अस्थमा में बच्चों की डाइट

शहरों में तेजी से बदलते वातावरण की वजह से लोग कई तरह के रोगों के शिकार हो रहे हैं। आपको बता दें कि अस्थमा रोग की समस्या बढ़ते प्रदूषण के साथ और बढ़ रही है। प्रदूषण, खान-पान में मिलावट व शुद्धता में कमी के चलते अस्थमा जिसे आम भाषा में दमा भी कहते हैं, के मरीजों की संख्या में वृध्दि हुई है।

अगर दिल्ली की बात की जाए, तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक यहां की 11 फीसदी जनता अस्थमा से पीड़ित है। हैरान करने वाली बात ये है कि वायु प्रदूषण और बढ़ती धूम्रपान की लत इसकी बड़ी वजह मानी जा रही है। ऐसा माना जाता है कि जो कोई भी एक बार अस्थमा के गिरफ्त में आ जाए तो उससे छुटकारा पाना लगभग नामुमकिन है।

देखा गया है कि अस्थमा से ज्यादातर बच्चे शिकार हो रहे हैं। इसकी मुख्य वजह उनके अंदर इम्यूनिटी सिस्टम का कमजोर होना है। वैसे किसी भी बीमारी के होने या न होने में खान-पान का बहुत ही अहम रोल है। अगर आपके बच्चे अस्थमा के शिकार हैं तो आपको बहुत ही सावधानी से डाइट चार्ट को फोलों करना होगा। तो आइए जानते हैं कि अस्थमा में बच्चों को क्या खिलाना चाहिए और क्या नहीं।

1. केला, कचालू, अरबी और फूलगोभी ये कुछ ऐसे फल और सब्जियां हैं जिसकी सलाह अस्थमा से पीडि़त बच्चों को खाने के लिए दी जाती है। इसके अलावा बच्चों को सलाद खाने की आदत डालनी चाहिए। सलाद में मौसमी सब्जी, गाजर, टमाटर, खीरा, ककड़ी वगैरह दें।

2. छोटी उम्र में बच्चे खट्टी और मिट्ठी चीजों के शौकीन होते हैं, लेकिन अस्थमा के रोगी बच्चे को खाने में खट्टी चीजें न दें।

3. बहुत ज्यादा ठंड़ा पानी किसी के लिए नुकसान हो सकता है। अगर बच्चा अस्थमा रोग से पीड़ित है, तो उसे भी फ्रीज का ठंड़ा पानी न दें। फ्रीज का ठंड़ा पानी पीने की जगह घड़े का पानी पीना चाहिए। अस्थमा रोग में यदि बच्चे को हल्का गुनगुना पानी पिलाया जाए तो यह न केवल उनके स्वास्थ्य के लिए सही होगा बल्कि अस्थमा रोग में भी सही काम करेगा।

4. अगर आपके बच्चे को चावल खाने की आदत है, तो ध्यान दीजिए अस्थमा रोग में चावल उसकी तकलीफों को और बढ़ा सकता है। इसलिए जितना हो सके चावल देने से बचें।

5. अस्थमा से ग्रसित बच्चे को खाना देते समय इस बात का ध्यान देना चाहिए कि वह खाना बहुत ही हल्का हो। क्योंकि बच्चों के मामले में हाई कैलोरी युक्त भोजन सांस लेने में दिक्कत पैदा कर सकता है।

6. अस्थमा से पीड़ित बच्चे को शहद और मुनक्का खिलाएं। यह घरेलू नुक्खा बच्चे को फायदा पहुंचाने का काम करता है।

7. हल्दी एक कुदरती एंटीबायोटिक होती है इसलिए बच्चों को दूध में हल्दी मिलकार पिलाएं।