो व्यक्ति की मौत हो सकती है। हालांकि सभी तरह के ट्यूमर नुकसान पहुंचाने वाले नहीं होते हैं। इसलिए डॉक्टर से जरूर जांच कराएं। अब बात करते हैं न्यूरोइंडोक्राइन ट्यूमर की।
अगर बात न्यूरोइंडोक्राइन ट्यूमर की करें, तो हमारे शरीर में जिस कोशिकाओं से इंडोक्राइन सिस्टम बना है इन्हीं कोशिकाओं के अनियंत्रित वृद्धि ही न्यूरोइंडोक्राइन ट्यूमर कहलाता है। न्यूरोइंडोक्राइन ट्यूमर शरीर के उस भाग में होता है जहां हार्मोन्स बनते हैं। ऐसे में यह ट्यूमर भी हार्मोन्स का निर्माण करने लगते हैं। इस वजह से यह बीमारी और गंभीर हो जाती है।
न्यूरोइंडोक्राइन के कारण
फियोक्रोमोसाइटोमा, न्यूरोइंडोक्राइन की एक टाइप है जिससे ज्यादातर लोग प्रभावित होते हैं। आइए इसके कारणों के बारे में जानते हैं।
1. फियोक्रोमोसाइटोमा 40 और 60 की उम्र के बीच के लोगों में सबसे ज्यादा सामान्य है।
2. महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में यह बीमारी सबसे ज्यादा देखने को मिलती है।
3. फियोक्रोमोसाइटोमा वंशानुगत भी हो सकता है जिसकी संभावना 10 प्रतिशत है।
न्यूरोइंडोक्राइन के लक्षण
न्यूरोइंडोक्राइन ट्यूमर में मरीज को हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत होती है। इसके अलावा एंग्जाइटी अटैक, बुखार, सिर दर्द, बहुत पसीना आना, थकान, कमजोरी, मितली, उल्टी आना, दिल का अनियंत्रित होकर धड़कना आदि लक्षण दिखाई पड़ते हैं।
इसके मरीजों में पेट दर्द, आंतों में दिक्कत, घुटन, खांसी, छोटी सांसें, भूख न लगना तथा वजन का बढ़ना या घटना जैसे लक्षण भी दिखते हैं। डायरिया, पीलिया, गैस्ट्रिक अल्सर, पैर और टखनों में सूजन बुखार, खांसी आदि बीमारियां भी न्यूरोइंडोक्राइन ट्यूमर का लक्षण हो सकता है।
न्यूरोइंडोक्राइन ट्यूमर का क्या इलाज संभव है
न्यूरोइंडोक्राइन ट्यूमर रेयर केस में होने वाला रोग है। हालांकि इसका इलाज संभव है। सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी या कीमियोथेरेपी की मदद से इसका उपचार किया जा सकता है। वैसे सामान्य घातक ट्यूमर्स की तुलना में न्यूरोइंडोक्राइन ट्यूमर बहुत धीरे-धीरे विकसित होता है।