ऑटोइम्यून रोग: जाने इसके प्रकार

ऑटोइम्यून बीमारी क्या है? ऑटोइम्यून रोग वो रोग होते हैं, जिनके होने पर किसी जीव की इम्यून प्रणाली अपने ही ऊतकों या शरीर में उपस्थित अन्य पदार्थों को विषाणु समझने की गलती करती है इसलिए उन पर हमला कर देती है।

ऑटोइम्यून रोग के प्रकार

टाइप 1 डायबिटीज

इम्यून सिस्टम पैंक्रियास में इंसुलिन के उत्पादन करने वाली कोशिकाओं पर हमला करता है और उन्हें नष्ट करता है। इस प्रकार यह ऑटोइम्यून बीमारी शरीर के विभिन्न अंगों जैसे हृदय, किडनी, आंखों आदि को अतिरिक्त शुगर से नुकसान पहुंचा सकता है।

 

 

सिस्टेमिक ल्यूपस एरीथेमेटस

ल्यूपस एक ऑटोइम्यून रोग है जिसके होने पर शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली ज्यादा-सक्रिय हो जाती है और स्वस्थ ऊतकों पर हमला करती है। ल्यूपस रोग की स्थिति में एण्टीबॉडी रोगाणुओं एवं स्वस्थ ऊतकों में अंतर नहीं कर पाते और स्वस्थ ऊतकों पर भी हमला करना शुरू कर देते हैं।

इंफ्लेमेटरी बोवेल रोग

इंफ्लेमेटरी बोवेल डिजीज (आईबीडी) का मतलब है हमारी आंतों से जुड़ी सभी किस्म की समस्याएं। वास्तव में पाचनतंत्र जो कि मुंह, भोजन नलिका, पेट, छोटी आंतें और बड़ी आंतों से मिलकर बनता है। यदि किसी व्यक्ति विशेष को इंफ्लेमेटरी बोवेल रोग हो जाए तो उसे तुरंत चिकित्सक के सलाह से अपना इलाज कराना चाहिए।

सोरायसिस

सोरायसिस एक ऑटोइम्यून रोग माना जाता है। सोरायसिस चमड़ी पर होने वाली एक ऐसी बीमारी है जिसमें त्वचा पर एक मोटी परत जम जाती है। वैसे सोरायसिस एक संक्रामक रोग नहीं है। सोरायसिस आमतौर पर कोहनी, घुटनों और सिर की त्वचा को प्रभावित करता है।

एडिसन रोग

यदि एड्रेनल ग्रंथियां पर्याप्त मात्रा में हॉर्मोन नहीं बनाती हैं तो ऐसे एडिसन रोग हो जाता है। आमतौर पर, आपकी इम्यून प्रणाली में समस्या की वजह से एडिसन रोग होता है। यह आपकी एड्रेनल ग्रंथियों को खराब करके, आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से आपके अपने ऊतकों पर हमला करने लगती है, जोकि एक ऑटोइम्यून रोग है।

स्जोग्रेन रोग

स्जोग्रेन की बीमारी अन्य ऑटोइम्यून विकारों से भी जुड़ी हुई है। स्जोग्रेन की बीमारी में, सफेद रक्त कोशिकाओं द्वारा लार ग्रंथियां, आंसू ग्रंथियां, और अन्य ऊतकों पर हमला होता है। इससे शरीर के आंसू और लार उत्पादन में कमी के कारण मुंह और आंखों की शुष्कता हो जाती है।

मियासथीनिया ग्रेविस

मैथेथेनिया ग्रेविस एक न्यूरोलॉजिकल रोग है जिसमें कंकाल की मांसपेशियां कमजोरी की ओर जाती है। सबसे अधिक आंखों, चेहरे और निगलने वाली मांसपेशियां प्रभावित होती हैं और इससे दोहरी दृष्टि, पलकें गिरना, बोलने और चलने में परेशानी होती है।

वस्क्यूलिटिस

वस्क्यूलिटिस तब होता है जब इम्यून प्रणाली रक्त वाहिकाओं पर हमला करती है, जो सूजन करती है और जिससे धमनियां और नसें संकरी हो जाती है तथा जिससे नसों में कम खून का प्रवाह होता है।

सीलिएक रोग

सीलिएक बीमारी, एक लम्बे समय का ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है, जो अधिक संवेदनशील लोगों में मुख्य रूप से छोटी आंत को प्रभावित करती है। सीलिएक रोग ग्लूटेन की प्रतिक्रिया के कारण होता है, जो गेहूं, जौ और राई में पाए जाने वाले विभिन्न प्रोटीनों में से एक घटक होता है।

रूमेटाइड अर्थराइटिस

रूमेटाइड अर्थराइटिस या गठिया में, इम्यून तंत्र ही शरीर के जोड़ों पर हमला करता है। रहूमटॉइड गठिया एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है। इससे जोड़ों में दर्द, जकड़न, सूजन और जोड़ों की गति सीमित हो जाती है। अधिकतर यह हाथों और पैरों के छोटे जोड़ों को प्रभावित करता है।