कैंसर से बचाव के तरीके, जीवनशैली में करें ये 6 परिवर्तन

कैंसर बीमारी का नाम सुनते ही हम अंदर से दहशत में आ जाते हैं। लोगों की नजर में कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज या तो बहुत मुश्किल है या फिर नहीं हैं। अगर आप चाहते हैं कि कैंसर की बीमारी न हो तो आपको अपने जीवनशैली में बदलाव करना होगा। यही कैंसर से बचने का सबसे जरूरी तरीका है।

कैंसर से बचाव के तरीके, जीवनशैली में करें ये 6 परिवर्तन

कैंसर से बचाव के लिए फलों और सब्जियों का सेवन

एक अच्छा संतुलित आहार आपके लिए फायदेमंद होता है। शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए आप नियमित रूप से फलों और सब्जियों का सेवन कीजिए। यह आपको हर तरह के विटामिन, मिनरल्स और हर तरह के पौष्टिक तत्व प्रदान करेंगे। फलों और सब्जियों से समृद्ध आहार में कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह और अन्य संभावित घातक बीमारियों से लड़ने की क्षमता होती है। फलों और सब्जियों में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत में मदद करते हैं।

रेड मीट या प्रोसेस्ड मीट से परहेज

रेड मीट वह मीट होता है, जिसमें भारी मात्रा में वसा और कोलेस्ट्रॉ ल होता है। रेड में मटन, पोर्क, बीफ और भेड़ शामिल है। कई अध्ययनों से पता चलता है कि पशु वसा से भरपूर उच्च आहार कई प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है, जिसमें कोलन कैंसर भी शामिल है। जब आप रेड मीट का उच्च सेवन करते हैं है, तो यह जोखिम और बढ़ जाता है। अनुसंधान ने यह भी दिखाया है कि फैटी फूड कैंसर के विकास में योगदान करने वाले पित्त एसिड और हार्मोन के उत्पादन को बढ़ावा देते हैं।

कैंसर से लड़ने के लिए धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक

धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक और हमारे फेफड़ों के लिए बहुत ही नुकसानदायक साबित होता है। इसके अलावा धूम्रपान से होने वाले रोग में ब्लड प्रेशर और मोटापा बढ़ने के साथ ही दिमाग पर काफी नकारात्मक असर आदि शामिल है। धूम्रपान सबसे ज्यादा कैंसर के जोखिम कारकों में से है, जिसे हम नियंत्रित कर सकते हैं। यह न केवल फेफड़े के कैंसर के लिए जिम्मेदार है, लेकिन कई अन्य प्रकार के नॉन-पल्मोनरी कैंसर को बढ़ावा देता है। धूम्रपान के साधनों में सिगरेट, पाइप, सिगार, हुक्का और बॉन्ग शामिल हैं।

 

शारीरिक संबंध बनाते समय सावधानी

हमें इस बात की भी जानकारी होनी चाहिए कि कुछ ऐसे वायरस भी है जो कैंसर के लिए कारण बनते हैं। आज की सबसे बड़ी बीमारियों में से एक यौन संचरित रोग (एसटीडी) भी है जिसे मानव पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) इंफेक्श न (एचपीवी) कहा जाता है। यह वायरल संक्रमण जो गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के लगभग सभी मामलों के लिए जिम्मेदार है।

पराबैंगनी किरणों से बचें

आज के समय स्किन कैंसर में भी एक बहुत ही बड़ी बीमारी बनकर उभर रही है। यह पुरुषों और महिलाओं के बीच सबसे कॉमन प्रकार का कैंसर है। यह शरीर के उस अंग की त्वचा में होता है जहां सूर्य की किरणें सीधी पड़ती है।

स्किन कैंसर को रोकने के लिए पहला कदम पराबैंगनी (यूवी) रे एक्सपोजर से बचने के लिए कहा जाता है। स्किन कैंसर के इलाज के लिए आप सनस्क्रीन पहने, दोपहर की धूप से बचने के लिए आप सुरक्षात्मक कपड़ों के साथ बाहर निकलिए। यह भी याद रखना महत्वपूर्ण है कि शरीर के उन हिस्सों में भी त्वचा के कैंसर विकसित हो सकते हैं, जहां सूर्य का प्रकाश नहीं पड़ा हो।

कैंसर से बचाव के लिए शराब का सीमित मात्रा में सेवन

यह किसी को आश्चर्यचकित हो सकता है कि अत्यधिक शराब पीने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए शराब कितनी पीनी चाहिए इस बात की जानकारी होनी चाहिए। कई अध्ययनों से पता चला है कि जो पुरुष प्रति दिन दो से ज्यादा ड्रिंक लेते हैं और जो महिला एक से ज्यादा ड्रिंक लेती है उनमें हेपैटोसेलुलर कार्सिनोमा के विकास के साथ-साथ अन्य कैंसर की कई संभावना रहती है। दरअसल, दैनिक आधार पर हर 10 ग्राम शराब के सेवन के साथ कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा सात प्रतिशत बढ़ जाता है।